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*पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सड़क हादसे में बाल-बाल बचे*जिला कांग्रेस कमेटी टिहरी गढ़वाल के अध्यक्ष राकेश राणा ने बताया ...
18/10/2025

*पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सड़क हादसे में बाल-बाल बचे*

जिला कांग्रेस कमेटी टिहरी गढ़वाल के अध्यक्ष राकेश राणा ने बताया कि शुक्रवार शाम दिल्ली-देहरादून हाईवे पर कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की कार एक सड़क हादसे का शिकार हो गये बताया जा रहा है कि अचानक सामने आए एक वाहन को बचाने के दौरान उनकी कार अनियंत्रित होकर अन्य गाड़ियों से टकरा गई, और फिर डिवाइडर से जा टकराई।

टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया।
हालांकि,श्री हरीश रावत समेत वाहन में मौजूद चालक, सुरक्षा गार्ड सहित सभी लोग सुरक्षित हैं और उन्हें कोई गंभीर चोट नहीं आई।

सूचना मिलते ही कंकरखेड़ा पुलिस मौके पर पहुंची, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई और तुरंत दूसरी गाड़ी की व्यवस्था कर पूर्व मुख्यमंत्री को सुरक्षित उनके गंतव्य तक भेजा गया।

तेजी से पिघल रहे हैं उत्तराखंड के ग्लेशियर 70 प्रतिशत गिरावट दर्ज हुई है।उत्तरकाशी 17 रिपोर्टर चंद्र प्रकाश बहुगुणाउत्तर...
17/10/2025

तेजी से पिघल रहे हैं उत्तराखंड के ग्लेशियर 70 प्रतिशत गिरावट दर्ज हुई है।

उत्तरकाशी 17 रिपोर्टर चंद्र प्रकाश बहुगुणा

उत्तराखंड हिमालय के ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं। जो कि काफी चिंताजनक है। खासकर जलवायु परिवर्तन के चलते ग्लेशियरों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। उत्तराखंड में करीब 23 ग्लेशियर मौजूद हैं। जो धरती को जीवन देने वाली नदियों के उद्गम स्थल हैं, लेकिन मौसम की मार इन पर भी पड़ रही है। अब ब्लैक कार्बन का अटैक इन पर भी होने लगा है। जिसे लेकर वैज्ञानिक काफी चिंतित हैं। बता दें कि हाल ही में विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में ग्लेशियर रिज़र्व में लगभग 70% तक की गिरावट दर्ज की गई है। चेतावनी की इस स्थिति को देखते हुए हाल ही में देहरादून में एक स्टेकहोल्डर परामर्श बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें वैज्ञानिकों, पर्यावरणविदों और नीति-निर्माताओं ने भाग लिया था। समेकित हिमालय कार्य योजना बैठक में तैयार करने पर भी चर्चा हुई थी ताकि जलवायु परिवर्तन से प्रभावित हिमालयी पारिस्थितिकी और जल स्रोतों की रक्षा की जा सके। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह रुझान जारी रहा, तो आने वाले वर्षों में उत्तराखंड समेत पूरे उत्तर भारत के जलस्रोतों पर गंभीर असर पड़ सकता है। इस रिपोर्ट को एक हितधारक परामर्श में जारी किया गया था। चर्चा का मुख्य केंद्र पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र, जिसमें उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं, में बदलते मौसम पर था। रिपोर्ट ने चेतावनी दी है कि जलवायु परिवर्तन और अनियंत्रित विकास ने उत्तराखंड जैसे राज्यों में पहाड़ी समुदायों के लिए अभूतपूर्व आपदा जोखिम पैदा कर दिया है।
वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, गंगोत्री ग्लेशियर का आकार हाल के वर्षों में बढ़ा है, लेकिन इसकी पिघलने की दर चिंताजनक है। 87 साल में यह ग्लेशियर लगभग 1700 मीटर पिघल चुका है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण ग्लेशियर पिघलने की दर तेज हुई है, जिससे भविष्य में पानी की कमी हो सकती है। ग्लेशियल झीलों का आकार बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है। समय रहते सुरक्षा उपाय नहीं अपनाए गए तो बड़े नुकसान की संभावना है। गंगा नदी पर ग्लेशियर का प्रभाव जटिल है, और जलवायु परिवर्तन के कारण ग्लेशियर पिघलने की दर बढ़ रही है। इससे भविष्य में पानी की कमी और बाढ़ की घटनाएं बढ़ सकती हैं। इसलिए, जल संसाधनों का संरक्षण और प्रबंधन करना आवश्यक है।

