13/06/2025
"समझ लेना इश्क है "
माथे की बिंदिया प्यारी लगने लगे तो समझ लेना इश्क है।
भाव चेहरे के पढ़ने लगे तो समझ लेना इश्क है।
बात मन की समझने लगे तो समझ लेना इश्क है।
बातों को ध्यान से सुनने लगे तो समझ लेना इश्क है।
खामोशियों को पढ़ने लगे तो समझ लेना इश्क है। नादानियों को नजर अंदाज करने लगे तो समझ लेना इश्क है।
गलतियों पर समझाने लगे तो समझ लेना इश्क है।
तारीफ़ विचारों की करने लगे तो समझ लेना इश्क है।
हुस्न की जगह प्यार झुर्रियों से करने लगे तो समझ लेना इश्क है।
शशिकला नेगी भण्डारी श्रीनगर गढ़वाल