29/03/2025
🚨 हनुमानगढ़ एसपी को अवमानना के चलते न्यायिक अभिरक्षा में रखा गया
जयपुर महानगर प्रथम की अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (ACJM) कोर्ट क्रम-6 की न्यायाधीश कल्पना पारीक ने हनुमानगढ़ के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अरशद अली को कोर्ट की अवमानना के कारण दो घंटे तक न्यायिक अभिरक्षा में रखने का आदेश दिया। यह घटना गुरुवार, 27 मार्च 2025 को हुई, जब एसपी को एक मामले में साक्ष्य देने के लिए तलब किया गया था।
मामले का विवरण:
पृष्ठभूमि: एसपी अरशद अली को ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट एवं पशु क्रूरता अधिनियम से जुड़े एक मामले में साक्ष्य देने के लिए पिछले एक वर्ष से कोर्ट द्वारा तलब किया जा रहा था। कोर्ट ने 2019 में उन्हें जमानती वारंट जारी किए थे और पिछले एक साल से गिरफ्तारी वारंट से बुला रही थी, लेकिन वे उपस्थित नहीं हो रहे थे।
कोर्ट में व्यवहार: गुरुवार को कोर्ट में पेश होने पर, एसपी अरशद अली ने कुर्सी पर बैठे-बैठे ही गिरफ्तारी वारंट पर आपत्ति जताई और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश होने की बात कही। न्यायाधीश के टोकने पर भी उन्होंने अपनी गलती नहीं मानी, जिससे नाराज होकर जज ने उन्हें दो घंटे के लिए न्यायिक अभिरक्षा में रखने का आदेश दिया।
माफी और साक्ष्य: लंच के बाद, एसपी ने अपने व्यवहार के लिए खेद प्रकट किया और तबीयत ठीक नहीं होने का हवाला देते हुए साक्ष्य देने के लिए समय मांगा। कोर्ट ने समय देने से इनकार करते हुए उन्हें बैठने के लिए कुर्सी दी और सरकारी वकील ने उनके बयान दर्ज करवाए।
यह घटना न्यायपालिका की गरिमा और आदेशों के प्रति सम्मान की महत्वपूर्णता को दर्शाती है। सभी नागरिकों, चाहे वे किसी भी पद पर हों, को न्यायालय के आदेशों का पालन करना आवश्यक है।