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सावन के रंग अपराजिता के संगअपराजिता जज़्बा जीत का नेशनल वेलफेयर ट्रस्ट हर साल की तरह इस साल भी सावन उत्सव नारी सौंदर्य क...
10/08/2025

सावन के रंग अपराजिता के संग
अपराजिता जज़्बा जीत का नेशनल वेलफेयर ट्रस्ट हर साल की तरह इस साल भी सावन उत्सव नारी सौंदर्य के साथ स्वास्थ्य एवं पर्यावरण रक्षा का संदेश देता हुआ, 10 अगस्त, 2025 को होटल रेडिकल,नाका हिंडोला,चारबाग लखनऊ में आयोजित किया गया।
जिसमें मुख्य अतिथि स्क्वाड्रन लीडर डा.तूलिका रानी, एवं विशिष्ट अतिथि मधु सुभाष एवं प्रशिक्षक सावन गीत कार्यशाला की मनु राय उपस्थित रही।अतिथियों का सम्मान संरक्षक अंजलि सक्सेना, संस्थापिका डॉ. अनुपमा श्रीवास्तव,अध्यक्ष प्रोफेसर सीमा सरकार,उपाध्यक्ष डॉ. क्षितिज शुक्ला के द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का आरंभ दीप प्रज्वलन से हुआ। डॉ सृष्टि श्रीवास्तव,डॉ रीना सिंह, निवेदिता श्री गणमान्य अतिथियों के रूप में उपस्थित रहे l तूलिका रानी जी ने अपराजिता के लिए आशीर्वाद वचनों के साथ स्वरचित कविता भी सुनाई।
कार्यक्रम को मनोरंजक बनाने के लिए गायन ,नृत्य,खेल भी खिलाए गए।एकल नृत्य में प्रतिभागी कल्पना चटर्जी,मालविका शरद,श्रीजोई सिन्हा 5 वर्ष की बालिका एवं अर्चना सक्सेना रही।वही डॉ अनुपमा श्रीवास्तव, श्वेता श्रीवास्तव,अर्चना श्रीवास्तव, नीती शुक्ला,आभा सिंहा ने सावन गीत पर नृत्य की झड़ी लगा दी।
गायन में डॉ स्मिता सिंह,शिल्पी श्रीवास्तव ने एकल गायन एवं श्वेता श्रीवास्तव,अर्चना श्रीवास्तव, नीती शुक्ला, प्रीति सक्सेना,आभा सिन्हा ने सावन की कजरी से समा बांध दिया।
डॉ क्षितिज शुक्ला, श्वेता श्रीवास्तव और नीती शुक्ला ने मनोरंजक खेल भी खिलाए।
कार्यक्रम के बीच बीच में मनोरंजक खेलो के विजेताओं में नीती शुक्ला,डॉ अनुपमा श्रीवास्तव,तूलिका रानी,मधु सुभाष,अंजू अग्रवाल,अंजू यादव,अर्चना सक्सेना,ममता अस्थाना,विनीता त्रिपाठी,प्रीति माथुर,पूजा श्रीवास्तव,शिखा श्रीवास्तव निवाला को लकी ड्रॉ पुरस्कार मिला।
इसी क्रम में मृदुला श्रीवास्तव वेलनेस ट्रेनर ने गिफ्ट हैंपर दिए और हेल्थ के लिए टिप्स भी दिए। मंच का कुशल संचालन शिखा श्रीवास्तव ने किया।
नृत्य की मस्ती में झूमते हुए सबने सावन को विदाई दी

10/08/2025

यह रहा 12 ज्योतिर्लिंगों का संक्षिप्त चार्ट — नाम, स्थान और मुख्य विशेषता के साथ:

क्रम ज्योतिर्लिंग स्थान मुख्य विशेषता / कथा

1 सोमनाथ गुजरात, प्रभास पाटन चंद्रदेव ने तप करके भगवान शिव से वर पाया, समुद्र किनारे स्थित।
2 मल्लिकार्जुन आंध्र प्रदेश, श्रीशैलम पार्वतीजी का प्रिय, शिव-पार्वती के पुत्र कार्तिकेय से जुड़ी कथा।
3 महाकालेश्वर मध्य प्रदेश, उज्जैन काल के भी महाकाल, समय पर विजय देने वाले।
4 ओंकारेश्वर मध्य प्रदेश, नर्मदा किनारे द्वीप के आकार में ‘ॐ’ के रूप में स्थित।
5 केदारनाथ उत्तराखंड, हिमालय पांडवों ने महाभारत के बाद यहां पूजा की।
6 भीमाशंकर महाराष्ट्र, पुणे भीम नामक राक्षस का वध कर शिवजी यहां विराजे।
7 काशी विश्वनाथ उत्तर प्रदेश, वाराणसी मोक्षदायी शिवधाम, मृत्यु के बाद मुक्ति देने वाले।
8 त्र्यंबकेश्वर महाराष्ट्र, नासिक गोदावरी नदी का उद्गम स्थल।
9 वैद्यनाथ झारखंड, देवघर (या महाराष्ट्र पारली) रावण ने शिवलिंग लाने का प्रयास किया।
10 नागेश्वर गुजरात, द्वारका के पास समुद्र किनारे नागों से रक्षा करने वाले।
11 रामेश्वर तमिलनाडु, रामेश्वरम श्रीराम ने लंका विजय से पहले पूजा की।
12 घृष्णेश्वर महाराष्ट्र, एलोरा के पास भक्त घृष्णा की भक्ति से शिवजी प्रकट हुए।

Khabre nahi hai jhoot kyuki yeah hai achook.

