
22/08/2025
पौंग बांध में क्रूज नहीं, 15 सितंबर से शिकारा और पैडल बोट की सवारी शुरू..........
गोबिंदसागर झील की तर्ज पर कांगड़ा के पौंग बांध में क्रूज चलाने की योजना पर पानी फिर गया है। अब यहां केवल शिकारा और पैडल बोट ही चलेंगी। 15 सितंबर से पर्यटक शिकारा की सवारी का आनंद ले सकेंगे। शुरुआत में चार शिकारे उपलब्ध होंगे।
क्रूज या मिनी क्रूज के लिए बड़े बांध या समुद्र जैसे विस्तृत जलक्षेत्र की आवश्यकता होती है, लेकिन कांगड़ा में यह संभव नहीं हो पाया। साथ ही, फतेहपुर और इंदौरा से सटा पौंग बांध का अधिकांश हिस्सा वन्यजीव अभयारण्य में आता है, जहां वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक है।
भाखड़ा बांध प्रबंधन बोर्ड द्वारा बनाए गए इस बांध में वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र के अलावा बहुत कम भूमि राज्य सरकार के पास है। फिलहाल यहां युवा सेवाएं एवं खेल मंत्रालय के अंतर्गत अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड अलाइड स्पोर्ट्स के माध्यम से वाटर स्पोर्ट्स और साहसिक गतिविधियां चलाई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बिलासपुर की तर्ज पर पौंग बांध में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विस्तृत योजना बनाने के निर्देश दिए थे। हालांकि, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की बाधाओं के कारण अब यहां केवल शिकारा और पैडल बोट चलाने की ही योजना है।
पर्यटन विकास विभाग ने संबंधित कंपनियों के साथ शिकारा संचालन के अनुबंध और अन्य औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। 15 सितंबर से पर्यटन गतिविधियां शुरू हो जाएंगी। फिलहाल क्रूज की सुविधा संभव नहीं है, लेकिन यदि आगे अनुमति मिली तो इसे शुरू किया जा सकता है।
— विनय धीमान, उपनिदेशक, पर्यटन विकास विभाग, धर्मशाला