04/02/2025
2024 के लोकसभा चुनाव में सोने (गोल्ड) की चर्चा काफी ज्यादा थी, लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि एक साल के भीतर सोना मीडिल क्लास और गरीबों की पहुंच से बाहर हो जाएगा। सोमवार को सोने की कीमत 10 ग्राम के हिसाब से 85,300 रुपये तक पहुंच गई, जबकि चांदी की कीमत 96,000 रुपये प्रति किलो हो गई है।
सोने की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी का मुख्य कारण भारतीय रुपये का कमजोर होना है। सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 86.96 के स्तर पर पहुंच गया, जो पिछले महीने में 1.20 रुपये की गिरावट को दर्शाता है। डॉलर की मजबूती के कारण सोने की कीमत में लगातार उछाल आया है।
Gold Price Today : जाने क्या हुआ बदलाव?
हाल में एक रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि देश का मीडिल क्लास गोल्ड लोन लेकर अपनी जिंदगी की मुश्किलें संभालने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अब यह स्थिति भी खतरनाक हो गई है। लोग गोल्ड लोन की ईएमआई चुकता नहीं कर पा रहे हैं और उनके द्वारा गिरवी रखे गए सोने को छुड़ाने की स्थिति भी नहीं बन पा रही।
मीडिल क्लास के लिए महंगाई के बीच सोना खरीदना और भी मुश्किल हो गया है। आंकड़ों के अनुसार, 2023 में आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों में से 63 प्रतिशत ने जीरो रिटर्न दाखिल किया था, यानी उनकी सालाना कमाई 5-6 लाख रुपये से कम थी। केवल 2.93 करोड़ लोग ही ऐसे थे, जिनकी सालाना आय 5 लाख रुपये से ज्यादा थी, और इनमें से केवल 38 लाख लोग ही ऐसे थे जिनकी सालाना आय 10 लाख रुपये से ऊपर थी।
महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ दी है, और इसका असर वाहन बिक्री पर भी दिख रहा है। दिसंबर 2023 और 2024 के बीच वाहनों की बिक्री में 12.49 प्रतिशत की कमी आई है। दिसंबर 2023 में 20.07 लाख वाहन बिके थे, जबकि दिसंबर 2024 में यह संख्या घटकर 17.56 लाख हो गई।
Budget Updates 2025: आज से 10 मुफ्त सुविधाएं शुरू! जानिए किसे मिलेगा फायदा
सबसे बड़ी गिरावट टू-व्हीलर्स (मीडिल क्लास के पसंदीदा वाहन) की बिक्री में देखी गई, जिसमें दिसंबर 2023 के मुकाबले 17.64 प्रतिशत की कमी आई। दिसंबर 2023 में 14.54 लाख टू-व्हीलर बिके थे, जबकि दिसंबर 2024 में यह संख्या घटकर 11.97 लाख हो गई।
उच्च मीडिल क्लास (कार, एसयूवी) की बिक्री में भी 1.97 प्रतिशत की गिरावट आई। दिसंबर 2023 में 2.99 लाख वाहन बिके थे, जबकि दिसंबर 2024 में यह संख्या घटकर 2.93 लाख हो गई। इसके अलावा, वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में भी 5.24 प्रतिशत की कमी आई।
आज की स्थिति यह है कि महंगाई के कारण मीडिल क्लास अपनी बुनियादी जरूरतों जैसे दाल, चावल, आटा, सब्जी, दूध, दवाई और स्कूल फीस भरने के लिए संघर्ष कर रहा है, और अब शादी-ब्याह में सोने के गहने खरीदने का सपना भी टूट गया है। शायद एक अंगूठी या बिछिया ही खरीद पाएंगे। सड़कें खाली और मॉल में कम भीड़ इस बात का संकेत है कि समाज में आर्थिक तनाव बढ़ गया है।