25/06/2025
बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण शुरू करेगा निर्वाचन आयोग
सभी पात्र नागरिकों के नाम मतदाता सूची में जोड़ने हेतु घर-घर जाकर सत्यापन होगा
राजनीतिक दलों को पुनरीक्षण प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी के लिए किया जाएगा प्रेरित।
जिला निर्वाचन पदाधिकारी—सह— जिला पदाधिकारी सीतामढ़ी श्री रिची पांडेय के अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित विमर्श सभा कक्ष में निर्वाचक सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण एवं मतदान केंद्रों का युक्तिकरण कार्यक्रम को लेकर जिले के सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की गई।
बैठक में उपस्थित सभी राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार राज्य में विशेष गहन पुनरीक्षण कराए जाने के निर्देश जारी किए हैं।यह पुनरीक्षण आयोग द्वारा निर्धारित दिशा— निर्देशों और समय सारणी के अनुसार आयोजित किया जाएगा। इस गहन पुनरीक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पात्र नागरिकों के नाम मतदाता सूची में सम्मिलित हो ताकि वे अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके। कोई भी अपात्र व्यक्ति मतदाता सूची में शामिल न हो और मतदाता सूची में नाम जोड़ने हटाने की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी हो।
वहीं उप निर्वाचन पदाधिकारी डॉ विपिन कुमार ने बताया कि बिहार में पिछला गहन पुनरीक्षण वर्ष 2003 में किया गया था।वर्तमान में तेजी से हो रहे शहरीकरण,लगातार होने वाले पलायन, नए युवाओं का 18 वर्ष की आयु पूरी कर मतदाता बनने की पात्रता प्राप्त करना, मृत्यु की जानकारी का समय पर न मिलना तथा अवैध विदेशी नागरिकों के नाम सूची में दर्ज हो जाना जैसी स्थितियों के कारण यह गहन पुनरीक्षण आवश्यक हो गया है ताकि त्रुटि रहित और विश्वसनीय मतदाता सूची तैयार किया जा सके।
जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने सभी उपस्थित राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि विशेष ग्रहण पुनरीक्षण कार्यक्रम में आपका सहयोग अपेक्षित है ।उन्होंने कहा कि इसके लिए सघन अभियान चलेगा। उन्होंने सभी प्रतिनिधियों से अपील किया कि प्रत्येक मतदान केंद्र पर अपने बूथ लेवल एजेंट की नियुक्ति हर हाल में कर लें।कहा कि बी एल ए की सक्रिय भागीदारी से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा ।यदि कोई भी विसंगतियां या त्रुटियां हो तो उनका समाधान तैयारी के प्रारंभिक चरण में ही कर लिया जाए जिससे दावे,आपत्तियों और अपीलों की संख्या में कमी लाई जा सके। उपस्थित प्रतिनिधियों को जानकारी दी गई कि इस प्रक्रिया के तहत मतदान केंद्र पदाधिकारी घर-घर जाकर सत्यापन करेंगे।
पुनरीक्षण के दौरान आयोग भारत के संविधान के अनुच्छेद 326 तथा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 16 में उल्लिखित मतदाता के रूप में पंजीकरण की पात्रता और अयोग्यता संबंधी प्रावधानों का पूरी तरह से पालन करेगा।
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23 के अंतर्गत निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO) द्वारा अब तक अपने स्तर पर पात्रता की जांच की जाती रही है। अब तकनीक के विकास को देखते हुए, इस प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए यह आवश्यक किया गया है कि ERO द्वारा संतुष्टि के आधार पर प्राप्त दस्तावेजों को ECINET पोर्टल पर अपलोड किया जाए।
यदि किसी राजनीतिक दल अथवा मतदाता द्वारा कोई दावा या आपत्ति दर्ज की जाती है, तो सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (AERO) संबंधित मामले की जांच करेंगे और उसके बाद ही ERO अपना निर्णय लेंगे। इसके अतिरिक्त, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 24 के तहत ERO के आदेश के विरुद्ध जिला पदाधिकारी (District Magistrate) तथा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (Chief Electoral Officer) के समक्ष अपील दायर की जा सकती है।
आयोग ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO), जिला निर्वाचन पदाधिकारी (DEO), निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO) एवं बूथ स्तर अधिकारी (BLO) को यह निर्देशित किया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि वास्तविक मतदाताओं, विशेष रूप से वृद्ध, बीमार, दिव्यांगजन (PwD), गरीब तथा अन्य वंचित वर्गों को किसी प्रकार की परेशानी न हो और उन्हें हर संभव सुविधा प्रदान की जाए। इसके लिए आवश्यकता पड़ने पर स्वयंसेवकों की तैनाती भी की जा सकती है।
बैठक में सुरेश कुमार शाही जनता दल यू, देवेंद्र प्रसाद यादव सीपीआई एम, गगन देव यादव भारतीय जनता पार्टी, हरिनारायण पासवान लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास, प्रमोद कुमार इंडियन नेशनल कांग्रेस , मोहम्मद सगीर आलम, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी, नियाज़ अहमद सिद्दकी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया के साथ उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन, अपर समाहर्ता विभागीय जांच,सभी SDO, उप निर्वाचन पदाधिकारी डॉ विपिन कुमार के साथ अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।