20/11/2025
प्रकृति ने हमें अनमोल औषधीय पौधों का खजाना दिया है, और उनमें से एक है #भूमी #आंवला — जिसे संस्कृत में भूम्यामलकी कहा जाता है। यह पौधा छोटा जरूर होता है, लेकिन इसके औषधीय गुण बहुत बड़े हैं। आयुर्वेद में भूमी आंवला को “लीवर टॉनिक” और “पथरी नाशक पौधा” कहा गया है। इसका उपयोग सदियों से लीवर की बीमारियों, किडनी स्टोन, पाचन विकार और मधुमेह जैसी समस्याओं के उपचार में किया जाता रहा है।
🌿 भूमी आंवला पौधे की पहचान :--
भूमी आंवला एक छोटा हरा-भरा पौधा है जो जमीन के पास फैलकर बढ़ता है। इसके पत्ते आंवला के पत्तों जैसे होते हैं और इसकी डंठल के नीचे छोटे-छोटे हरे फल लगते हैं, जो दानों के समान दिखते हैं। यही फल इसके औषधीय गुणों का प्रमुख स्रोत हैं। यह भारत के अधिकांश हिस्सों में, विशेष रूप से बरसात के मौसम में खेतों, बागानों और रास्तों के किनारे स्वाभाविक रूप से उग आता है।
🌱 भूमी आंवला के औषधीय फायदे :--
🔹 1. किडनी स्टोन में लाभकारी :
भूमी आंवला का सबसे बड़ा गुण यह है कि यह गुर्दे की पथरी को गलाने और मूत्रमार्ग से बाहर निकालने में मदद करता है। यह पेशाब की रुकावट, जलन और मूत्र संबंधी संक्रमणों को भी दूर करता है।
🔹 2. लीवर को मजबूत बनाए :
यह लीवर की कार्यक्षमता को बढ़ाता है और हेपेटाइटिस, फैटी लिवर व जॉन्डिस जैसी बीमारियों में अत्यंत लाभकारी है। यह लीवर को विषैले पदार्थों से मुक्त करके शरीर को डिटॉक्स करता है।
🔹 3. पाचन तंत्र को सुधारता है :
भूमी आंवला गैस, अपच, पेट दर्द और कब्ज जैसी समस्याओं में बहुत उपयोगी है। इसका नियमित सेवन पाचन शक्ति को मजबूत करता है और भोजन का सही अवशोषण सुनिश्चित करता है।
🔹 4. शरीर की गर्मी और त्वचा की समस्या में राहत :
यह शरीर की आंतरिक गर्मी को कम करता है, जिससे त्वचा पर निकलने वाले दाने, खुजली या एलर्जी जैसी समस्याएँ कम होती हैं।
🔹 5. ब्लड शुगर नियंत्रित रखता है :
इस पौधे में एंटी-डायबिटिक तत्व होते हैं जो रक्त शर्करा को नियंत्रित रखते हैं और इंसुलिन के स्तर को संतुलित करते हैं।
🔹 6. संक्रमण से बचाव :
भूमी आंवला में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो शरीर को इंफेक्शन से बचाते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।
🔹 7. खून को साफ करने वाला :
यह रक्त को शुद्ध करने में मदद करता है और शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालकर त्वचा को स्वस्थ बनाए रखता है।
🍵 भूमी आंवला का काढ़ा बनाने का तरीका :--
1️⃣ ताज़े पौधे से :
5–6 टहनियाँ (पत्ते और फल सहित) लें। उन्हें साफ पानी से धो लें, फिर 1 कप पानी उबालें और उसमें टहनियाँ डालें।लगभग 5–7 मिनट धीमी आँच पर पकाएँ। इसे छानकर गुनगुना पीएँ। स्वाद के लिए थोड़ा शहद या नींबू मिला सकते हैं।
2️⃣ सूखे पत्तों या पाउडर से :
1 कप पानी में 1 चम्मच सूखा भूमी आंवला पाउडर डालें,5 मिनट तक उबालें। इसे सुबह खाली पेट पीना सबसे ज्यादा लाभदायक होता है।
🌿 पत्तियों और फलों का उपयोग :--
■ पत्तियाँ :
रोज सुबह 4–5 ताज़ी पत्तियाँ चबाना लीवर और पाचन के लिए बहुत लाभदायक है।
■ फल :
छोटे हरे फलों का रस या पेस्ट बनाकर पीने से पेशाब की जलन, पथरी और मूत्र संक्रमण में राहत मिलती है।
■ सूखा पाउडर :
1 चम्मच सूखा पाउडर गुनगुने पानी के साथ रोज लेना शरीर को डिटॉक्स करता है और लीवर को मजबूत बनाता है।
⚠️ सावधानियाँ :--
● लगातार 15–20 दिन सेवन के बाद 5–7 दिन का ब्रेक लेना चाहिए।
● अधिक मात्रा में सेवन करने से शरीर में ठंडक अधिक बढ़ सकती है।
● गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएँ इसका सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करें।
भूमी आंवला का नियमित सेवन न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है बल्कि लीवर, किडनी और पाचन तंत्र को भी दुरुस्त करता है। यह पौधा वाकई प्रकृति की एक अनमोल देन है, जो बिना किसी साइड इफेक्ट के कई गंभीर बीमारियों से बचाव करता है। अगर जानकारी उपयोगी लगी हो तो पोस्ट को लाइक करें, शेयर करें और हमारे पेज को फॉलो जरूर करें
#भूमिआंवला