Yuva Shakti Nursery

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24/11/2025

यहाँ आपके द्वारा साझा की गई तस्वीर का हिंदी में विवरण दिया गया है:
चित्र का विवरण:
* पौधा (Plant): यह एक फिलोडेंड्रोन (Philodendron) प्रजाति का पौधा लग रहा है, जिसे अक्सर 'बर्ल मार्क्स' (Burle Marx) या इसी तरह की किसी किस्म के रूप में जाना जाता है। यह एक लोकप्रिय इनडोर प्लांट है।
* पत्तियां (Leaves): इसकी पत्तियां गहरे हरे रंग की, चमकदार और दिल या तीर के आकार (heart or arrow-shaped) की हैं। पत्तियां काफी घनी और स्वस्थ दिखाई दे रही हैं।
* बनावट (Texture): पत्तियों पर कुछ सफेद धब्बे या निशान दिखाई दे रहे हैं, जो संभवतः पानी सूखने के बाद बने हार्ड वॉटर (hard water) के दाग हैं।
* गमला (Pot): पौधा एक सफेद रंग के सिरेमिक या प्लास्टिक के गमले में लगा हुआ है, जिस पर थोड़ी बनावट (texture) या पैटर्न दिखाई दे रहा है।
क्या आप इस पौधे की देखभाल (care tips) के बारे में जानना चाहेंगे?

बाज़ार में मिलने वाला सिंदूर अक्सर चूना, हल्दी और पारे (मरकरी) के मिश्रण से तैयार किया जाता है। इसका रंग भले ही तेज़ दिख...
21/11/2025

बाज़ार में मिलने वाला सिंदूर अक्सर चूना, हल्दी और पारे (मरकरी) के मिश्रण से तैयार किया जाता है। इसका रंग भले ही तेज़ दिखता हो, मगर सेहत के लिहाज़ से यह नुकसानदेह हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा सिंदूर लगाने से कई लोगों को त्वचा पर एलर्जी, सिरदर्द और यहाँ तक कि हार्मोनल गड़बड़ी जैसी दिक्कतें भी हो सकती हैं।

🌿 क्या आप जानते हैं कि सिंदूर का एक प्राकृतिक पौधा भी होता है?
प्रकृति में एक ऐसा अद्भुत पौधा मौजूद है जिसे “सिंदूर का पौधा”, “कुमकुम ट्री” या वैज्ञानिक भाषा में Bixa orellana कहा जाता है। इसके लाल रंग के फलों के भीतर छोटे-छोटे बीज होते हैं, जिनसे शुद्ध, प्राकृतिक सिंदूर और लिपस्टिक तैयार की जाती है।

इन बीजों में पाया जाने वाला Bixin नामक प्राकृतिक रंगद्रव्य न केवल भोजन में प्रयोग होता है, बल्कि आयुर्वेदिक दवाओं और सौंदर्य प्रसाधनों में भी उपयोग किया जाता है। इसी कारण यह पौधा एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुणों से भरपूर माना जाता है।

🔹 घर पर ऐसे लगाएँ सिंदूर का पौधा

1. बीज द्वारा:
सूखे फलों से बीज निकालकर तैयार मिट्टी में बो दें।

2. कलम द्वारा:
स्वस्थ पौधे की एक काटिंग लेकर नई मिट्टी में रोप दें।

🌿 मिट्टी तैयार करने का तरीका

गमले या ग्रोबैग की मिट्टी को एक दिन धूप में फैलाकर सुखा लें ताकि कीट और अतिरिक्त नमी न रहे। इसके बाद उसमें गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट मिलाएँ और फिर बीज या पौधा लगा दें। लगभग एक वर्ष में पौधे पर लाल-लाल फल आने लगते हैं, जिनके भीतर मौजूद बीजों को पीसकर पूरी तरह प्राकृतिक सिंदूर प्राप्त किया जा सकता है। एक पौधा लगभग डेढ़ किलो तक सिंदूर देता है।

🇮🇳 सिंदूर का पौधा — राष्ट्रीय और नारी शक्ति का नया प्रतीक
विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर सिंदूर का पौधा लगाया। यह उन्हें कच्छ की उन वीर महिलाओं की ओर से भेंट में मिला था, जिन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध में अद्भुत साहस दिखाया था। पीएम मोदी ने इसे हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर से जोड़ते हुए कहा कि यह पौधा अब “राष्ट्रीय शक्ति और नारी शक्ति” का प्रतीक बन चुका है।

अगर यह जानकारी आपको उपयोगी लगी हो तो दूसरों तक भी पहुँचाएँ, ताकि सब जान सकें कि सिंदूर का असली स्रोत रसायन नहीं, बल्कि प्रकृति की यह अनमोल देन है। 🙏

प्रकृति ने हमें अनमोल औषधीय पौधों का खजाना दिया है, और उनमें से एक है  #भूमी  #आंवला — जिसे संस्कृत में भूम्यामलकी कहा ज...
20/11/2025

