
18/08/2025
#नंदगंज के कुर्बान सराय गांव के रहने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जुनैद आलम अपने भाई मुस्ताक अहमद के साथ 1942 के आजादी के आंदोलन में सक्रिय थे।अपने साथ के क्रांतिकारियों से गुप्त बातचीत और मशविरा करने के बाद दोनों ने में 17 अगस्त 1942 की रात में नंदगंज थाने पर तिरंगा फहराने की योजना बनाई। 18 अगस्त की सुबह सभी क्रांतिकारी एक जगह इकट्ठा होकर नंदगंज थाने में जुनेद आलम के नेतृत्व में घुस गए। क्रांतिकारियों ने थाने पर कब्जा करने के बाद उस पर तिरंगा झंडा फहरा दिया।
तिरंगा लहराने के बाद जुनेद आलम अपने क्रांतिकारी साथियों के साथ नंदगंज रेलवे स्टेशन की ओर बढ़े। रेलवे स्टेशन को क्रांतिकारियों ने आग लगाने के बाद रेलवे पटरी को उखाड़ दिया। वहां से गुजर रही मालगाड़ी में अंग्रेजी सेना का हथियार एवं रसद लदा हुआ जो पटरी उखाड़ने के कारण रुक गई। क्रांतिकारी डोमा लोहार ने छेनी हथौड़ी से मालगाड़ी के सभी डिब्बों में लगे तालों को काट डाला और क्रांतिकारियों ने ट्रेन के रखे अनाज को गांव में बंटवा दिया गया।
इस घटना की प्रतिक्रिया में ब्रिटिश सरकार के सैनिकों ने क्रांतिकारियों पर गोली चला दी जिसमें जुनैद आलम और कई अन्य क्रांतिकारी शहीद हो गए। शहीदों को नमन ❣️🙏