01/11/2023
ये हमारे वही जगत गुरु श्री रामभद्राचार्य जी गुरु भगवान जी हैं जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में रामलला के पक्ष में वेद पुराण के उद्धारण के साथ गवाही दी थी।
दृश्य था उच्चतम न्यायलय का भगवान श्री राम जन्मभूमि के पक्ष में वादी के रूप में उपस्थित थे धर्मचक्रवर्ती, तुलसीपीठ के संस्थापक, पद्मविभूषण, जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी जो विवादित स्थल पर श्रीराम जन्मभूमि होने के पक्ष में शास्त्रों से प्रमाण पर प्रमाण दिये जा रहे थे। न्यायाधीश की कुर्सी पर बैठा व्यक्ति मुसलमान था, उसने छूटते ही चुभता सा प्रश्न किया...
आप लोग हर बात में वेदों से प्रमाण माँगते हैं तो क्या वेदों से ही प्रमाण दे सकते हैं कि भगवान श्रीराम का जन्म अयोध्या में उस स्थल पर ही हुआ था?
जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी (जो प्रज्ञाचक्षु हैं) ने बिना एक क्षण भी गँवावे कहा , "दे सकता हूँ महोदय"... और उन्होंने ऋग्वेद की जैमिनीय संहिता से उद्धरण देना शुरू किया जिसमें सरयू नदी के स्थान विशेष से दिशा और दूरी का बिल्कुल सटीक ब्यौरा देते हुये भगवान श्रीराम जन्मभूमि की स्थिति बतायी गयी है।
कोर्ट के आदेश से जैमिनीय संहिता मँगायी गयी और उसमें जगद्गुरु जी द्वारा निर्दिष्ट संख्या को खोलकर देखा गया और समस्त विवरण सही पाये गये जिस स्थान पर भगवान श्रीराम जन्मभूमि की स्थिति बतायी गयी है विवादित स्थल ठीक उसी स्थान पर है। और जगद्गुरु जी के वक्तव्य ने फैसले का रुख हिन्दुओं की तरफ मोड़ दिया।
मुसलमान जज ने स्वीकार किया आज मैंने भारतीय प्रज्ञा का चमत्कार देखा एक व्यक्ति जो भौतिक आँखों से रहित है, कैसे वेदों और शास्त्रों के विशाल वाङ्मय से उद्धरण दिये जा रहा था? यह ईश्वरीय शक्ति नहीं तो और क्या है?
केवल दो माह की उम्र में आँखों की रोशनी चली गयी, आज 22 भाषायें आती हैं, 80 ग्रन्थों की रचना कर चुके हैं।
सनातन धर्म को दुनिया का सबसे पुराना धर्म कहा जाता है। वेदों और पुराणों के अनुसार सनातन धर्म तब से है जब ये सृष्टि ईश्वर ने बनायी। जिसे बाद में साधु और संन्यासियों ने आगे बढ़ाया ऐसे ही आठवीं सदी में शंकराचार्य जी आये, जिन्होंने सनातन धर्म को आगे बढ़ाने में मदद की पद्मविभूषण रामभद्राचार्यजी एक ऐसे संन्यासी के हैं जो अपनी दिव्यांगता को हराकर जगद्गुरू बनें।
1. जगद्गुरु रामभद्राचार्य चित्रकूट में रहते हैं। उनका वास्तविक नाम गिरधर मिश्रा है...!
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जय श्री राम 🙏🚩