vihan Surat

vihan Surat मिडिल क्लास बॉय।।। एक प्यारा सा गांव छोड़ कर आया अजनबी शहर

06/12/2025

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घर में सादी थी, मैं सूरत से लखनऊ की यात्रा पर था। ट्रेन चल रही थी, और मैं खिड़की के पास वाली सीट पर बैठकर बाहर के बदलते ...
19/11/2025

घर में सादी थी, मैं सूरत से लखनऊ की यात्रा पर था। ट्रेन चल रही थी, और मैं खिड़की के पास वाली सीट पर बैठकर बाहर के बदलते नज़ारों में खोया हुआ था। डिब्बे में ज़्यादा भीड़ नहीं थी, और माहौल शांत था।
अचानक, मेरे सामने वाली सीट से एक मीठी सी आवाज़ आई, "अंकल, यह क्या है?"
मैंने पलटकर देखा। एक बहुत ही प्यारी, गोल-मटोल-सी बच्ची अपनी माँ की गोद से उतरकर मेरी तरफ़ देख रही थी। उसके हाथ में एक छोटी-सी रंग-बिरंगी खिलौने वाली किताब थी।
"यह एक कहानी की किताब है, बेटा," मैंने मुस्कुराते हुए कहा।
वह थोड़ी हिचकिचाई, फिर मेरे पास आ गई और बड़े उत्साह से बोली, "आप मुझे कहानी सुनाएंगे?"
मैं मना नहीं कर सका। मैंने किताब अपने हाथ में ले ली। किताब में एक शरारती खरगोश की कहानी थी। जैसे-जैसे मैं कहानी सुनाता गया, उसकी आँखें चमकती गईं। वह कहानी में पूरी तरह डूब गई।
बातचीत शुरू हो गई। मैंने उससे उसका नाम पूछा। उसने बताया, "मेरा नाम 'परी' है, और मैं अपने नानी घर जा रही हूँ।"
परी बहुत बातूनी थी। उसने मुझे अपने स्कूल, अपने दोस्तों और अपनी प्यारी-सी बिल्ली के बारे में सब कुछ बताया। वह बेझिझक थी और उसकी बातों में एक अलग ही मासूमियत थी।
उसने अपनी माँ से चिप्स का पैकेट लिया और मेरे साथ बाँटने लगी। हम हँसते-हँसते बातें कर रहे थे। वक़्त का पता ही नहीं चला। ट्रेन की 'खट-खट' की आवाज़ हमारी बातचीत के लिए एक मधुर संगीत बन गई थी।
कुछ घंटों के बाद, मेरा स्टेशन आ गया। मुझे ट्रेन से उतरना था। मेरा दिल थोड़ा भारी हो गया। मैंने परी से कहा, "परी, मेरा स्टेशन आ गया है। अब मुझे जाना होगा।"
वह उदास हो गई। उसने अपना छोटा-सा हाथ मेरी तरफ़ बढ़ाया। मैंने उसका हाथ पकड़ा और कहा, "हम फिर मिलेंगे, किसी और यात्रा में।"
ट्रेन धीमी हो गई और रुक गई। मैं अपना बैग उठाकर दरवाज़े की तरफ़ चल पड़ा। जैसे ही मैं ट्रेन से उतरा, मैंने पीछे मुड़कर देखा। परी खिड़की से बाहर सिर निकालकर मुझे देख रही थी और अपना छोटा-सा हाथ हिला रही थी।
मैंने भी हाथ हिलाया। ट्रेन चल पड़ी।
परी के साथ बिताए वे कुछ घंटे बहुत ख़ास थे। उस छोटी-सी मुलाकात ने मेरी यात्रा को यादगार बना दिया। कभी-कभी कुछ अंजान लोग हमारे जीवन में आकर छोटी-सी छाप छोड़ जाते हैं, जो हमेशा के लिए हमारे साथ रह जाती है।
AI can make mistakes, so double-check responses

14/11/2025

Only fun,,,,

09/11/2025

Only fun,,,

प्रेमा जी महराज,,,
06/11/2025

प्रेमा जी महराज,,,

06/11/2025
23/09/2025

नेक विचार

22/09/2025

आप सभी को हैप्पी नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें,,

21/09/2025

सारी चीजें सस्ती होंगी

20/09/2025

Jai हनुमान,,सुभ रात्री,,

18/09/2025

राधे राधे राधे

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