Ramayan-True History of India

Ramayan-True History of India Welcome to Ramayana , Ancient Indian Epic Post. You will get updates of all Ancient Indian Epics and
(1)

एक निर्दयी जूरी ने एक भारतीय लड़की को मज़ाक उड़ाने के लिए नाचने पर मजबूर किया… लेकिन उसने मंच हिला दिया…दिल के बीचोंबीच ...
12/10/2025

एक निर्दयी जूरी ने एक भारतीय लड़की को
मज़ाक उड़ाने के लिए नाचने पर मजबूर किया…
लेकिन उसने मंच हिला दिया…

दिल के बीचोंबीच जयपुर में, रोशनी से जगमगाते रवीन्द्र मंच के थिएटर में देश की सबसे प्रतिष्ठित नृत्य प्रतियोगिताओं में से एक हो रही थी। यह रात बाकी रातों जैसी ही लग रही थी—प्रसिद्ध जज, कैमरे, और सांस थामे बैठे दर्शक।
लेकिन किसी ने उम्मीद नहीं की थी कि यह शाम इतिहास बन जाएगी।

प्रतियोगियों में थी आशा शर्मा, 19 साल की युवती, जो बूंदी के पास के एक छोटे से गाँव से आई थी। उसका सादा लहंगा-चोली उसकी प्रतियोगियों के भव्य पोशाकों से बिल्कुल अलग था। उसकी हथेलियाँ हल्के से काँप रही थीं, क्योंकि उसे पता था कि वह यहाँ आने के लिए 500 किलोमीटर से ज़्यादा का सफर
अपने आखिरी पैसों से तय कर आई थी।

मुख्य जज राजीव मल्होत्रा, जो अपने ज़हरीले शब्दों और ग्रामीण नर्तकियों के प्रति तिरस्कार के लिए बदनाम थे, उसे घृणा से देख रहे थे। उन्होंने पहले ही अन्य जजों से फुसफुसाकर उस “देहाती लड़की” पर तंज कसा था जो खुद को नर्तकी समझती थी। माहौल में तनाव भर गया था।
“सच में?” राजीव ने माइक पर व्यंग्य से कहा जब आशा का नाम पुकारा गया। “यही है वो सरप्राइज?”

दर्शकों से कुछ हँसी की आवाजें आईं,
बाक़ी लोग असहज हो उठे।
आशा ने सिर ऊँचा रखते हुए मंच की ओर कदम बढ़ाए, हालाँकि उसका दिल युद्ध के ढोल की तरह धड़क रहा था।
बचपन से उसका सपना था यह पल—जब वह टीवी पर नर्तकियों को देखती और सोचती, “एक दिन मैं भी ऐसे मंच पर चमकूँगी।”

“तो बताओ, बेटी,” राजीव ने क्रूर मुस्कान के साथ कहा,
“हमें क्या दिखाओगी? अपने गाँव का कोई लोक-नृत्य?”
दर्शकों में ठहाके गूँज उठे। आशा का चेहरा शर्म से लाल पड़ गया, लेकिन तभी उसे अपनी दादी के शब्द याद आए:
“बिटिया, जब दुनिया तुम्हें छोटा दिखाने की कोशिश करे, तुम और बड़ा नाचना।”
वह तन कर खड़ी हो गई।

“मैं समकालीन नृत्य और राजस्थान की घूमर परंपरा का संगम प्रस्तुत करूँगी, सर।”
राजीव की आँखों में तिरस्कार और गहरा हो गया।
“वाह, कितना मौलिक,” उन्होंने तंज कसा।
“ठीक है, क्योंकि तुम इतनी दूर से आई हो, तुम्हें सिर्फ़ एक मिनट दिया जाएगा। साबित करो कि तुम असली कलाकारों के बीच खड़ी हो सकती हो।”

संपूर्ण थिएटर स्तब्ध हो गया।
यह अपमान था, असफल करने का जाल।
लेकिन आशा के भीतर कहीं गहरी चिंगारी जल उठी।
“एक मिनट… काफी है।”
संगीत शुरू हुआ—पधारो म्हारे देश और आधुनिक बीट्स का अद्भुत मिश्रण। शुरू में आशा स्थिर खड़ी रही। लोग फुसफुसाने लगे कि वह घबरा गई है। राजीव फिर से व्यंग्य के लिए तैयार थे—तभी आशा हिली।

उसकी हरकतें सिर्फ़ नृत्य नहीं थीं—वह कविता थीं। उसके हाथ पेड़ों की शाखाओं की तरह फैले, उसके पाँव धरती की धड़कन पर थिरके। यह उसके गाँव की कहानी थी, उसकी माँ की मेहनत की, उसकी दादी की सीख की।
पूरा हॉल सन्नाटे में डूब गया।
हँसी गायब, जगह ले ली श्रद्धा भरे मौन ने।

