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Madhya Pradesh Media Monitor We keep watch on media, mostly, in MP and even outside. Media is flooded with lots of misinformation

सांसद आलोक शर्मा के बयानों और समुदायों के बीच कथित तौर पर दरार डालने वाले स्टेटमेंट्स पर उनकी लोक सभा सदस्य रद करने की म...
19/06/2025

सांसद आलोक शर्मा के बयानों और समुदायों के बीच कथित तौर पर दरार डालने वाले स्टेटमेंट्स पर उनकी लोक सभा सदस्य रद करने की मांग, लोक सभा स्पीकर को शिकायत, साथ में राष्ट्रपति को भी लिखा गया है.

क़ानून, संविधान और देश के नागरिकों से एक जैसा सुलूक और बगैर किसी द्वेष के काम करने की शपथ लेने वाले राजनेता अगर ऐसे बयान दें जिससे नफरत फैले, जो ग़ैरक़ानूनी हों और जिनसे समाज में दूरियां बढ़ें, ये न सिर्फ गलत है बल्कि देश के हित के खिलाफ है.

एक समुदाय को एंट्री और ट्रेनर की नौकरी देने से रोकने वाला बयान हो या दाढ़ी टोपी वाला बयान या एक समुदाय में फलां नौजवानों की नसबंदी करवाने का बयान, ये सब वैमनस्य फैलाने वाले स्टेटमेंट्स हैं.

Action sought against Bhopal MP for 'inflammatory and divisive comments', complaint against him reaches Lok Sabha speaker, President

Stressing on the need to protect constitutional values & to keep communal harmony, the complaint says that after taking oath to serve all, public representatives must not violate the law and disrupt harmony.

Read full story at https://newsbits.in/action-sought-against-bhopal-mp-for-inflammatory-and-divisive-comments-complaint-against-him-reaches-lok-sabha-speaker-president-of-india

क्रोनालॉजी समझिए- पहले खबर को प्लांट करवाया गया- फीडबैक के बाद पार्टी ने न्यूज फेक करार दीफिर बेशर्मी तो देखिए माफी मांग...
31/05/2025

क्रोनालॉजी समझिए

- पहले खबर को प्लांट करवाया गया

- फीडबैक के बाद पार्टी ने न्यूज फेक करार दी

फिर बेशर्मी तो देखिए माफी मांगने के बजाय अखबार खुद की ही खबर का खंडन भी ऐसे कर रहा है जैसे एहसान जता रहा हो। और एक पोस्ट में खुदको कवच बता रहे हैं। क्या सत्ताधारी दल का कवच बन गया है भास्कर।

ये कैसा खंडन है। न माफी है इसमें न कोई फिक्र। अगर पार्टी इस खबर को फेक करार न देती तो ये न्यूज ऐसे ही आन जनता को गुमराह करती रहती। ये एक नमूना भर है कि कैसे और न जाने कितनी फेक न्यूज ऐसे ही फैलाई जाती हैं। जिनकी कोई जांच परख नहीं होती वो बस प्रकाशित करदी जाती हैं। सत्ता को पसंद नहीं आई तो न्यूज भी फेक है सोचिए जो सत्ता ऐसा कर सकती है वो क्या फेक न्यूज प्लांट नहीं करवा सकती। बस मूर्ख तो पाठक है।

फर्जी खबर छापने पर जनता ने अखबार की कॉपियां सड़क पर जलाईं, ये मध्यप्रदेश के सागर में हुआ और अखबार किस तरह अपनी वैल्यू खत...
25/05/2025

फर्जी खबर छापने पर जनता ने अखबार की कॉपियां सड़क पर जलाईं, ये मध्यप्रदेश के सागर में हुआ और अखबार किस तरह अपनी वैल्यू खत्म कर रहे हैं, ये इसकी मिसाल है

भोपाल: मध्य प्रदेश में हिंदी के कुछ अखबारों के एडिटरों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने सम्बंधित याचिका, हाई कोर्ट में फ़ाइल क...
22/05/2025

