19/06/2022
#पापा #
आज भी
जब आप की याद आती है
आंखें नम हो जाती है
आखिर क्यों न नम हो ?
जब देखता हूं आसपास
हमउम्र लोगों पर पिता का साया
तो सोचता हूं ..
काश आप होते
देखते आपके बुद्धू लड़के ने कुछ कर दिखाया
आपको विश्वास कम था, शायद मुझ पर
देखो पापा
मैंने कर दिखाया
काश आप होते मेरे पीठ पर हाथ रखते
कहते......शाबाश बेटा शाबाश
तू ने कर दिखाया
वाकई तू मेरा होनहार बेटा है
विश्वास तो कम था तुम पर
लेकिन तू ने कर दिखाया
अपनी कमजोरियों को खूबी में बदल
तूने ने कर दिखाया
क्या तू आजकल लिखता भी है?
क्या लिखता है ?
यह तो बता
यह सवाल?
आप मेरे सपनों में आकर
पूछते हैं बार-बार
लेकिन हर बार मैं आपको सामने देख
रह जाता हूं अवाक्
बहुत कुछ कहना होता है आपसे
कि क्या-क्या सहा है आपके जाने के बाद
हर बात जो सिर्फ आपसे कहनी हैं
हर जख्म जो सिर्फ आपको दिखाना है
हर ठोकरें जो आपके जाने के बाद हमने सही हैं
दिखाना, बताना होता है बहुत कुछ
पर जब भी बोलना चाहता हूं टूट जाता है मेरा स्वप्न
टूटते सपने के साथ मैं भी टूट जाता हूं पापा
क्या आपको पता है कि आपको हमने अपने आप में जिंदा रखा हैं
क्या आप नहीं जानते मां बढ़ती उम्र के साथ आपको ज्यादा याद करती हैं
औरों का पता नहीं जब भी मुसीबत में होता हूं याद आते हो पापा आपका होना सबको का बड़ा संबल था
देखो आपने नाम को
अपने लेखन में जिंदा रखा हू मैं
"धीरेन्द्र भरत "
मुझे याद है आप कहते थे
भरत के नाम पर ही इस देश का भारत पड़ा है
और जोर से
आप कहते हुए टहाका मारते
मेरी मृत्यु के साथ ही
आप विस्मृत होगे मेरे शरीर से!
#धीरेन्द्र भरत #
हैप्पी फादर डे