राजीव तक शब्दहीन रह गए। अन्य जज—मारिया मेहता, देश की प्रख्यात पूर्व नृत्यांगना, और प्रवीण सिंह व पद्मा अय्यर—सभी खड़े हो गए।
जब प्रस्तुति समाप्त हुई, पूरा सभागार तालियों और जयकारों से गूंज उठा। लोग रो रहे थे, खड़े होकर ताली बजा रहे थे।
मारिया मेहता ने माइक उठाया, आँखें नम थीं:
“यही है सच्चा कला! आशा, तुमने आज परंपरा और आधुनिकता का संगम परिभाषित कर दिया।”

राजीव, जो हमेशा निर्दयी रहे थे, खड़े हुए।
उनकी आवाज़ अप्रत्याशित रूप से नरम थी:
“मुझे माफ़ करना होगा… न सिर्फ़ तुम्हें, बल्कि उन सबको जिन्हें मैंने कभी कमतर आँका।
तुम्हारा नृत्य दिल और आत्मा है।
तुमने मुझे याद दिलाया कि
मैंने नृत्य से प्यार क्यों किया था।”

दर्शक अवाक रह गए—राजीव मल्होत्रा से कभी ऐसी स्वीकारोक्ति किसी ने नहीं सुनी थी।
फिर प्रस्तावों की बौछार हुई—मारिया ने राष्ट्रीय नृत्य अकादमी में छात्रवृत्ति और अंतर्राष्ट्रीय शो में सोलो डांसर का मौका दिया। प्रवीण ने न्यूयॉर्क और मॉस्को से संपर्कों की पेशकश की। पद्मा ने पूरे प्रोडक्शन की घोषणा की जिसमें आशा को मुख्य कोरियोग्राफर और नायिका बनाया जाएगा।

इसी बीच, आशा की दादी, सावित्री देवी, मंच पर पहुँच गईं।
“क्या तुम सोचती थी मैं अपनी पोती का सबसे बड़ा पल मिस कर दूँगी?”
उन्होंने गर्व से कहा—“हम पैसों में गरीब हैं, पर संस्कृति और सपनों में अमीर।”
पूरा हॉल खड़ा होकर आँसुओं में डूब गया।

तभी ख़बर आई—पेरिस के अंतर्राष्ट्रीय नृत्य महोत्सव और न्यूयॉर्क के लिंकन सेंटर से निमंत्रण!
यहाँ तक कि भारत सरकार ने घोषणा की—“आशा कला छात्रवृत्ति कोष” शुरू होगा ताकि सैकड़ों ग्रामीण बच्चों को अवसर मिले।
उस रात जयपुर का रवीन्द्र मंच इतिहास बन गया।

और छह महीने बाद, आशा शर्मा सिर्फ़ एक नाम नहीं,
बल्कि एक आंदोलन बन चुकी थी—
गाँव की हर लड़की के लिए उम्मीद का प्रतीक,
जिसने यह साबित कर दिया कि -

असली प्रतिभा
किसी शहर या वर्ग की मोहताज नहीं,
बल्कि दिल की गहराइयों से जन्म लेती है।

12/10/2025

#सनातन ादेव

जय श्री राम
12/10/2025

जय श्री राम

अरे हां, बिल्कुल! नाम भले ही गवई, गोगोई या चंद्रचूड़ का हो, पर असली “चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया” तो सिर्फ एक ही हैं — कपिल सिब...
09/10/2025

अरे हां, बिल्कुल! नाम भले ही गवई, गोगोई या चंद्रचूड़ का हो, पर असली “चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया” तो सिर्फ एक ही हैं — कपिल सिब्बल साहब!

वो न हों तो सुप्रीम कोर्ट शायद छुट्टी पर चला जाए।
न्यायपालिका क्या फैसला ले, कौन बोले, कौन चुप रहे — सबका रिमोट उनके ही पास है।

सच में, संविधान में एक नया आर्टिकल जोड़ देना चाहिए — “Article SIBBAL: Final authority on everything legal in India.”

देश के ऊपर काला कलंक

99% लव जिहाद मात्र 01 वर्ष में बंद होगामजहब के आधार पर नियम-कानून, आयोग-मंत्रालय, बोर्ड-ट्रिब्यूनल, स्कूल-कॉलेज और लोन-व...
08/10/2025

99% लव जिहाद मात्र 01 वर्ष में बंद होगा

मजहब के आधार पर नियम-कानून, आयोग-मंत्रालय, बोर्ड-ट्रिब्यूनल, स्कूल-कॉलेज और लोन-वजीफा बंद करिए

जिहादियों का नार्को पॉलीग्राफ ब्रेनमैपिंग टेस्ट करने, 100% संपत्ति जब्त करने, नागरिकता खत्म करने और 01 वर्ष में फाँसी देने के लिए कानून बनाइये

एक जूते ने पूरी  भ्रष्ट न्याय व्यवस्था को झनकार कर रख दिया।सोचो जिस जज के घर से करोड़ों रूपये प्राप्त हुए, उसी के अपने ज...
08/10/2025

एक जूते ने पूरी भ्रष्ट न्याय व्यवस्था को झनकार कर रख दिया।

सोचो जिस जज के घर से करोड़ों रूपये प्राप्त हुए, उसी के अपने जीवन काल में अपने फैसले से कितना कमाई की होगी?

