मेरी कलम से

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13/06/2025

"समझ लेना इश्क है "
माथे की बिंदिया प्यारी लगने लगे तो समझ लेना इश्क है।
भाव चेहरे के पढ़ने लगे तो समझ लेना इश्क है।
बात मन की समझने लगे तो समझ लेना इश्क है।
बातों को ध्यान से सुनने लगे तो समझ लेना इश्क है।
खामोशियों को पढ़ने लगे तो समझ लेना इश्क है। नादानियों को नजर अंदाज करने लगे तो समझ लेना इश्क है।
गलतियों पर समझाने लगे तो समझ लेना इश्क है।
तारीफ़ विचारों की करने लगे तो समझ लेना इश्क है।
हुस्न की जगह प्यार झुर्रियों से करने लगे तो समझ लेना इश्क है।
शशिकला नेगी भण्डारी श्रीनगर गढ़वाल

12/06/2025

मां मुझे अपना बचपन बहुत याद आता है।
मैं वक्त के हाथों मजबूर हूँ क्योंकि मैं तेरे पास नहीं हूँ,
लेकिन बचपन में तेरा हर वक्त मेरे पास होना बहुत याद आता है।
वो सर्द रातों में जब किया था बिस्तर गिला मैंने,
मुझे सुखे में सुलाकर तेरा वो गीले में सो जाना बहुत याद आता है।
जब होता था बीमार मैं तो रात भर जगकर मुझे,
तेरा सीने से चिपकाकर रखना बहुत याद आता है।
होकर खेलने में मस्त मैं समय से घर न पहुँचू तो,
तेरा वो मेरे लिए बेचैन होना बहुत याद आता है।
जब डांट देते थे पापा मेरी गलती पर मुझे तो,
तेरा वो चुपके से आकर मुझे प्यार कर जाना बहुत याद आता है।
मैं अबोध था तेरा दु:ख कभी महसूस ही न कर पाया,
तेरा वो दु:ख में भी मुस्कुरा देना बहुत याद आता है।
खिलाकर भरपेट पूरे परिवार को,
तेरा वो एक रोटी में भी संतुष्ट हो जाना बहुत याद आता है।
सुबह से लेकर रात तक दूसरों को खुश रखना,
तेरा वो बिना थके काम करना बहुत याद आता है।
मां मुझे अपना बचपन बहुत याद आता है।
बहुत याद आता है।
शशिकला नेगी भण्डारी
श्रीनगर गढ़वाल

10/06/2025

"कन्दूण छौ मि"
कैमा लगाण अपणि खैरि
सब्यूँकि सुणदू छौ मि
पर मेरि क्वी नि सुणदू ।
फैशन क खातिर जग जगों मा छिदयू छौ मि।
रोज रोज बदलि कुण्डलों क वजन ल चिरयूं छौ मि।
नजर क चश्मों क डंडों ल रगड़ि यूं छौ मि।
अर अब यूं मस्क क तौणों ल खिचयूं छौ मि ।
कैमा लगाण अपणि खैरि कन्दूण छौ मि ।
तुमर जिद्दीपन ल ब्वै बबु कु भी खूब छपड़ियूं छौ मि।
कामचोरी देखी तुमरा गुरूजियूं कु भी खूब कचमोड़ियूं छौ मि।
दादागिरी दिखै तुमल अर दगड़ियूं कु भी खूब बजयूं छौ मि।
बजार मा गाड़ियों कु होरन ल भी झसकियूं छौ मि।
ब्यौ बरतियों म डी जे कु शोर ल भी छळियूं छौ मि।
कैमा लगाण अपणि खैरि कन्दूण छौ मि ।
छुयाळयों कि छुई मा उजड़ि मवसियूं देखि रूणु छौ मि।
दान सयणों की खुदेण छुइयु ल भारि खुदेणु छौ मि।
अपणों कि बोलचाल बरसों बिटिक बंद च गैरों कि छुइयों मा पुलेणु छौ मि।
कैमा लगाण अपणि खैरि कन्दूण छौ मि ।
आज आणा पखाणा क्वी नि सुणादु बस अब मौन हुयूं छौ मि।
न दियूर भौजों कि खट्टि मजाक सुणेंदी अब ।
न दगडियों कि छुइयों कि रमछौळ सुणेंदी अब ।
सब हुयां छन मुबाइलों मा ब्यस्त यू देखिकि मि भि खौल्यूं छौ अब ।
कैमा लगाण अपणि खैरि कन्दूण छौ मि ।
शशिकला नेगी भण्डारी
श्रीनगर गढ़वाल

31/05/2025

सफ़र में धूप तो होगी जो चल सको तो चलो।
सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो ।
किसी के वास्ते राहें कहाँ बदलती हैं
तुम अपने आप को ख़ुद ही बदल सको तो चलो।
यहाँ किसी को कोई रास्ता नहीं देता
मुझे गिरा के अगर तुम सँभल सको तो चलो।
कहीं नहीं कोई सूरज धुआँ धुआँ है फ़ज़ा
ख़ुद अपने आप से बाहर निकल सको तो चलो।
यही है ज़िंदगी कुछ ख़्वाब चंद उम्मीदें
इन्हीं खिलौनों से तुम भी बहल सको तो चलो।
निदा फ़ाज़ली

19/05/2025

अपने बच्चों की परवरिश में गुणवत्ता पर ध्यान दें। उन्हें सिर्फ सुविधाएं प्रदान करने के बजाय आत्मनिर्भर बनाने पर काम करें।
पक्षी भी अपने बच्चों को उड़ने की कला सिखाते हैं, उन्हें घोंसले बनाकर नहीं देते हैं।
@शशिकला

👌🏻👍🏻
14/05/2025

👌🏻👍🏻

12/05/2025

नमस्कार, अन्तर्राष्ट्रीय नर्स दिवस की शुभकामनाएं।
नर्स हमारे समाज में एक अनमोल सेवा प्रदान करती हैं, उनकी मेहनत और समर्पण को सलाम।

मातृ दिवस की शुभ कामनाएँ, माता के प्यार और समर्पण को नमन!
11/05/2025

मातृ दिवस की शुभ कामनाएँ, माता के प्यार और समर्पण को नमन!

07/05/2025

बाधाएँ आती हैं आएँ
घिरे प्रलय की घोर घटाएँ,
पावों के नीचे अंगारे,
सिर पर बरसें यदि ज्वालाएँ
नीज हाथों में हँसते-हँसते ,
आग लगाकर जलना होगा,
कदम मिलाकर चलना होगा।
जय हिन्द 🇮🇳🇮🇳

01/05/2025

मजदूर दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 💐p
हम मजदूर हैं, मजदूर ही रहने दो।
अगर मजबूर जो हम हो गए तो,
बात फिर कुछ और होगी।
खैर मानो अपनी तब तक, जब तक कि हम कुछ बोल ना दें।
अगर बोल दिया हमने तो
बात फिर कुछ और होगी।
हम बुनियाद हैं तुम्हारे सिस्टम की हौंसले ना गिराओ हमारे, हिल गई जो बुनियाद तो बात फिर कुछ और होगी।
शशिकला नेगी भण्डारी
श्रीनगर गढ़वाल

मैंने सुना था दोस्ती इश्क है,मोहब्बत है, खुदा की इबादत है, लेकिन करने वालों का क्या  उसमें भी गद्दारी कर गए!!@मेरी कलम स...
30/04/2025

मैंने सुना था दोस्ती इश्क है,मोहब्बत है, खुदा की इबादत है,
लेकिन करने वालों का क्या उसमें भी गद्दारी कर गए!!
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