मास्टर सतबीर का फैन

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होया आनंद कबीला सारा था, जब सुणी थी बटेऊ के आवण की ।। जाणैं रजपूता के कायदे नै, अलग कमरे म्य ठहरादे नै,सन्तरी तोश्क-तकिय...
15/09/2025

होया आनंद कबीला सारा था,
जब सुणी थी बटेऊ के आवण की ।।

जाणैं रजपूता के कायदे नै,
अलग कमरे म्य ठहरादे नै,
सन्तरी तोश्क-तकिया लादे नै, लेज्या दरी और दत्ती बिछावण की ।।

ईश्वर सबके कारज सारै सै,
बेड़ा तै भगतां का पार तारै सै,
जिसा आज उमंग रंग म्हारै सै, इसी फेर घड़ी ना थ्यावण की ।।

तजदो बुरी शक्ल नालाकी,
बधैं ना बुरी बात मै साखी,
मनै तीळ रेशमी ल्या राखी, किसी कर री सो ढील पहरावण की ।।

#लख्मीचन्द भेद विधी सारी का,
इस रंगत प्यारी-प्यारी का,
गाणा हो लयदारी का, घणखरे रीस करैं मुहं बावण की ।।

मास्टर सतबीर का फैन पेज पर आप सभी संस्कृति प्रेमियों का स्वागत है ।
15/09/2025

मास्टर सतबीर का फैन पेज पर आप सभी संस्कृति प्रेमियों का स्वागत है ।

हरियाणवी संस्कृति के स्तंभ मास्टर सतबीर जी को नमन 💐मास्टर सतबीर का फैन
14/09/2025

हरियाणवी संस्कृति के स्तंभ मास्टर सतबीर जी को नमन 💐
मास्टर सतबीर का फैन

पांच कदम से मुजरा किन्हा, झूक कै करी थी सलाम ।। बड़ा रजपूत शूरमा नामी, होग्या खड़ा तख्त की स्याहमी, मुस्लमान को दई सलामी...
14/09/2025

पांच कदम से मुजरा किन्हा, झूक कै करी थी सलाम ।।

बड़ा रजपूत शूरमा नामी,
होग्या खड़ा तख्त की स्याहमी,
मुस्लमान को दई सलामी, और हिन्दू को प्रणाम ।।

सब दरबार सजा हुआ पाग्या,
देखकै आनंद दिल में छाग्या,
उठकै पाजी फेरण लाग्या, ताजी की पकड़ लगाम ।।

तुम मनै देख प्रेम मै भरियों,
ध्यान हरी का धरियो,
तुम मेरी सारे रक्षा करियो, जितणे रजपूत तमाम ।।

मोती कद पोया जा लड़ में,
भरया रस केले के-सी घड़ में,
गुरू मानसिंह की जड़ मै, रहै #लख्मीचन्द गुलाम ।।

सतयुग त्रेता द्वार से कलियुग का पहरा खोटा,चार वर्ण एकसार हुए कोई बडा रहा न छोटा ।।सतयुग में हमारी विप्र कौम केहरी ज्यूँ ...
13/09/2025

सतयुग त्रेता द्वार से कलियुग का पहरा खोटा,
चार वर्ण एकसार हुए कोई बडा रहा न छोटा ।।

सतयुग में हमारी विप्र कौम केहरी ज्यूँ कूक्या करती,
त्रेता में जो बात कहदी कोन्या उक्या करती,
द्वापर में इनकी धोती अम्बर में सूक्या करती,
कलियुग में ऐसे कर्म करे जिन्हें दुनियां थूक्या करती।,
करकै भेष जनाना अब नाचण का मारैं जोटा ।।

सतयुग में क्षत्री बच्चे थे मरदाने करतूती,
त्रेता में गऊ विप्र रक्षक महक गई राजपूती,
द्वापर में सिंह मारया करते ऐसी थी मजबूती,
कलियुग में रजपूत इसे जिनसे नहीं मरती कुत्ती,
ठाले साफा धोती जूती बेल्ला थाली लोटा ।।

सतयुग में धर्मार्थ सेठ भण्डारे खोलण लागे,
त्रेता में पुन दान के तप से निर्भय डोलन लागे,
द्वापर में सब झूठ तजी बिल्कुल सच बोलण लागे,
कलयुग में सब साहूकार झूठ बोलैं कम तोलण लागे,
दमड़ी पर सौ-सौ नेम करैं सबका गया लिकड़ लंगोटा ।।

सतयुग में खाते शूद्र मेहनत से उदर भरकै,
त्रेता में गुजारा करैं थे खिदमतगारी करकै,
द्वापर में तीनों वर्णें से रहा करै थे डरकै,
कलयुग में शूद्रों का झंडा सबसे उंचा फरकै,
हरिकेश से नहीं खुलै ये बंध गया भरम भरोटा ।।

इस रागनी की टेक बताना #दादा  #लखमीचन्द
12/09/2025

इस रागनी की टेक बताना

#दादा #लखमीचन्द

 #दादा  #लखमीचंद की कौनसी  #रागनी आपको ज्यादा अच्छी लगती है .......
11/09/2025

#दादा #लखमीचंद की कौनसी #रागनी आपको ज्यादा अच्छी लगती है .......

