
15/08/2025
आज का ही दिन था आधी रात हो चुकी थी पूरी दुनिया सो रहीं थीं । लेकिन एक देश जो जग कर एक पल का इंतज़ार कर रहा था वो प्रतीक्षा थी स्वतंत्र होने की ख़ुद को आज़ाद होते हुए देखने की।आख़िर कार वो लम्हा आया जब आधी रात को ये ऐलान करते हुएं कहा गया कि अब हम आज़ाद है
लेकिन ये आज़ादी हासिल करने में हमें तकरीबन 200 साल लग गए कई पीढ़ी हमारी ख़त्म हो गई । कई लाख हमारे नौजवान शहीद हो गए न जाने कितनी कुर्बानियों के बाद हमे ये आज़ादी नसीब हुई थीं ।
जब 14 अगस्त 1947 की आधी रात को ये ख़बर मिली कि हम अंग्रेज़ी सत्ता से मुक्त हो गए हैं तो पूरे देश में एक खुशी की लहर दौड़ गई और लोग जश्न मनाने लगे लोग रात ही में ही अपने अपने सवारियों और पैदल ही दिल्ली की तरफ रवाना हो गए
सुबह होते होते दिल्ली लाखों लोगों से भड़ गई थी लोगों में जोश था जुनून था इन्कलाब का नारा था
गांधी ,नेहरू , पटेल , कलाम , जैसे नेताओं की जयकार थी लोग बहुत खुश थे उन्हें लगता था कि वो आज़ाद हो गए उन्हें लगता था उनकी कुर्बानी रंग लाई है उन्हें लगता था कि
अब वे सरकार द्वारा नहीं सताए जाएंगे,
उन्हें लगता था कि अब कोई सरकारी नौकर आकर उन्हें गाली नहीं देगा
उन्हें लगता था उनके उपज का उन्हें सही कीमत मिलने लगेगा, वो खुश थे कि कोई पुलिस आकर यूंही उन्हें मारने नहीं लग जाएगी ,वो खुश थे कि अब सरकार उनकी होगी,वो खुश थे कि अब उनके बच्चे भी अच्छी शिक्षा हासिल करेंगे ,वो खुश थे कि अब उन्हें भी अच्छ उपचार मिल पाएगा ,वो खुश थे कि वो आज़ाद रहेंगे ,वो खुश थे कोई भेद भाव उनके साथ नहीं किया जाएगा ,वो खुश थे उनकी मर्जी की सरकार होगी वो खुश थे कि उन्हें साहूकारों से आजादी मिल जाएगी ,वो खुश थे कि भारत देश संसाधनों पर उनका का भी हक होगा ,वो खुश थे देश आज़ाद हो रहा हैं । लेकिन अफ़सोस जितनी कुर्बानी हमने आज़ाद होने के लिए दी थी हम उसे बचाकर नहीं रख पाए ।
जो जुल्म अग्रेंजी सरकार करती थी आज हमारी चुनी हुई सरकार भी उसी के रास्ते पर है ,
देश को आज़ाद हुए यूं तो 78 साल हो गए लेकिन हमारी पुलिस आज भी कोई अग्रेंजी पुलिस से कम सितम नहीं करती ये आज भी बेकसूर लोगों को पकड़ कर जेलों के अंदर डालती है कई बार तो इतना मारा पीटा जाता है कि थाने में ही मौत तक हो जाती हैं
आज़ादी के 78 साल बाद भी हमारी न्याय पालिका शक के घेरे में है 20,20 साल जेल में रहने के बाद लोगों को कहा जाता है की आप तो बेगुनाह है ।
आज़ादी के 78 साल बाद भी हमारी स्वस्थ व्यवस्था बीमारू बनी हुई हैं आज अस्पतालों में मरीज़ को एक बेड तक नहीं मिल पाता और जो बड़े बड़े सरकारी हॉस्पिटल हैं उसमें इलाज़ करवाना जंग जीतने से मुश्किल होता है 2 साल बाद तो नंबर ही आता है
और आज़ादी के 78 साल बाद भी हम हमारे बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे पा रहे है आज कोई भी सरकारी स्कूल ऐसा नहीं है जिस में अमीर के बच्चे पढ़ते हो
आज़ादी के 78 साल बाद भी हम अपने युवा को एक अच्छी नौकरी नहीं दे पा रहे है
यूं तो हमारा मुकाबला चीन के साथ होता है लेकिन हमारे GDP से 5 गुणा ज्यादा चीन की GDP बड़ी है
1990 तक दोनों देश लगभग बराबर थे , और पिछले 35 सालों में ये अंतर आ गया आख़िर ऐसा क्यों हुआ सोचने की बात तो है ही
आज हमारी सरकार मंदिर बनवाती है स्कूल नहीं
मूर्ति बनवाती है फैक्ट्री नहीं
देश को ज़रूरत है एक ऐसे लीडर की जिसके अन्दर इक्षाशक्ति हो देश को फिर से विकास के रास्ते पर ले जाने की ग़रीबों को ग़रीबी से निकालने की , युवाओं को नौकरी देने की, बच्चों को अच्छी शिक्षा देने की ,बीमारों को अच्छ अस्पताल देने की , भ्रष्टाचार से लड़ने की अच्छे और इमानदार नेताओं को आगे लाने की , न्यायालय को दुरुस्त करने की ,पुलिस को लोगो के सेवा के लिए तैयार करने की
आज जरूरत ऐसे नेता की जो गांधी के रास्ते पर चले हिन्दू और मुस्लिम दोनों को एक माने नफ़रत से बचाएं
आप सभी देश वासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
#स्वतंत्रतादिवस Rahul Gandhi News12India Narendra Modi Imran Pratapgarhi