17/03/2025
कुँआ #ठाकुर का था पर कभी लोग राजतंत्र में प्यासे नहीं मरे,
बाजरे का खेत ठाकुर का पर कोई भूखा नहीं मरता था ,
बैल ठाकुर के हल ठाकुर का हल की मूठ पर हाथ किसान का पर किसान आत्महत्या नही करते थे, उनकी हर ज़रूरत पूरी की ठाकुर ने उसके परिवार को पालने का एक मात्र साधन था ठाकुर के बैल और हल
गाँव ठाकुर के, शहर ठाकुर के, देश ठाकुर का, क्योकी मातृभूमि के लिए अपना और अपने बच्चों तक का खून देने वाला ठाकुर अपने देश और जनता के लिए ही जीता था,आक्रांताओ के आगे खडा होकर,बलिदान देकर! जिसकी वजह से लोग उनके उनकी आवाज़ को अपना लक्ष्य बना लेते थे l
जय राजपूताना🙏
#ठाकुर #राजपूताना
ठा.भोला सिंह धाकरे Bhola thakur