ठीक उसी प्रकार ये गंवाई और उनके जैसे BA पास जज बन बैठे हैं उनके जैसा ने कितने पैसे बनाए होंगे ?

कमेंट करके बताए

ऐसी ही सुप्रीम कोट को भ्रष्टाचार का कोठा नहीं कहा जाता।जज के घर  में करोड़ों मिले तो नीरव शांति ।जब कोई सनातन विरोधी को ...
08/10/2025

ऐसी ही सुप्रीम कोट को भ्रष्टाचार का कोठा नहीं कहा जाता।

जज के घर में करोड़ों मिले तो नीरव शांति ।

जब कोई सनातन विरोधी को मजा चखाए तो लाइसेंस रद।

दोगले कही के

08/10/2025

सनद रहे- वकील राकेश किशोर Msc गोल्ड मेडलिस्ट है
और मुख्य जज बीआर गवई तृतीय श्रेणी में BA पास🤘

जूता फेंका गया  उसके लिए लोग बहुत उद्वेलित हैं , लेकिन एक बारीक बात की तरफ ध्यान दिलाना चाहूंगा कि जूता फेंका जाना इसलिए...
07/10/2025

जूता फेंका गया उसके लिए लोग बहुत उद्वेलित हैं , लेकिन एक बारीक बात की तरफ ध्यान दिलाना चाहूंगा कि जूता फेंका जाना इसलिए अधिक तकलीफ दे रहा है क्योंकि #सनातन के नाम पर , #सनातन के अपमान पर फेंका गया है।

सत्तर साल के एक पढ़े लिखे , कानून के जानकार ने अचानक तैश में आकर यह जूता नहीं फेंका है।मुझे पूरा विश्वाश है कि उन्होंने इस पर अवश्य विचार किया होगा , किंतु पीड़ा , छोभ इतनी गहरी कि उससे बाहर निकल पाने का यही एक तरीका उन्हे उचित प्रतीत हुआ होगा।

तरीका अनुचित है , इसमें कोई संदेह नहीं , किंतु एक धर्म का , उसके आराध्यों का आप लगातार अपमान करते रहेंगे , अन्य धर्मों पर सबको सांप सूंघ जाएगा , उसके अवैध निर्माण तोड़ने पर आपका संवेदनशील ह्रदय कांप उठेगा और कोई हिंदू अपनी समस्या लेकर आपके पास जाएगा तो उसका समाधान करना तो दूर आप उसके आराध्य पर कटाक्ष करोगे।

भीख मत दो लेकिन कटोरा भी तो मत तोड़ो , धर्म के नाम पर देश के टुकड़े कर एक संप्रदाय को सौंपने के पश्चात भी हिंदू शांति से अपने त्यौहार नहीं मना सकता। कोई राज्य सरकार उनके विरोध में कार्यवाही करेगी तो ऊपर से आदेश आ जाएगा , रुकिए आप गलत कर रहे हैं।

यह जूता भले एक व्यक्ति ने फेंका है , गलत किए है , लेकिन उसकी गलती से करोड़ों लोग सहमत हैं।

बहुसंख्यकों को हताशा की अतल खाई में फेंकना बंद करिए , उसके एक अंश ने भी धैर्य छोड़ दिया तो देश के लिए समाज के लिए परिणाम बहुत भयावह होंगे।

पर सच्चाई यह है कि हिंदुओं पर चौतरफा हमला हो रहा है , मुस्लमान हो , ईसाई हो , बौद्ध हो , सिख हो सबकी आंख में हिंदू खटक रहा है। जिस दिन हिंदू की आंख में जलन होने लगी , उसके कान भी किसी की आस्था के स्वर सुनकर फटने लगे तो समय कितना कठिन हो जाएगा आज हम और आप इसका अनुमान नहीं लगा पा रहे हैं।

ादेव

‘जय जवान-जय किसान' के उद्घोषक, पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांज...
02/10/2025

‘जय जवान-जय किसान' के उद्घोषक, पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि।

कितने लोग नाथूराम को भारत रत्न मिलना चाहिए?
02/10/2025

कितने लोग नाथूराम को भारत रत्न मिलना चाहिए?

विजया दशमी की हार्दिक शुभकामनाएं।श्रीमान नाथूराम गोडसे ने एक और मोहनसुर राक्षस का वध किया । इसी के कारण भारत आज सुरक्षित...
02/10/2025

विजया दशमी की हार्दिक शुभकामनाएं।

श्रीमान नाथूराम गोडसे ने एक और मोहनसुर राक्षस का वध किया । इसी के कारण भारत आज सुरक्षित है।

Address

Surat
390006

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Ramayan-True History of India posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Business

Send a message to Ramayan-True History of India:

Share

DEVINE PERSON SHRI RAM - MARYADAPURSHOTAM

In Indian history, Maryadapurshotam Ram is considered as a living god with supreme power. He lived his entire life like normal person and set benchmark, person with his great deeds , can attain supremacy.

You will get stuffs regarding great indian epics , ramayana mahabharata .