12/04/2025
गंधराज फूल, जिसे गार्डेनिया जैस्मिनॉइड्स या केप जैस्मीन भी कहते हैं, एक सुगंधित, सदाबहार झाड़ी है, जो दक्षिण एशिया, विशेष रूप से भारत, बांग्लादेश, चीन और जापान में पाई जाती है। इसका नाम संस्कृत से आया है, जिसका अर्थ है "सुगंध का राजा" (गंध = सुगंध, राज = राजा), जो इसकी मीठी, खट्टे और हल्के मसालेदार खुशबू को दर्शाता है। इस पौधे में चमकदार, गहरे हरे पत्ते और बड़े, क्रीमी सफेद फूल होते हैं, जो मुख्य रूप से गर्मियों में खिलते हैं और मधुमक्खियों व तितलियों जैसे परागणकों को आकर्षित करते हैं।मुख्य विशेषताएं:ऊंचाई: 1–3 मीटर (3–10 फीट)।खिलने का मौसम: देर से वसंत से शुरुआती गर्मी, गर्म जलवायु में साल भर छिटपुट फूल।सुगंध: तीव्र मीठी, परफ्यूम, अरोमाथेरेपी और एसेंशियल ऑयल में उपयोगी।सांस्कृतिक महत्व: भारतीय परंपराओं में यह पवित्रता और भक्ति का प्रतीक है, जिसे शादियों, धार्मिक अनुष्ठानों और त्योहारों में उपयोग किया जाता है। यह प्रेम, स्पष्टता और शांति से जुड़ा है।औषधीय उपयोग: आयुर्वेद और चीनी चिकित्सा में सूजन-रोधी, दर्द निवारक और शांतिदायक गुणों के लिए उपयोगी; तनाव, सिरदर्द और अनिद्रा में मदद करता है।देखभाल: गर्म, नम जलवायु में अच्छा बढ़ता है, अच्छी जल निकासी वाली, हल्की अम्लीय मिट्टी चाहिए। आंशिक छाया, नियमित पानी और छंटाई से झाड़ीदार वृद्धि होती है। ठंड और अधिक पानी से बचाएं।खेती के टिप्स:12–18 इंच के गमले या बगीचे में जैविक मिट्टी में रोपें।हर 3–4 दिन में पानी दें, मिट्टी के हल्का सूखने का ध्यान रखें; दोपहर में पानी न दें।हर 20–25 दिन में 100–150 ग्राम वर्मीकम्पोस्ट या फूलों के समय NPK 19-19-19 उर्वरक दें।फूलने के बाद छंटाई करें, मृत पत्ते हटाएं।रोचक तथ्य: गंधराज को कभी-कभी इसकी खुशबू और दिखावट के कारण चमेली समझ लिया जाता है, लेकिन यह रूबिएसी (कॉफी) परिवार से है, न कि जैस्मीन की तरह ओलियासी से।