15/10/2025

राष्ट्रीय स्तरीय सरस आजीविका मेला-2025 का सफल समापन
स्वयं सहायता समूहों ने की लगभग ढाई करोड़ की बिक्री, 35 युवाओं को मिली नियुक्ति

मुनिकीरेती (टिहरी गढ़वाल)।
ग्राम्य विकास विभाग उत्तराखंड एवं जिला प्रशासन टिहरी गढ़वाल के तत्वावधान में पूर्णानंद स्टेडियम, मुनिकीरेती में 6 अक्टूबर से आयोजित दस दिवसीय राष्ट्रीय स्तरीय सरस आजीविका मेला-2025 का बुधवार को सफलतापूर्वक समापन हुआ।

समापन समारोह में मुख्य विकास अधिकारी वरूणा अग्रवाल ने मेले के सफल आयोजन के लिए मुख्यमंत्री, प्रदेश के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, धन सिंह रावत, जनप्रतिनिधियों, विभागीय अधिकारियों, संस्थाओं, मीडिया, स्कूली बच्चों एवं सभी सहभागियों का आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर स्कूली बच्चों ने आकर्षक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं तथा स्वयं सहायता समूहों को प्रमाणपत्र भी वितरित किए गए।

मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि मेले में 17 राज्यों के स्वयं सहायता समूहों ने अपने-अपने उत्पादों का प्रदर्शन एवं विक्रय किया। इस दौरान 175 स्टॉलों के माध्यम से कुल लगभग ढाई करोड़ रुपये की बिक्री हुई। इनमें से 15 स्वयं सहायता समूहों ने डेढ़ से दो लाख रुपये तक की बिक्री कर उल्लेखनीय प्रदर्शन किया।

मेले के दौरान रोजगार मेला, क्रेता-विक्रेता सम्मेलन एवं गुल्लक-2 कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।
रोजगार मेले में 35 आवेदकों को मौके पर ही नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए, जबकि 150 युवाओं को द्वितीय चरण के लिए चयनित किया गया।
मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना के तहत आयोजित क्रेता-विक्रेता सम्मेलन में क्रेताओं द्वारा लगभग 70 लाख रुपये के ऑर्डर दिए गए।
वहीं गुल्लक-2 कार्यक्रम के तहत निवेशकों ने 36 लाख रुपये से अधिक की निवेश वचनबद्धता की।

समापन अवसर पर पीडी डीआरडीए पी.एस. चौहान, डीडीओ मो. असलम, एसडीएम नरेंद्रनगर आशीष घिल्डियाल, ईई लघु सिंचाई बृजेश गुप्ता सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी, स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं, मीडिया प्रतिनिधि एवं स्थानीय लोग उपस्थित रहे।

14/10/2025

सरस मेले में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने किया प्रतिभाग
स्वयं सहायता समूहों को निजी व्यवसायियों के साथ पार्टनरशिप हेतु ‘गुल्लक-2’ का आयोजन सम्पन्न
निवेशकों द्वारा 36.50 लाख रुपए निवेश की वचनबद्धता

ऋषिकेश। सरस मेले के नवें दिन मंगलवार को प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण, सैनिक कल्याण, जैव प्रौद्योगिकी तथा ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। मंत्री ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष उदय रावत, जिलाधिकारी टिहरी नितिका खंडेलवाल, नगर पालिका अध्यक्ष मुनि की रेती नीलम बिजलवाण, नगर पंचायत अध्यक्ष तपोवन विनीता बिष्ट, ब्लॉक प्रमुख जाखणीधार राजेश नौटियाल, ब्लॉक प्रमुख कीर्तिनगर, ब्लॉक प्रमुख चंबा सुमन सजवाण, ब्लॉक प्रमुख प्रतापनगर मनीषा पंवार, सीडीओ वरुणा अग्रवाल सहित अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।

मंत्री गणेश जोशी ने मेले में विभिन्न स्टॉलों का निरीक्षण करते हुए उत्पादों एवं बिक्री की जानकारी ली और सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर डेढ़ लाख रुपए से अधिक निवेश करने वाले 10 उद्यमियों एवं निवेशकों को चेक वितरित किए गए, वहीं अच्छा व्यवसाय करने वाले 10 स्वयं सहायता समूहों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

मंत्री ने कहा कि “उत्तराखंड की संस्कृति देश की सबसे समृद्ध संस्कृति है, जो दिशा-दर्शन का कार्य करती है। राज्य की 4 लाख 69 हजार से अधिक बहनें स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से अपनी आजीविका चला रही हैं। इन समूहों के उत्पादों की गुणवत्ता के चलते देश-विदेश में मांग लगातार बढ़ रही है।"

