16/02/2025
*पूरे साल खाली ब्लैकबोर्ड ताकते रहे, किताबों के पन्ने खुद ही पलटते रहे, बिना गुरु के सीखने चले थे, पर शब्दों ने ही दगा दे दिया।*
*परीक्षा आई तो कलम कांप उठी, सपने सवालों में उलझ गए,अब दोष किसे दें—किस्मत को, सिस्टम को या खुद की बेबसी को?*