15/07/2025
गो गो लाइव का 483वां एपिसोड
कंचे, गिली डंडा खेला, शरारतें भी कीं-तरड़
श्रीगंगानगर। साहित्य प्रेमी, लिखने के शौकीन, एमए [पोलिटिकल साइंस], विधि स्नातक आत्मा राम तरड़ का कहना है कि बचपन मेँ खूब कंचे, गिली डंडा, कबड्डी खेली और शरारतें कीं। श्री तरड़ ने ये बात कल रात गो गो लाइव शो के 483 वें एपिसोड मेँ एंकर/पत्रकार गोविंद गोयल से अनौपचारिक संवाद के दौरान कही। श्री तरड़ ने बताया कि गाँव एक स्कूल मेँ पढ़ने के बाद श्रीगंगानगर के खालसा स्कूल मेँ दाखिला लिया। हालांकि पढ़ाई मेँ ठीक था, इसके बावजूद मास्टर की मार भी कभी कभी खाई।
आत्मा राम जी ने बताया कि बचपन मेँ उनका नाम पप्पू था, लेकिन आज अफसोस है कि कोई पप्पू कहने वाला नहीं। शतरंज खेलने वाले श्री तरड़ का कहना था कि स्कूल मेँ वो भाषण दिया करते थे और कॉलेज मेँ विभिन्न विषयों पर होने वाले डिबेट मेँ हिस्सा लेते थे। कभी प्रथम आते और कभी दूसरे स्थान पर। श्री तरड़ ने बताया, इच्छा थी कि सरकारी नौकरी करूँ या वकालत, लेकिन चूंकि मैं अकेला पुत्र था, इसलिये पिता जी ने खेती बाड़ी का काम संभलवा दिया। श्री तरड़ ने कहा कि हालांकि शतरंज खेलता था, किन्तु सियासत मेँ आने का नहीं सोचा था।
बेशक श्री तरड़ बीजेपी के जिलाध्यक्ष रहें हैं, इसके बावजूद इस एपिसोड मेँ राजनीति की कोई चर्चा नहीं की गई....बस अनौपचारिक चर्चा के माध्यम से एपिसोड को आगे बढ़ाया गया। श्री तरड़ के शब्दों मेँ 17 साल की उम्र मेँ शादी हो गई। लड़की वाले स्कूल मेँ ही मुझे देखने आए थी। उस वक्त मैं 11वीं कक्षा मेँ था। आपने लड़की देखी थी? आत्मा राम जी का जवाब, ना! उस वक्त तो जो घर के बुजुर्ग तय कर देते थे, उसी से शादी होती थी। लड़की को देखने का सवाल ही नहीं होता था।
उन्होंने बताया कि श्रीगंगानगर जिला ही उनकी जन्म और कर्म भूमि है। बीस साल की उम्र मेँ घर ज़िम्मेदारी संभालने लगा था। पिता जी ने खेती बाड़ी का काम सौंप दिया था। लिखने का शौक था। 1991 के बाद अनेक लेख स्थानीय अखबार मेँ प्रकाशित हुये। अब सोशल मीडिया पर स्टेटस लगाता हूँ तो बड़ी संख्या मेँ लोग पढ़ते हैं। फोन करते हैं। लिखे की प्रशंसा करते हैं। श्री तरड़ ने कहा कि वो ऐसा लिखते हैं ताकि पढ़ने वालों मेँ अगर निराशा के भाव हों तो वो निराशा दूर हो जाये।
श्री तरड़ ने कहा कि बचपन से अब तक बहुत कुछ बदल चुका है। नैतिक मूल्यों मेँ गिरावट आई है। भ्रष्टाचार बढ़ा है। बात की वैल्यू कम हुई है। किसी जमाने मेँ शिक्षक का बहुत अधिक सम्मान था। गलती पर शिक्षक डांट देता था....आते जाते भी ऐसा हो जाता, परंतु अब वो बात नहीं है। श्री तरड़ ने कहा कि आज कि युवाओं को इस विषय पर चिंतन करना चाहिये। श्री तरड़ ने बताया कि उन्होंने शाह सतनाम जी से नाम दान लिया था। इस वजह से पूरी तरह से सात्विक आहार लेता हूँ। किसी प्रकार का नशा नहीं करता।
श्री तरड़ ने बताया कि स्कूल कॉलेज के अनेक दोस्त आज भी संपर्क मेँ हैं। जिनसे लगातार संवाद होता है। उनके पारिवारिक कार्यक्रमों मेँ आना जाना है। दोस्तों से बिना किसी औपचारिकता से विभिन्न विषयों पर चर्चा होती है। इस अनौपचारिक एपिसोड मेँ श्री तरड़ से और क्या संवाद हुआ ये जानने के लिये आप गो गो लाइव शो का वीडियो देख सकते हैं। आप यू ट्यूब पर भी गो गो लाइव शो पेज पर आत्माराम जी तरड़ के साथ हुये इस संवाद को सुन देख सकते हैं। हालांकि आत्मा राम तरड़ पोलिटिकल व्यक्ति हैं, लेकिन हमने उनके राजनेता की बजाए दूसरे व्यक्तित्व की चर्चा की। [समाप्त]