प्रकृति ने हमें अनमोल औषधीय पौधों का खजाना दिया है, और उनमें से एक है #भूमी #आंवला — जिसे संस्कृत में भूम्यामलकी कहा जाता है। यह पौधा छोटा जरूर होता है, लेकिन इसके औषधीय गुण बहुत बड़े हैं। आयुर्वेद में भूमी आंवला को “लीवर टॉनिक” और “पथरी नाशक पौधा” कहा गया है। इसका उपयोग सदियों से लीवर की बीमारियों, किडनी स्टोन, पाचन विकार और मधुमेह जैसी समस्याओं के उपचार में किया जाता रहा है।

🌿 भूमी आंवला पौधे की पहचान :--

भूमी आंवला एक छोटा हरा-भरा पौधा है जो जमीन के पास फैलकर बढ़ता है। इसके पत्ते आंवला के पत्तों जैसे होते हैं और इसकी डंठल के नीचे छोटे-छोटे हरे फल लगते हैं, जो दानों के समान दिखते हैं। यही फल इसके औषधीय गुणों का प्रमुख स्रोत हैं। यह भारत के अधिकांश हिस्सों में, विशेष रूप से बरसात के मौसम में खेतों, बागानों और रास्तों के किनारे स्वाभाविक रूप से उग आता है।

🌱 भूमी आंवला के औषधीय फायदे :--

🔹 1. किडनी स्टोन में लाभकारी :
भूमी आंवला का सबसे बड़ा गुण यह है कि यह गुर्दे की पथरी को गलाने और मूत्रमार्ग से बाहर निकालने में मदद करता है। यह पेशाब की रुकावट, जलन और मूत्र संबंधी संक्रमणों को भी दूर करता है।

🔹 2. लीवर को मजबूत बनाए :
यह लीवर की कार्यक्षमता को बढ़ाता है और हेपेटाइटिस, फैटी लिवर व जॉन्डिस जैसी बीमारियों में अत्यंत लाभकारी है। यह लीवर को विषैले पदार्थों से मुक्त करके शरीर को डिटॉक्स करता है।

🔹 3. पाचन तंत्र को सुधारता है :
भूमी आंवला गैस, अपच, पेट दर्द और कब्ज जैसी समस्याओं में बहुत उपयोगी है। इसका नियमित सेवन पाचन शक्ति को मजबूत करता है और भोजन का सही अवशोषण सुनिश्चित करता है।

🔹 4. शरीर की गर्मी और त्वचा की समस्या में राहत :
यह शरीर की आंतरिक गर्मी को कम करता है, जिससे त्वचा पर निकलने वाले दाने, खुजली या एलर्जी जैसी समस्याएँ कम होती हैं।

🔹 5. ब्लड शुगर नियंत्रित रखता है :
इस पौधे में एंटी-डायबिटिक तत्व होते हैं जो रक्त शर्करा को नियंत्रित रखते हैं और इंसुलिन के स्तर को संतुलित करते हैं।

🔹 6. संक्रमण से बचाव :
भूमी आंवला में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो शरीर को इंफेक्शन से बचाते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।

🔹 7. खून को साफ करने वाला :
यह रक्त को शुद्ध करने में मदद करता है और शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालकर त्वचा को स्वस्थ बनाए रखता है।

🍵 भूमी आंवला का काढ़ा बनाने का तरीका :--

1️⃣ ताज़े पौधे से :
5–6 टहनियाँ (पत्ते और फल सहित) लें। उन्हें साफ पानी से धो लें, फिर 1 कप पानी उबालें और उसमें टहनियाँ डालें।लगभग 5–7 मिनट धीमी आँच पर पकाएँ। इसे छानकर गुनगुना पीएँ। स्वाद के लिए थोड़ा शहद या नींबू मिला सकते हैं।

2️⃣ सूखे पत्तों या पाउडर से :
1 कप पानी में 1 चम्मच सूखा भूमी आंवला पाउडर डालें,5 मिनट तक उबालें। इसे सुबह खाली पेट पीना सबसे ज्यादा लाभदायक होता है।

🌿 पत्तियों और फलों का उपयोग :--

■ पत्तियाँ :
रोज सुबह 4–5 ताज़ी पत्तियाँ चबाना लीवर और पाचन के लिए बहुत लाभदायक है।

■ फल :
छोटे हरे फलों का रस या पेस्ट बनाकर पीने से पेशाब की जलन, पथरी और मूत्र संक्रमण में राहत मिलती है।

■ सूखा पाउडर :
1 चम्मच सूखा पाउडर गुनगुने पानी के साथ रोज लेना शरीर को डिटॉक्स करता है और लीवर को मजबूत बनाता है।

⚠️ सावधानियाँ :--

● लगातार 15–20 दिन सेवन के बाद 5–7 दिन का ब्रेक लेना चाहिए।

● अधिक मात्रा में सेवन करने से शरीर में ठंडक अधिक बढ़ सकती है।

● गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएँ इसका सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करें।

भूमी आंवला का नियमित सेवन न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है बल्कि लीवर, किडनी और पाचन तंत्र को भी दुरुस्त करता है। यह पौधा वाकई प्रकृति की एक अनमोल देन है, जो बिना किसी साइड इफेक्ट के कई गंभीर बीमारियों से बचाव करता है। अगर जानकारी उपयोगी लगी हो तो पोस्ट को लाइक करें, शेयर करें और हमारे पेज को फॉलो जरूर करें

#भूमिआंवला

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