29/05/2024
बुंदेलखंड दो राज्यों में बंटा हुआ है- यूपी एवं एमपी।
उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में SC समुदाय की स्थिति काफी बेहतर है। यहां किसी की हिम्मत नहीं होती कि उन्हें घोड़ी चढ़ने आदि पर मार-पीट सके। उत्पीड़न भी कम है। कारण है- यहां बसपा का मजबूत होना।
वहीं, मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड में SC समुदाय के लोगों को घोड़ी पर चढ़ने, सामने कुर्सी पर बैठने... पर अक्सर मारा-पीटा जाता है। यहां जातीय उत्पीड़न अत्यंत ही भयावह है। यहां उनकी कोई सुनवाई नहीं होती।
दोनों बुंदेलखंड क्षेत्रों की सामाजिक एवं ऐतिहासिक पृष्ठभूमि एक जैसी है, लेकिन दोनों क्षेत्रों में रह रहे SC समुदाय के लोगों की स्थिति में जमीन आसमान का अंतर है। फिलहाल इसका मूल कारण सत्ता ही है।
उत्तर प्रदेश में बहन मायावती जी के चार बार मुख्यमंत्री रहने की बदौलत यहां SC समाज में आत्मबल एवं आत्मविश्वास बहुत मजबूत है। अगर यहां जातिगत उत्पीड़न होता है तो SC समुदाय की एकजुटता के आगे जातिवादी नेता और पुलिस-प्रशासन को झुकना पड़ता है, और सरकार को संज्ञान लेना पड़ता है। जबकि मध्य प्रदेश में स्थिति काफी अलग है।
मध्य प्रदेश में SC समुदाय के लोग भाजपा और कांग्रेस को समर्थन देते हैं। जबकि इन पार्टियों ने कभी भी उनके उत्थान के बारे में नहीं सोचा। चाहे सरकार बीजेपी की हो या कांग्रेस की, समाज की स्थिति जस की तस है। आज भी कई जगह Dominant OBC और सवर्णों के घरों के आगे चप्पल पहनकर जाने की आजादी नहीं है। घोड़ी चढ़ने, सामने कुर्सी पर बैठने जैसी छोटी-छोटी बातों पर उन्हें मारा-पीटा जाता है। जातीय उत्पीड़न की घटनाएं इतनी भयावह होती हैं कि सोचकर ही रूह कांप जाती है, जैसे सागर की घटना।
मैंने ऐसे अनेक मामलों को उठाया है। कई मामलों में तो मैं स्वयं पीड़ित पक्षों की ओर से राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (National Commission for Scheduled Castes) के समक्ष याचिकाकर्ता हूँ। मध्य प्रदेश की जनता से मेरी विनम्र अपील है कि आप सब एकजुट होकर बहुजन समाज पार्टी को मजबूत करें। अगर बसपा मजबूत होगी तो कोई जातिवादी आपको हाथ नहीं लगा सकता, क्योंकि अगर ऐसा हुआ तो बसपा आपके न्याय के लिए और भी मजबूती से लड़ेग।