भोपाल: मध्य प्रदेश में हिंदी के कुछ अखबारों के एडिटरों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने सम्बंधित याचिका, हाई कोर्ट में फ़ाइल की गयी है. हाल में हुए एक केस में कुछ हिंदी अख़बारों ने जिस तरह की भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल किया, और पत्रकारिता के मूल्यों को पूरी तरह ताक पर रख कर, समाज में विभिन्न समुदायों के बीच नफरत फैलाने की कोशिश की, उसको ले कर हाई कोर्ट में पेटिशन--याचिका कर्त्ता ने कहा कि हिंदी के कुछ अखबारों ने नफरत फैलाई और समाज में विभिन्न समुदायों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश की.
केस में जांच पूरी होने से पहले और ऐसे में जबकि कोर्ट में किसी तरह का ट्रायल नहीं हुआ और जजमेंट नहीं दिया गया है, इन अखबारों ने बगैर आधिकारिक पुष्टि के जिस तरह की गैर ज़िम्मेदार रिपोर्टिंग की, उसकी सभ्य समाज में उम्मीद नहीं की जा सकती.
हद तो ये हुई कि धार्मिक शब्द को गलत अंदाज़ में लिख कर, मिस- इंटरप्रेट किया, और घटना में किसी भी शिकायत को व्यक्ति के धर्म से जोड़ कर पूरे समुदाय को टारगेट किया गया इसके बाद, याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में इन अखबारों के एडिटरों पर देश के समाज में नफरत फैलाने और झूट फैला कर देश की एकता, अखंडता को कमज़ोर करने की वजह, से उन पर क्रिमिनल केस दर्ज करने के लिए पिटीशन फ़ाइल की है.
याचिकाकर्ता ने कहा कि वह समाज का जागरूक नागिरक है और हर धर्म का सम्मान करता है, लेकिन इतनी एकतरफा रिपोर्टिंग और धार्मिक शब्द को बिगाड़ कर उसका गलत इस्तेमाल किया, और ऐसा टर्म जिसकी न ही कोई डेफिनिशन है और न ही ये कोई क़ानूनी धारा का हिस्सा है, उसको बार बार हेडलाइन में लिख कर, घृणित कार्य किया और इसकी पहले पुलिस और विभिन्न फोरम्स में शिकायत हुई, जिसके बाद अब मामला है कोर्ट पहुंचा है.
Petition in High Court seeking criminal case against editors of Hindi newspapers for spreading misinforming, misusing religious term and twisting terminology to link any individual's action with entire community.

Read full story at https://newsbits.in/petition-against-editors-of-hindi-newspapers-in-high-court-over-malicious-use-of-the-term-love-jihad

मध्य प्रदेश में हिंदी के अखबारों के खिलाफ शिकायत और कार्रवाई की मांग, गैरजिम्मेदार रिपोर्टिंग और भड़काऊ भाषा के खिलाफ कं...
03/05/2025

मध्य प्रदेश में हिंदी के अखबारों के खिलाफ शिकायत और कार्रवाई की मांग, गैरजिम्मेदार रिपोर्टिंग और भड़काऊ भाषा के खिलाफ कंप्लेंट की गई हैं

धार्मिक शब्दावली को अपराध से जोड़ कर, और एक पूरे समुदाय से क्राइम को लिंक करने के घृणित प्रयास और विभिन्न धर्म के लोगों में सद्भाव कमजोर करने का प्रयास व देश की एकता अखंडता को कमजोर करने की कोशिश पर शिकायतें

पत्रकारिता में कई गैरजिम्मेदार तत्व दाखिल हो गए हैं जो जाने या अनजाने देशविरोधी ताकतों के इरादे पूरे कर रहे हैं और समाजों के बीच नफरत फैला रहे हैं व देश को कमजोर कर रहे हैं

https://theobserverpost.com/by-misusing-the-term-they-are-inciting-hatred-complaint-filed-against-hindi-newspapers-over-love-jihad-claims-targeting-entire-muslim-community/

मध्य प्रदेश के प्रमुख अख़बारों के खिलाफ साम्प्रदायिक और भड़काऊ खबरें छापने का आरोप लगाया गया है। कुछ ज़िम्मेदार ना.....

