10/09/2025
कुरुक्षेत्र, 10 सितंबर
पंजाब में आई बाढ़ से प्रभावित हुए लोगों की सेवा करने के लिए धार्मिक नगरी कुरुक्षेत्र की अलग-अलग संस्थाएं आगे आई हैं। कुरुक्षेत्र के ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब पाठशाही छठी में शहर की विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने एक बैठक कर यह अहम फैसला लिया। इस बैठक में जहां हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के मेंबर इंद्रजीत सिंह व सुखजिंदर सिंह मसाना ने हिस्सा लिया वहीं सिखों की सर्वोच्च संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर के मेंबर जत्थेदार हरभजन सिंह मसाना भी शामिल हुए।
बैठक में प्रतिनिधियों ने विचार विमर्श करने के बाद फैसला लिया के हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी द्वारा केनरा बैंक में जो सहायता राशि एकत्रित करने के लिए खुलवाए गए खाते में सहायता राशि डालकर अपना पूर्ण सहयोग किया जाएगा। इसके लिए संस्थाओं के प्रतिनिधि अपना अहम योगदान देंगे।
हरियाणा कमेटी के मेंबर इंद्रजीत सिंह ने कहा कि कुदरती कहर के रूप में हुई बरसात की वजह से पंजाब में जो तबाही मची है वह बड़ी दुखदाई है। उन्होंने कहा कि कुदरत की मार जय रहे पंजाबीवासियों की सहायता करने के लिए हरियाणा कमेटी संकल्पित है और संगत कैसे हो से इस काम को पूर्ण निष्ठा से किया जाएगा। सुखजिंदर सिंह मसाना ने कहा कि पंजाबवासी अब कुदरत के कहर का सामना कर रहे हैं और ऐसे हालत में हम सबको अपने बड़े भाई पंजाब के साथ खड़ा होना चाहिए। हमें पंजाब के प्रति अपने छोटे भाई होने का फर्ज पूरी शिद्दत से पूरा करना होगा ताकि दुनिया के सामने एक नई मिसाल पेश की जा सके। कुरुक्षेत्र वासी अमीर सिंह ने हरियाणा कमेटी एवं शहर की धार्मिक संस्थाओं को पूर्ण विश्वास दिलाया के पंजाब पर आई इस मुसीबत में संगत पूरी तरह अपना साथ देगी।
उन्होंने बताया कि हरियाणा गुरुद्वारा कमेटी के सदस्य और हरियाणा की संगत को
पंजाब के बाढ़ पीड़ितों की सेवा के लिए अमृतसर जिला अलाट हुआ है।
का दर्द महसूस करने वाले सज्जन शामिल हुए। प्रधान जगदीश सिंह झिंडा जी ने बताया कि हरियाणा की मदद के लिए अमृतसर ज़िला अलॉट किया गया है। अमीर सिंह ने कहा कि अभी और गहन अध्ययन की ज़रूरत है। राशन इकट्ठा करने की ज़रूरत नहीं है। उनके मुताबिक संगत को तूड़ी, पशु चारा, कम्बल, रज़ाई, दरी, रहने के लिए टेंट, औरतों का सामान, रसोई का सामान, मंज़े, खाद, बीज, कुछ खेती के औज़ार, दवाइयाँ, डीज़ल, कपड़े आदि की जरूरत है।
उनके मुताबिक दिलबाग सिंह, अमरजीत सिंह और उनके साथी गाँवों से रसद इकट्ठा कर पहुँचा चुके हैं और और भी काम जारी है। हर काम के लिए टीम बनाकर, पहचान पत्र के साथ, सुनियोजित ढंग से सेवा निभाई जाएगी।