
22/07/2025
हाउस की बैठक में भ्रष्टाचार को लेकर भिड़े पार्षद, बैठक खत्म होते ही सीईओ कार्यालय में की आपसी सुलह, सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरें
मनरेगा व विकास कार्यों में घोटाले को लेकर हुई तीखी बहस, बैठक खत्म होते ही सीईओ ऑफिस में सुलह, वायरल हुई मुस्कुराते हुए साथ की तस्वीरें
कैथल। पांच महीने बाद बुलाई गई जिला परिषद की हाउस बैठक सोमवार को भारी हंगामे और राजनीतिक ड्रामे का गवाह बनी। बैठक के दौरान पूर्व चेयरमैन व पार्षद दीपक मलिक जाखौली और वार्ड नंबर 4 से पार्षद दिलबाग उर्फ दीप बालू के बीच भ्रष्टाचार के मुद्दे पर तीखी बहस हो गई। दोनों ने एक-दूसरे पर सार्वजनिक रूप से गंभीर आरोप लगाए, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि बैठक समाप्त होते ही दोनों एक-दूसरे के गले लगते नजर आए और सीईओ कार्यालय में समझौता हो गया।
बैठक की शुरुआत में ही पार्षद दीपक मलिक ने आरोप लगाए कि मस्टररोल पास करवाने के एवज में जिला परिषद के सिस्टम में 15 हजार रुपये रिश्वत मांगी जाती है। उन्होंने कहा कि उनके पास इस भ्रष्टाचार के ऑडियो सबूत भी हैं। इसके जवाब में पार्षद दीप बालू ने पलटवार करते हुए दीपक मलिक के कार्यकाल में लगभग ढाई करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया।
सबसे दिलचस्प मोड़ तब आया जब बैठक समाप्त होते ही दोनों विरोधी पार्षद—दीपक मलिक और दीप बालू—सीईओ के कार्यालय पहुंचे और बातचीत के बाद गिले-शिकवे दूर करते हुए एक-दूसरे को गले लगाया। यह दृश्य वहां मौजूद अन्य पार्षदों और अधिकारियों के लिए भी अप्रत्याशित था। इस पल की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं, जिसमें दोनों नेताओं को मुस्कुराते हुए साथ देखा जा सकता है।
सोशल मीडिया पर इस "यू-टर्न" पर जनता की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कुछ लोगों ने इसे राजनीतिक नाटक करार दिया, तो कुछ ने इसे लोकतांत्रिक परिपक्वता की मिसाल बताया।
इस घटनाक्रम ने जहां एक ओर हाउस की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता पर सवाल उठाए, वहीं यह भी दिखाया कि संवाद से किसी भी मतभेद को सुलझाया जा सकता है। अब देखना होगा कि आरोपों की जांच किस दिशा में जाती है और जिला परिषद जनता की अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरती है।