वार्ता :— यह राजा नल का चरित्र ब्रहदस ऋषि महाराजा युधिष्ठर को सुना रहे थे। युधिष्ठर ने कहा कि महाराज हमारे को नल-दमयन्ती...
10/09/2025

वार्ता :— यह राजा नल का चरित्र ब्रहदस ऋषि महाराजा युधिष्ठर को सुना रहे थे। युधिष्ठर ने कहा कि महाराज हमारे को नल-दमयन्ती का चरित्र खोलकर सुनाने का कष्ट करो। अब ऋषि जी सारी कथा सुनाते हैं।

समझ ना सकते जगत के मन पै, अज्ञान रूपी मल होग्या,
बेईमाने मैं मग्न रहैं सैं, गांठ-गांठ मैं छल होग्या ।। टेक ।।

भाई धोरै माँ जाया भाई, चाहता बैठणा पास नहीं,
मात—पिता गुरू शिष्य नै कहैं, मेरे चरण का दास नहीं,
बीर और मर्द कमाकै ल्यादें, पेट भरण की आस नहीं,
मित्र बणकै दगा कमाज्यां, नौकर का विश्वास नहीं,
जब से गारत महाभारत मैं, अठारा अक्षोणी दल होग्या ।।1।।

नियम-धर्म तप-दान छूटगे, न्यूं भारत पै जाल पड़े,
इन्द्र भी कम वर्षा करते, जल बिन सूखे ताल पड़े,
बावन जनक हुऐ ब्रह्मज्ञानी, वेद धर्म के ख्याल पड़े,
राजा शील ध्वज के राज मैं भी, बारह वर्ष तक काल पड़े,
उस काल का कारण समझण खातिर, त्यार जनक का हल होग्या ।।2।।

शिक्षा-कल्प व्याकरण-ज्योतिष, निरूकत छन्द की जाण नहीं,
श्रुति-स्मृति महाभारत, समझे अठारह पुराण नहीं,
बिन सतगुरू उपनिषदों के, ज्ञान की पहचान नहीं,
पढ़े-लिखे बिन मात-पिता गुरू, छोटे-बड़े की काण नहीं,
सत-पत गोपत विधि भाग बिन, सब कर्तव्य निष्फल होग्या ।।3।।

दुमत-दांत दमयन्ती-दमन, राजा भीमसैन कै कुन्दरपुर मैं,
देवता ऋषि और पितृ प्रसन्न कर, आनन्द करते थे घर मैं,
ऋषियों द्वारा यज्ञ कराकै, चार औलाद मिली वर मैं,
लखमीचन्द धर्म के सेवक, कभी नहीं रहते डर मैं,
सतयुग मैं एक निषध देश म्य, वीरसैन कै नल होग्या ।।4।।

कुलगाम मुठभेड़ में कैथल के लाल नरेंद्र  #शहीद, फोन पर  #मां से बोले थे 'इस बार दिवाली घर पर मनाएंगे', आज होगा अंतिम  #सं...
09/09/2025

कुलगाम मुठभेड़ में कैथल के लाल नरेंद्र #शहीद, फोन पर #मां से बोले थे 'इस बार दिवाली घर पर मनाएंगे', आज होगा अंतिम #संस्कार

शहीद नरेंद्र का पार्थिव शरीर मंगलवार को उनके पैतृक गांव लाया जाएगा. गांव में उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. जिला प्रशासन और सेना की टुकड़ियां अंतिम विदाई में शामिल होंगी. गांव रोहेड़ा में शोक की लहर है. लोग हाथों में तिरंगा और आंखों में आंसू लेकर अपने लाल को अंतिम सलामी देने के लिए तैयार हैं. नरेंद्र की शहादत ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि देश की रक्षा करने वाले जवान हर दिन अपने प्राणों की आहुति दे रहे हैं, ताकि देशवासी चैन से सो सकें.

🇮🇳😭💐

*इंसान को कोई चीज* *इतना नहीं बदल सकती,* *जितना उसके दिल पर गुजरी हुई तकलीफें* *उसे बदल देती है..!!*
08/09/2025

*इंसान को कोई चीज*
*इतना नहीं बदल सकती,*
*जितना उसके दिल पर गुजरी हुई तकलीफें*
*उसे बदल देती है..!!*

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