07/10/2025
महाबोधि महाविहार मुक्ति आंदोलन को लेकर आरोप प्रत्यारोप थमने का नाम नही ले रहा प्रो डॉ विलास खरात लिखते हैं... क्या कथाकथित नकली अंबेडकरवादी रामदास आठवले महाबोधि महाविहार मुक्त कराएंगे?
रामदास आठवले के साथ यह बैठे, खाना खा रहे भंते, चंदू बोधि पाटिल आदि लोग है उन्हें समाज सवाल करेंगे।
रामदास आठवले के साथ पिछली मीटिंग में RSS से डायरेक्ट जुड़े भंते राहुल बोधि भी थे।यही वह भंते थे जिन्हें मोहन भागवत ने राम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में बुलाया था।साकेत बौद्ध स्थल है जिसपर विदेशी ब्राह्मण मोहन भागवत ने जजेस को खरीदकर नाजायज कब्जा किया है। राहुल बोधि (मुंबई)को इसी वर्ष RSS ने समरसता मंच के सम्मेलन का (नांदेड़) उदघाटक बनाया था।इसके पीछे भी हेतु यही था कि बौद्ध भिक्खू ही RSS से जुड़कर हेडगेवार, गोलवलकर का गुणगान गा रहे है तो क्या बौद्ध भिक्खू,लोग बोधगया मुक्ति चलाएंगे?यही संदेश देना वे चाहते थे।वहीं हुआ।और RSS ने योजना बनाकर आंदोलन कारियो को आठवले द्वारा मैनेज किया।
बहुत पहलेहमने बताया था कि महाबोधि महाविहार मुक्ति आंदोलन से RSS भाजपा डरा हुआ है।
इसका सबूत दीक्षाभूमि पर इस वर्ष देवेंद्र फडणवीस आया नहीं था।उसे डर था कि उसे लोग जूते से सम्मानित करेंगे।
वह आया नहीं।
रामदास आठवले महानगर पालिका के चुनाव के लिए इन लोगों का और इस मुद्दे का इस्तेमाल कर रहा है।
जो लोग महाबोधि महाविहार मुक्ति आंदोलन को लेकर समाज को अलग बता रहे है और गुपचुप तरीके से RSS से डायरेक्ट जुड़े लोगों के साथ मीटिंग और खानपान कर रहे है उन लोग को क्या कहना?
चंद्रबोधी पाटिल के गुरु पीजी ज्योतिकार जीवनभर RSS से लगाव करनेवाले रहे है।एक बार मैने खुद पाटिल जी को पीछा था कि आपके आठवले जी के साथ अच्छे संबंध है।कल मान लो को कोई ब्राह्मणवाद के खिलाफ कोई जंग शुरू हुई तो और सरकार ने आपको वाया रामदास आठवले द्वारा आंदोलन रोकने के लिए कहा तो आप क्या करेंगे? उन्होंने कहा रामदास जी की मानेंगे।
साकेत के मामले में यही हुआ था ऐसी लोग चर्चा करते है।
महाबोधि महाविहार मुक्ति आंदोलन पवित्र आंदोलन है।इसे बदनाम होने से बचाना होगा।
सिद्धांत विहीन लोग इसे नहीं चला सकते।
आकाश लामा और पाटिल इसे नहीं चला सकते।
RSS भाजपा के लोगो से सावधान होना चाहिए।
बाकी आपकी मर्जी!
भाजपा, RSS का पक्ष लिया इसलिए जिस समाज ने जोगेंद्र कवाड़े को नकारा फिर जो आगे भी RSS भाजपा के साथ खड़ा रहे उसे भी समाज नकार सकता है।यही सच है।