16/07/2025
मूली की खेती (Radish Farming) – पूरी जानकारी हिंदी में
मूली एक जड़ वाली सब्जी है, जो ठंडे मौसम में बहुत अच्छी पैदावार देती है। भारत में इसकी खेती रबी और खरीफ दोनों मौसम में की जाती है। आइए जानें इसकी खेती से जुड़ी मुख्य बातें:
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✅ 1. मौसम और जलवायु
सर्वोत्तम मौसम: ठंडी जलवायु (अक्टूबर से फरवरी तक)
तापमान: 10°C से 25°C तक
अधिक गर्मी में मूली फटने लगती है और स्वाद कड़वा हो सकता है।
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✅ 2. मिट्टी की आवश्यकता
दोमट या रेतीली दोमट मिट्टी सबसे उत्तम रहती है।
पी.एच. मान: 6.0 – 7.5
जल निकासी अच्छी होनी चाहिए।
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✅ 3. प्रमुख किस्में
किस्म का नाम विवरण
पूसा चेतकी जल्दी तैयार होती है (40-45 दिन)
पूसा देशी देरी से बोई जाती है, स्वादिष्ट
जापानी लंबी मोटी और सफेद, अच्छी पैदावार
कंचन अधिक उत्पादन क्षमता
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✅ 4. बोवाई का समय
उत्तर भारत:
खरीफ के लिए: जुलाई-अगस्त
रबी के लिए: अक्टूबर-नवंबर
दक्षिण भारत: वर्ष भर बो सकते हैं
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✅ 5. बीज की मात्रा
औसतन: 8 से 10 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर
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✅ 6. बोने की विधि
कतार से कतार दूरी: 30 सेमी
पौधे से पौधे दूरी: 10 सेमी
बीज की गहराई: 1.5 से 2 सेमी
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✅ 7. सिंचाई
पहली सिंचाई बुवाई के तुरंत बाद
फिर हर 7–10 दिन में सिंचाई करें
फूल आते समय नमी बनाए रखें
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✅ 8. खाद और उर्वरक
खाद/उर्वरक मात्रा (प्रति हेक्टेयर)
गोबर की खाद 20-25 टन
नाइट्रोजन (N) 50 किग्रा
फास्फोरस (P) 40 किग्रा
पोटाश (K) 30 किग्रा
नोट: नाइट्रोजन को दो भागों में दें – आधा बुवाई के समय, आधा 30 दिन बाद।
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✅ 9. रोग व कीट नियंत्रण
कीट: सफेद मक्खी, थ्रिप्स
नियंत्रण: नीम का तेल या इमिडाक्लोप्रिड का छिड़काव
रोग: झुलसा, सफेद फफूंदी
नियंत्रण: कवकनाशी (मैनकोजेब) का छिड़काव
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✅ 10. तोड़ाई और उपज
तोड़ाई समय: 40–60 दिन में तैयार
जड़ें मुलायम हों तभी तुड़ाई करें।
उपज: 250-350 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
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✅ 11. मूली की खेती के फायदे
कम लागत में अधिक मुनाफा
जल्दी तैयार होने वाली फसल
मिट्टी की उर्वरता बनाए रखती है
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किसान की बात Agriculture farmer