30/10/2025
मोकामा में दुलारचंद यादव की हत्या, दुलारचंद यादव कभी नीतीश कुमार और लालू यादव दोनों के करीबी रहे हैं, आपराधिक रिकॉर्ड भी भरकर था। अभी जन सुराज के प्रत्याशी का प्रचार कर रहे थे।
चुनाव के समय हत्या क्यों होते हैं? कई कारण हो सकते हैं। जैसे, कोई अपने समाज का वोट काटकर कहीं और जुड़वा रहा हो तब। या किसी से पुरानी दुश्मनी। सोशल मीडिया पर खुद को मोकामा का बताकर, लिखने वाले तो यहां तक लिख रहे कि कुछ समाज ने इस खबर से चैन की सांस ली, पटाखे फूटे। सच या झूठ, नहीं मालूम।
स्वाभाविक था कि पहला आरोप मोकामा से जदयू के आपराधिक चरित्र के प्रत्याशी अनंत सिंह पर ही लगना था। वहीं अनंत सिंह में राजद के सुरजभान सिंह पर आरोप लगा दिया है। हर बिंदु पर जांच होनी चाहिए।
पुलिस जल्द जांच कर मामले में तथ्य सामने लाये।
ये हत्या पूरे चुनाव को जातिवादी की आग में झोंकने के लिए भी हो सकती है। अब तक बिहार चुनाव में धर्म या जाति का बदनाम रंग,पहले की तरह चढ़ नहीं पाया था। इसलिए भी ये षड्यंत्र हो सकता है। पहले मजहबी आग भड़काने का प्रयास दो कौड़ी के नेता ने किया था, वक्फ पर बयान देकर, अब ये हत्या। आशा है, मीडिया व मतदाता, दोनों ही बिहार चुनाव में चर्चा का केंद्र विकास के मुद्दे पर ही रखेंगे। वरना यहां तो सेकंड में ही नेता लोग, पूरी चर्चा को धर्म-या जातिवाद की आग में झोंक देंगे। उनका फायदा होता है। वरना फिर किये गए वादों का बजटीय गणित , व उद्योग लाने में भूमि की कमी का मूढ़ ज्ञान समझाना पड़ रहा है, देख ही रहे होंगे।