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ‘लखपति दीदी’ योजना के तहत उत्तराखंड में 1 लाख 63 हजार महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं, जिससे उनके जीवन में बड़ा परिवर्तन आया है। उन्होंने कहा कि “प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में बीते 11 वर्षों में देश ने तीव्र विकास किया है। 12 करोड़ से अधिक शौचालय, 10 करोड़ से अधिक आवास बनाए गए और अब भारत 80 से अधिक देशों को खाद्यान्न निर्यात कर रहा है। 2047 तक भारत निश्चित रूप से विकसित राष्ट्र की श्रेणी में होगा।”

कैबिनेट मंत्री ने जिला प्रशासन की अभिनव पहल ‘गुल्लक-2’ की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम लघु एवं मध्यम उद्यमियों को परामर्श, पूंजी और बाजार उपलब्ध कराते हुए आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक सार्थक कदम है। उन्होंने मेले के सफल आयोजन के लिए जिला प्रशासन की पूरी टीम को बधाई दी।

इस अवसर पर जिलाधिकारी नितिका खंडेलवाल ने बताया कि 6 अक्टूबर से चल रहा सरस मेला कल 15 अक्टूबर को संपन्न होगा। अब तक डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक की बिक्री हो चुकी है।

उन्होंने बताया कि सरस मेले में आयोजित ‘गुल्लक-2’ कार्यक्रम के तहत स्वयं सहायता समूहों और निजी व्यवसायियों के बीच साझेदारी को प्रोत्साहित किया गया। मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना, उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और रीप परियोजना के तहत 45 विक्रेताओं एवं 22 निवेशकों ने प्रतिभाग किया। इस दौरान निवेशकों ने 36.50 लाख रुपए निवेश की वचनबद्धता जताई।

कार्यक्रम में पीडी डीआरडीए पी.एस. चौहान, डीडीओ मोहम्मद असलम, जनप्रतिनिधि, अधिकारी, मीडिया प्रतिनिधि, स्कूली बच्चे एवं बड़ी संख्या में दर्शक उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन महेश गुसाईं द्वारा किया गया।

मौजूदा पत्रिकाओं के नए संस्करणों के पंजीकरण को लेकर प्रेस रजिस्ट्रार जनरल का नया परामर्श जारीनई दिल्ली, 29 सितंबर 2025।भ...
13/10/2025

मौजूदा पत्रिकाओं के नए संस्करणों के पंजीकरण को लेकर प्रेस रजिस्ट्रार जनरल का नया परामर्श जारी

नई दिल्ली, 29 सितंबर 2025।
भारत सरकार के प्रेस रजिस्ट्रार जनरल कार्यालय (PRGI) ने मौजूदा पंजीकृत पत्रिकाओं के नए संस्करणों के पंजीकरण को लेकर एक महत्वपूर्ण परामर्श संख्या 40/2025 जारी किया है।

जारी परामर्श में कहा गया है कि कई प्रकाशक अपनी पहले से पंजीकृत शीर्षकों के नए संस्करण प्रारंभ करने के लिए Press Sewa Portal पर आवेदन करते समय गलत पंजीकरण श्रेणी चुन रहे हैं। इस पर स्पष्टीकरण देते हुए कार्यालय ने कहा कि यदि कोई नया संस्करण किसी अन्य राज्य से प्रकाशित किया जाना प्रस्तावित है, तो उस स्थिति में प्रकाशक को नई पंजीकरण श्रेणी (New Registration Category) के अंतर्गत ही आवेदन करना होगा।

प्रेस रजिस्ट्रार जनरल कार्यालय के अनुसार, यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि नए राज्य में उस शीर्षक की उपलब्धता का उचित सत्यापन किया जा सके, जहाँ से नया संस्करण प्रकाशित होना है।

सभी प्रकाशकों को सलाह दी गई है कि वे नए संस्करणों के आवेदन करते समय उक्त दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करें।

यह परामर्श उप-प्रेस रजिस्ट्रार जनरल श्री रजित चंद्रन एम.आर. द्वारा प्रेस रजिस्ट्रार जनरल की स्वीकृति से जारी किया गया है।

विशेष बातचीतरिपोर्टर :- चंद्रप्रकाश बहुगुणाउत्तरकाशी। गंगा के अस्तित्व के लिए इसके पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा जरूरी है ड...
01/10/2025

