
20/08/2025
28 और 29 मार्च 2025 को आध्यात्मिक स्थल समालखा में सतगुरु माता जी एवम् आदरणीय राजपिता जी के सानिध्य में मिलवर्तन गोष्ठी में जिक्र किए गए मुख्य बिंदु।
सत्संग से संबंधित
1) सत्संग का समापन समय पर ही हो इस पर ध्यान दे ।
2) 1 घंटे की सत्संग में स्टेज विचार 15 मिनट 1:30 घंटे की सत्संग में 20 से 25 मिनट की 2 घंटे की सत्संग में 30 मिनट का समय स्टेज विचार के लिए हमने स्टेज पर विराजमान महात्मा को देना है ।
3) रविवार को होने वाली साध संगत में भी बहनों की सेवा स्टेज विचार के लिए लगाई लगानी है ।
4) साध संगत में महापुरुषों व बहनों पर कोई टीका टिप्पणी नहीं करनी है ।
5) सभी संत महात्मा साध संगत में मर्यादित वस्त्र ही पहनकर सत्संग वाले स्थान पर आए ।
6) साध संगत में हर वक्ता महात्मा सतगुरु का जयकारा ना लगाकर सीधा अपने विचार या रचना रखकर सतगुरु का आशीर्वाद प्राप्त करे ।
7) साध संगत में अगर कोई भी संत महात्मा आशीर्वाद मांगते है तो दातार कृपा करें ये ही बोलकर प्रार्थना करनी है जी ।
8) जन्मदिन और शादी की सालगिरह के दिन सत्संग की गरिमा बनाए रखे केक की रस्म धुनी के बाद ही होगी और इसमें हम गीत भी बोल सकते है I
9) शादी या प्रेरणा दिवस के सत्संग कार्यक्रम को सप्ताहिक सत्संग के कार्यक्रम में शामिल ना करे उसके लिए अलग से समय और दिन निर्धारित करे ।
10) शादी की सालगिरह में लांवा और सेहरा नहीं पढ़ना है केवल खुशी के गीत हम गा सकते हैं।
11) साध संगत में प्रबंधक महात्मा अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं करेंगे मर्यादित एवम् गुरमत वाली भाषा का ही प्रयोग हमने करना है ।
12) रसीद बुक की सेवा निभाने वाले महात्मा रसीद बुक के साथ एक डायरी में रसीद एंट्री जरूर करे ताकि रसीद बुक खोने कि स्थति में रिकॉर्ड मैंटेन रहे ।
13) साध संगत के जो महात्मा जो केवल सेवा के समय में ही सत्संग में आते है उनको नियमित सत्संग में आने की प्रेरणा भी जरूर दे ।
14) प्रबंधक महात्मा आपसी तालमेल बनाए रखे मुखी महात्मा की अनुपस्थिति में संचालक महात्मा और संचालक की अनुपस्थिति में मुखी एवम् शिक्षक महात्मा सेवा निभाए।
15) साध संगत में विचारो का आधार सम्पूर्ण अवतार वाणी संपूर्ण हरदेव वाणी और सतगुरु निरंकार और सेवा पर आधारित हो ।
16) साध संगत में हर दिन एक तरह के विचार ना हो रूह को खुराक देने वाले विचार ही साध संगत में हो।
17) साध संगत में सतगुरु के प्रति पैगम्बर शब्द का उच्चारण नहीं करना है ।
18)साध संगत में जो भी गीत बोले जाए वो मिशन की किताबों में से ही बोले जाए
सतगुरु में तेरी पतंग , रूह गद गद हो गई है , अज खुशियां ते खेडे तेरे करके ऐसे गीतों को साध संगत में ना बोला जाए ।
19) नमस्कार की माया सत्संग हॉल में ही गीनी जाए इसमें सेवादल के महात्माओं का भी सहयोग आप ले सकते है ।
20) लंगर का मेनयु मुखी महात्मा बनाएंगे सेवादल बनाने में वितरण करने में और वाइंडअप सेवा में सहयोग करेगा ।
सतगुरु माता जी द्वारा दिशा निर्देश
1) हम सब सेवादार है गुरसिख है ।
2) संत निरंकारी मिशन = केवल ब्रह्मज्ञान है ।
3) हम सब ने अपनी अवस्था को ठीक करना है व्यवस्था अपने आप ठीक हो जाएगी ।
3)अपनी साध संगत की व्यवस्था को सही बनाए रखने के लिए दूसरी और तीसरी लाइन भी तैयार रखें।
4) मुखी संयोजक संचालक शिक्षक सेवादल और साध संगत के साथ तालमेल बेहतर बनाकर रखे।
5) सोशल मीडिया पर सभी पोस्ट अवॉइड करे ना ही सतगुरु की फोटो को एडिट करकर लगाना है ।
6)कोई सेल्फ प्रोमोशन नहीं करना है ।
7) साध संगत में कोई भी मीडिया प्रभारी नहीं होगा ये संत निरंकारी मंडल दिल्ली से तय होगा ।
8) साध संगत में कोई वी एआई पी कल्चर नहीं होगा सभी संत पहले आकर पहले स्थान पाकर अपना स्थान लेंगे ।
9)साध संगत में ताली बजाना मना नहीं है पर ताली का गीत के साथ तालमेल हो ।
10)संगतो में भक्ति संगीत voice devine soul vibes एवं News Devine जैसे मिशन के हर महीने प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों से अवगत करावें ।
🙏धन निरंकार जी🙏