25/02/2025

भोपाल गैस त्रासदी एक्टिविस्ट मरहूम अब्दुल जब्बार भाई साहब ने अपनी जिंदगी गैस पीड़ितों की लड़ाई के लिए वक्फ करदी थी। दुनिया भर में उनके द्वारा किया गया काम याद किया जाता है। कतर के सबसे बड़े मीडिया ग्रुप ने अपने रेडियो चैनल Radio Qatar FM 107 पर जब्बार भाई पर पूरा एक प्रोग्राम एयर किया था। जिसकी एक क्लिप आप सबके साथ सांझा कर रहा हूं। आप सभ भी सुने और शेयर करें ताकि नई नस्लें जब्बार भाई के काम से प्रेरित हों और अपने हक के लिए आवाज़ बुलंद करना सीखें।

Radio Qatar FM 107
RJ Amita
RJ Ved (Ved is from Panna MP)

एक शख्स शादी करना चाहता है, कोर्ट जाता है और वहां से कोई फोन कर एक संगठन को फोन करते हैं जिसके लोग आकर उस से मारपीट करते...
07/02/2025

एक शख्स शादी करना चाहता है, कोर्ट जाता है और वहां से कोई फोन कर एक संगठन को फोन करते हैं जिसके लोग आकर उस से मारपीट करते हैं

ये कोर्ट की सिक्योरिटी के लिए खतरा है, इंसाफ के लिए खतरा है, कोई कानून हाथ में ले रहा है और जो इस तरह कोर्ट के अंदर की बात बाहर पहुंचा रहे हैं, वह क्या दूसरे वकीलों और लीगल सिस्टम से धोखा नहीं कर रहे?

इस पर सख्त ऑब्जेक्शन लेना चाहिए, किसी ने कंप्लेंट की या हाईकोर्ट को लिखा? किसने बाहरी लोगों को वहां आ कर ऐसी हरकत करने की हिम्मत दिलाई? जब सिस्टम बिगड़ता है, तब एनार्की में सब भुगतते हैं, बार काउंसिल ने कोई ऐक्शन लिया?

किसी पर इस तरह बर्बर हमला करना और वह भी अदालत में? ये इतना सीरियस मामला है मगर कुछ अखबार इसको भी दूसरे रंग में रंग देते हैं

हेडलाइन होना चाहिए, अदालत परिसर में गुंडों का हमला, युवक के साथ बर्बर मारपीट, मगर खबर बना दी जाती है कि शादी के लिए आए युवक से झड़प, संगठन ने किया विरोध. अफसोस.

A youth wishing to marry a girl, reaches court in Bhopal. Some people inform self-styled vigilantes & a RW group reaches court, brutally beats him.

Youth punched, kicked, hit & dragged. Some lawyers join. Injured youth later taken to hospital.

How outsiders barge in, attack? Those who call outsiders must be reined in.

Worrying. If a person goes to court, speaks to a person, either lawyer or notary, how can he be melted this treatment?

Those who possibly informed any group from premises & invited goons, are doing a disservice to society.

Also, it poses risk to system, lawyers, citizens & legal fraternity.

Despite enormity of act, local media twists, publishes news by giving other angle.

Instead of 'Goons barge in court premises, youth attacked', headlines becomes--'Youth's marriage plan foiled, scuffle'.

Anarchy shown as intervention & victim is blamed, attack diluted.

Link is in comment section. Retweet.

आरोपी की गिरफ्तारी हो गई, ये अच्छी खबर है, सिक्योरिटी मजबूत रहना चाहिए आयुष जायसवाल जैसे लोग जो दहशत फैलाने का काम करते ...
05/01/2025

आरोपी की गिरफ्तारी हो गई, ये अच्छी खबर है, सिक्योरिटी मजबूत रहना चाहिए आयुष जायसवाल जैसे लोग जो दहशत फैलाने का काम करते हैं, उन पर सख्त धाराएं लगें, ताकि ऐसे तत्व सबक लें, इस तरह की हरकतें न करें...

Ayush Jaiswal who threatened to kill so many people in Kumbh at Prayagraj, has been arrested. Tough action needed against such culprits, so that others take lesson & not act in this manner...

परसों भोपाल गैस त्रासदी की बरसी है.अभी तक हम यह सुनते रहे हैं कि यूनियन कार्बाइड के खिलाफ सबसे पहले आवाज किसी पत्रकार ने...
01/12/2024

परसों भोपाल गैस त्रासदी की बरसी है.अभी तक हम यह सुनते रहे हैं कि यूनियन कार्बाइड के खिलाफ सबसे पहले आवाज किसी पत्रकार ने उठाई थी. लेकिन पीटीआई कि यह खबर बताती है कि यूनियन कार्बाइड के खिलाफ सबसे पहले आवाज उठाने वाले कोई और नहीं, हम सब के शाहनवाज खान साहब एडवोकेट थे. सबसे पहले उन्हें ने इस खतरे से आगाह किया था. आप भी पढ़ सकते हैं.यह खबर पत्रकार Lamuel Lal ने की है.

