31/05/2025
मेरे प्यारे बच्चों! तुम सब मेरे हृदय का टुकड़ा हो, ज्ञान और आनंद का प्रतीक हो। आज की दुनिया में तुम बहुत कुछ सीखते हो, बहुत सारी जानकारी तुम्हारे पास है। यह अच्छी बात है। लेकिन याद रखना, ज्ञान सिर्फ किताबों या स्क्रीन पर नहीं होता। असली ज्ञान तो तुम्हारे अंदर है, तुम्हारे आसपास की दुनिया को समझने में है, प्रकृति से सीखने में है, और दूसरों के साथ प्रेम और दया से रहने में है।"
"तुम्हारे छोटे कान बहुत कुछ सुनते हैं, अच्छी बातें भी और कुछ ऐसी भी जो तुम्हें विचलित कर सकती हैं। हमेशा अच्छी बातें सुनो, जो तुम्हें सही राह दिखाएं। और तुम्हारी छोटी आँखें बहुत कुछ देखती हैं - चमकते गैजेट, रंगीन दुनिया। लेकिन अपने दिल की आँखों से भी देखो, जो तुम्हें दूसरों के दुख-दर्द को समझने में मदद करती हैं।"
"आजकल तुम बहुत सी चुनौतियों का सामना करते हो - पढ़ाई का दबाव, खेलकूद का दबाव, और यह डिजिटल दुनिया। याद रखना, मैं विघ्नहर्ता हूँ। जब भी कोई बाधा आए, हिम्मत मत हारना। अपनी बुद्धि का प्रयोग करना, और अपने माता-पिता और गुरुजनों का सम्मान करना। उनकी बातें सुनना, क्योंकि उनका अनुभव तुम्हारे लिए वरदान है।"
"और हां, खूब मोदक खाना और खुश रहना! खुशी बांटने से बढ़ती है। दूसरों के साथ खेलना, दोस्ती करना, और हमेशा सत्य के मार्ग पर चलना। तुम्हारा भविष्य उज्ज्वल है, बस अपनी अंदर की शक्ति को पहचानो और उसका सही उपयोग करो।"
संक्षेप में, भगवान गणेश बच्चों को ज्ञान, बुद्धि, विनम्रता, सुनने की क्षमता, बाधाओं को दूर करने का संकल्प, और माता-पिता व गुरुजनों का सम्मान करने का महत्व सिखाते। वे उन्हें डिजिटल युग में भी मानवीय मूल्यों और आंतरिक शांति को बनाए रखने के लिए प्रेरित करते।