विशेष बातचीत
रिपोर्टर :- चंद्रप्रकाश बहुगुणा

उत्तरकाशी। गंगा के अस्तित्व के लिए इसके पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा जरूरी है डॉ. शम्भू प्रसाद नौटियाल संयोजक व संस्थापक गंगा विश्व धरोहर मंच
गंगा अपने उच्च सामाजिक-सांस्कृतिक, आर्थिक और पारिस्थितिक महत्व के कारण भारत की राष्ट्रीय नदी है। यह भारत का सबसे बड़ा नदी बेसिन बनाती है। गंगा नदी का पारिस्थितिकी तंत्र, हिमालय पर्वतों से निकलता है और बंगाल की खाड़ी में गिरने से पहले कई भारतीय राज्यों से होकर बहता है। गंगा माँ या माँ गंगा के नाम से जानी जाने वाली यह नदी न केवल विविध वनस्पतियों और जीवों का पोषण करती है, बल्कि लाखों लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण जल स्रोत भी है। गंगा बेसिन 332,590 वर्ग मील में फैला है और भारत, नेपाल, चीन और बांग्लादेश के एक बड़े हिस्से को अपने में समेटे हुए है। हालाँकि, इस पारिस्थितिकी तंत्र को औद्योगिक उत्सर्जन, अनुपचारित सीवेज और कृषि एवं शहरी उपयोग के लिए पानी के अत्यधिक दोहन के कारण प्रदूषण के गंभीर खतरों का सामना करना पड़ रहा है। गंगा की जलधारा में न केवल करोड़ों लोगों की आजीविका समाई है, बल्कि असंख्य वन्यजीवों और जलीय जीवों का जीवन भी इसी पर आधारित है। जैव विविधता के क्षेत्र में गंगा को एक अद्वितीय स्थान प्राप्त है, जहाँ डॉल्फिन से लेकर कछुए, और सारस क्रेन से लेकर दुर्लभ मछलियाँ – सभी इसका हिस्सा हैं। गंगा के जल में पाए जाने वाले सूक्ष्मजीवों से लेकर इसके तटों पर बसे आर्द्रभूमि पारिस्थितिक तंत्र तक, हर तत्व पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में योगदान करता है। इसकी धारा में घुले पोषक तत्व हजारों वर्षों से कृषि और मत्स्य व्यवसाय को जीवित रखते आए हैं। साथ ही, गंगा से जुड़े धार्मिक और आध्यात्मिक मूल्य भी इसे एक अद्वितीय पर्यावरणीय विरासत बनाते हैं। यह न केवल एक नदी है, बल्कि एक समग्र जीवन प्रणाली है, जिसकी रक्षा करना हमारी सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी है। कोविडकाल में हम सभी ने देखा कि भारत की लाइफलाइन और आस्था का प्रतीक कही जाने वाली गंगा नदी 50 से अधिक दिनों के लॉकडाउन के कारण स्वत: निर्मल और स्वच्छ हो गई थी। नदी का पानी इतना साफ हो गया था कि गंगा में अठखेलियां और स्वच्छंद रूप से विचरण करने वाली डॉल्फिन भी खूब दिखने लगी गई थी। आज यदि गंगा को प्रदूषण मुक्त करना है, तो तकनीकी तौर पर हमें गंगा से जुडी प्रत्येक समस्याओं को समझना होगा। मानवीय गतिविधियों और पारिस्थितिकी तंत्र की गतिशीलता के बीच जटिल अंतर्संबंध को समझकर, गंगा के पारिस्थितिक स्वास्थ्य की रक्षा और इसके अस्तित्व के लिए इसे विश्व धरोहर बनाने की आवश्यकता है।

UKSSSC पेपर लीक प्रकरण में अभ्यर्थियों ने जताया आभार, CBI जाँच सुनिश्चित करने पर सरकार की प्राथमिकतादेहरादून – UKSSSC पे...
30/09/2025

UKSSSC पेपर लीक प्रकरण में अभ्यर्थियों ने जताया आभार, CBI जाँच सुनिश्चित करने पर सरकार की प्राथमिकता

देहरादून – UKSSSC पेपर लीक प्रकरण में परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों ने आज आवास पर पहुँचकर सरकार द्वारा इस मामले की CBI जाँच की संस्तुति के निर्णय पर आभार व्यक्त किया।

अभ्यर्थियों में श्री सचिन पुरोहित, सुरजीत सिंह बिष्ट, कुलदीप नेगी, रविंद्र सिंह, हर्ष सती, दीपक, रणवीर, अमन, अभिषेक और आशीष सहित अनेक युवा शामिल रहे।

सरकार ने युवाओं को आश्वस्त किया कि छात्रों और बेरोजगार युवाओं के साथ न्याय सुनिश्चित करना ही पहली प्राथमिकता है। परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता ही विश्वास की नींव है और युवाओं के भविष्य से किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार्य नहीं होगा।