Day after tomorrow is the anniversary of the Bhopal gas tragedy. Till now we have been hearing that a journalist was the first to raise voice against Union Carbide. But this news from PTI tells us that the first person to raise his voice against Union Carbide was none other than our advocate Shahnawaz Khan sahab. He was the first to warn the administration about this danger. You may also read this news. This news has been done by journalist Lamuel Lal.

Instead of putting its house in order by overhauling its safety apparatus, the UCIL on April 29, 1983, in a strongly-worded reply to Khan, dismissed his concerns and charges as 'baseless'.

पीपुल्स समाचार भोपाल संस्करण के क्राइम रिपोर्टर suboor khan की रिपोर्ट। ठगी से बचें अगर आपके साथ भी हुआ है साइबर अपराध त...
28/10/2024

पीपुल्स समाचार भोपाल संस्करण के क्राइम रिपोर्टर suboor khan की रिपोर्ट। ठगी से बचें अगर आपके साथ भी हुआ है साइबर अपराध तो तत्काल इसकी जानकारी नजदीकी साइबर पुलिस में दें।

Abdul Suboor

युवा पत्रकार अंकिता आनंद जिंदगी की जंग हार गईं। कुछ दिन पूर्व में एक्सीडेंट होने से वह कोमा में चली गईं थी। उन्होंने माख...
21/10/2024

युवा पत्रकार अंकिता आनंद जिंदगी की जंग हार गईं। कुछ दिन पूर्व में एक्सीडेंट होने से वह कोमा में चली गईं थी। उन्होंने माखनलाल विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की डिग्री हासिल की और भोपाल में फ्रीप्रेस अखबार में पत्रकारिता का हुनर दिखाया। भोपाल के बाद उन्होंने देश की राजधानी दिल्ली की तरफ अपनी पत्रकारिता के सफर को जारी रखा और वहां देश के प्रतिष्ठित मीडिया समूह टाइम्स ग्रुप में रिपोर्टिंग शुरू की। पत्रकार बिरादरी के लिए ये बहुत भावुक पल है। उनको जानने वाले सभी लोगों की आँखें नम हैं।

वरिष्ट पत्रकार योगेंद्र चंदेल लिखते हैं

और Ankita Anand ये जंग हार गयी।
बहुत प्यारी छोटी बहन और एक उभरती हुई शानदार पत्रकार अंकिता उर्फ छोटी अब इस दुनिया को अलविदा कह दी। अपने शर्तों पर जीवन जीने वाली अंकिता दिल्ली में एक रोड एक्सीडेंट में कुछ महीने पहले गंभीर घायल हो गयी थी। हालांकि, प्राथमिक सर्जरी सक्सेस रही। लेकिन तीन दिन पहले सर्जरी के दौरान कोमा में चली गयी और फिर लौट के नही आई।
छोटी, जितना अपने जीवन के शर्तों के लिए प्रतिबद्ध थी, उतना ही अपने काम को लेकर जुनूनी थी। हम दोनों ने करीब एक साल फ्री प्रेस में साथ में काम किया था।

बहुत याद आएगी छोटी, जहां भी रहना ऐसे ही मुस्कुराते और बिंदास रहना।

गाजियाबाद में एक बड़ा खुलासा सामने आता है। लेकिन डेस्क मीडिया के मज़दूर अपनी मानसिकता का परिचय देते हुए खबर को किस तरह स...
18/10/2024

गाजियाबाद में एक बड़ा खुलासा सामने आता है। लेकिन डेस्क मीडिया के मज़दूर अपनी मानसिकता का परिचय देते हुए खबर को किस तरह से बदलने की कोशिश करते हैं ये उसका सटीक उदाहरण है।

गाजियाबाद में एक हिंदू परिवार में खाना बनाने वाली अपना मूत्र मिलकर रोटी बनाती थी। लेकिन मीडिया जगत में कहीं भी हेडिंग में इस तरह से खबर को नहीं लिखा गया। मजहब को आधार बनाकर मीडिया ने समाज में बहुत बड़ी नफरत की खाई बना दी है। जिसको अब भरपाना मुश्किल है।

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