16/07/2025
#अपराध का रास्ता आखिरकार सिर्फ #पछतावा ही लाता है। ऐसा ही एक दृश्य उस समय देखने को मिला जब पिता के अंतिम संस्कार के लिए जेल में बंद बड़े बेटे को पुलिस #सुरक्षा में श्मशानघाट लाया गया। छोटे भाई ने जैसे ही बड़े भाई को देखा, दोनों एक-दूसरे से लिपटकर फूट-फूट कर रो पड़े।
#पुलिस की मौजूदगी में, हथकड़ी लगे हाथों से बेटे ने पिता को मुखाग्नि दी। यह दृश्य देखकर हर आंख नम हो गई। #परिवार के लोग, रिश्तेदार और यहां तक कि मौजूद #पुलिसकर्मी भी भावुक हो उठे।
यह #घटना केवल एक #परिवार की पीड़ा नहीं है, यह एक #संदेश है उन लोगों के लिए जो ग़लत रास्तों पर चल पड़ते हैं –
"अप*राध क्यों करते हो फिर अपनों से दूर हो जाते हो?"
घर में मां-बाप, भाई-बहन रोते हैं… और तुम #रोते हो #जेल में।
हर #युवा को इस तस्वीर और इस क्षण से सीख लेनी चाहिए कि #ग़लत कार्यों का #अंजाम सिर्फ जेल नहीं, बल्कि अपनों से बिछड़ने का #दर्द भी होता है – जो उम्रभर चलता है।