यह निर्णय न केवल युवाओं के अधिकारों की रक्षा करेगा बल्कि उत्तराखंड में पारदर्शी, निष्पक्ष और भरोसेमंद भर्ती प्रक्रिया की दिशा में एक ठोस कदम साबित होगा।

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निर्भीक पत्रकार की अकाल मृत्यु ने तोड़ा परिवार और समाज का हौसलाउत्तरकाशी से एक हृदय विदारक घटना सामने आई है। मात्र छह मह...
30/09/2025

निर्भीक पत्रकार की अकाल मृत्यु ने तोड़ा परिवार और समाज का हौसला

उत्तरकाशी से एक हृदय विदारक घटना सामने आई है। मात्र छह महीने पहले एक युवती अपने माँ-बाप का आशीर्वाद लेकर सपनों की उड़ान भरते हुए ससुराल पहुँची थी। किसे पता था कि आधे साल के भीतर ही उसके जीवन की डोर इतनी बेरहमी से टूट जाएगी। पति की आकस्मिक मौत ने उसका संसार उजाड़ दिया।

वहीं वृद्ध माता-पिता, जिन्होंने बेटे को अपना अंतिम सहारा माना था, उनके लिए यह क्षति असहनीय साबित हुई। बेटे के जाने के बाद वे एकदम बिखर गए।

यह दुखद घटना किसी सामान्य परिवार की नहीं, बल्कि उस परिवार की है, जिसका बेटा एक निडर पत्रकार था। वही पत्रकार जिसने उत्तरकाशी की ज्वलंत समस्याओं को बिना डरे, बेबाक़ी से उठाया। जिसने जनता की आवाज़ बनने का साहस दिखाया। मगर नियति इतनी निर्मम निकली कि उनकी लाश कई दिनों बाद बरामद हो सकी। यह दृश्य केवल परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए गहरी चोट साबित हुआ।

लोग अक्सर पूछते हैं कि पत्रकार जनता के मुद्दों पर इतने मुखर क्यों होते हैं, लेकिन कोई यह नहीं सोचता कि जब वही पत्रकार किसी संकट में घिर जाए तो उनकी हिमायत में कितने लोग आगे आते हैं। यही सबसे बड़ी विडंबना है — दूसरों की आवाज़ बनने वाला जब अपनी तकलीफ़ में होता है, तब उसके लिए आवाज़ें अक्सर कम पड़ जाती हैं।

अब सवाल केवल शोक तक सीमित नहीं रह सकता। यह जानना अनिवार्य है कि आखिर उनके साथ यह सब कैसे हुआ। उनकी मौत की हर परिस्थिति की निष्पक्ष और गहन जाँच होनी ही चाहिए, ताकि सच्चाई सामने आ सके।

आज यह क्षण हमें सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हम केवल श्रद्धांजलि देकर रुक जाएँगे या फिर उनके साहस और निडरता की मशाल को आगे बढ़ाएँगे। उनकी कमी कभी पूरी नहीं हो सकती, लेकिन उनके आदर्श, उनका हौसला और सच बोलने का जज़्बा हमेशा प्रेरणा देता रहेगा।

श्रद्धांजलि उस निर्भीक पत्रकार को, जिन्होंने सच को अपनी आख़िरी साँस तक ज़िंदा रखा। अब समाज और व्यवस्था की जिम्मेदारी है कि उनकी मौत की असली वजह उजागर की जाए।

25/09/2025
*वाहन पर लगी आग, पुलिस व दमकल की टीम ने किया काबू*उत्तरकाशी 24आज प्रातः करीब पौने 5 बजे डायल 112 पर गंगोत्री राष्ट्रीय र...
24/09/2025

*वाहन पर लगी आग, पुलिस व दमकल की टीम ने किया काबू*

उत्तरकाशी 24
आज प्रातः करीब पौने 5 बजे डायल 112 पर गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग में स्थान लाटा मल्ला के पास एक वाहन पर आग लगने सूचना प्राप्त हुई, सूचना पर चौकी भटवाड़ी पुलिस व फायर सर्विस उत्तरकाशी की टीम द्वारा तुरंत मौके पर पहुंच कर आग पर काबू पाया गया।अग्नि दुर्घटना में वाहन जलकर काफी क्षति ग्रस्त हो गया है, किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है।
वाहन चालक- मोहम्मद नसीम निवासी जिला बिजनौर उत्तर प्रदेश, हाल निवासी ताम्बाखानी उत्तरकाशी ।

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