वर्तमान समय में व्यंग्य लेखन के नए मानक पर संगोष्ठी आज/ तीन कोलखनऊ, 2 अगस्त। वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार अनूप श्रीवास्...
02/08/2025

वर्तमान समय में व्यंग्य लेखन के नए मानक पर संगोष्ठी आज/ तीन को

लखनऊ, 2 अगस्त। वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार अनूप श्रीवास्तव की स्मृति में माध्यम साहित्यिक संस्थान एवं अट्टहास हास्य व्यंग्य पत्रिका के संयुक्त तत्वावधान में रविवार तीन अगस्त को शाम चार बजे से "वर्तमान समय में व्यंग्य लेखन के नए मानक" विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। हिंदी संस्थान भवन, हजरतगंज में आयोजित होने वाली इस संगोष्ठी में देश भर से साहित्यकार एवं पत्रकार भाग लेंगे।
कार्यक्रम की आयोजन सचिव शिल्पा श्रीवास्तव ने बताया कि उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक मुख्य अतिथि होंगे। वहीं डा.अखिलेश मिश्रा, श्री सुभाष राय, डा.कीर्ति काले, आलोक शुक्ल, श्रीमती आभा सिंह, श्री राम किशोर उपाध्याय विशिष्ट अतिथि होंगे।
वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार अनूप श्रीवास्तव का गत 20 जनवरी को आकस्मिक निधन हो गया था।अनूप श्रीवास्तव ने करीब छह दशक तक पत्रकारिता एवं साहित्य जगत में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। अनूप श्रीवास्तव ने ही करीब 50 वर्ष पूर्व माध्यम साहित्यिक संस्थान की स्थापना की थी। हरिवंशराय बच्चन, डा.शिव मंगल सिंह ’सुमन’, डा.विद्या निवास मिश्र, ठाकुर प्रसाद सिंह, डा.चन्द्रदेव सिंह माध्यम के संस्थापक सदस्य रहे। माध्यम संस्थान द्वारा पिछले 35 वर्षों से "अट्टहास सम्मान समारोह" भी आयोजित किया जा रहा है। इस समारोह के अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर पर "अट्टहास शिखर सम्मान" और "अट्टहास युवा सम्मान" प्रदान किया जाता रहा है। इस कड़ी में देश के 60 से अधिक साहित्यकारों को अब तक सम्मानित किया जा चुका है। माध्यम संस्थान द्वारा एकमात्र हास्य व्यंग्य पत्रिका ’अट्टहास हास्य व्यंग्य' का भी मई सन् दो हजार से प्रकाशन किया जा रहा है।

*"भारतीय संस्कृति अत्यंत समृद्ध और अद्भुत है। "नम्रता पाठक* नवयुग कन्या महाविद्यालय, राजेन्द्र नगर, लखनऊ में 2 अगस्त 202...
02/08/2025

*"भारतीय संस्कृति अत्यंत समृद्ध और अद्भुत है। "नम्रता पाठक*
नवयुग कन्या महाविद्यालय, राजेन्द्र नगर, लखनऊ में 2 अगस्त 2025 को भारतीय भाषा, संस्कृति एवं कला समिति द्वारा "हरितिमा उत्सव" का आयोजन किया गया। यह सांस्कृतिक कार्यक्रम सावन की ऋतु और भारतीय लोक परंपराओं को समर्पित था। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, जो ज्ञान, सकारात्मक ऊर्जा और सांस्कृतिक गरिमा का प्रतीक है। वातावरण में भक्ति और उल्लास का भाव व्याप्त हो गया।

महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. मंजुला उपाध्याय ने अतिथियों का पारंपरिक रूप से चुनरी, पौधा और पेंटिंग भेंटकर स्वागत किया। मुख्य अतिथि के रूप में समाज सेवी श्रीमती नम्रता पाठक, तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में कृष्णा देवी महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. सारिका दुबे उपस्थित रहीं।
कार्यक्रम में आमंत्रित कलाकारों की प्रस्तुतियाँ विशेष आकर्षण का केंद्र रहीं। शास्त्रीय एवं लोक गायिका डॉ. पूनम श्रीवास्तव ने 'बरसे सावन' जैसी मनमोहक कजरी प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध किया। लोक गायिका गीता सिंह, संगीत शिक्षिका सुषमा अग्रवाल एवं शिक्षिका डॉ. सुमन मिश्रा ने ‘गरजे बरसे रे बदरिया’, ‘झमक के बरसो’ तथा ‘श्रावण मास यमुना तीरे’ जैसी कजरी, झूमर और झूला गीत प्रस्तुत कर वातावरण को मानसूनी रंगों से भर दिया। पूनम त्रिपाठी ने अपनी ढोलक से संगत की।

श्रीमती नम्रता पाठक ने कलाकारों की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति अत्यंत समृद्ध और अद्भुत है। सावन का महीना प्रकृति, भक्ति और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक है, जब भगवान शिव शक्ति के साथ विचरण करते हैं। यह ऋतु प्रकृति की सुंदरता और उसके हमारे जीवन में महत्व को रेखांकित करती है। हमारे त्योहार हमें ऊर्जा से भर देते हैं वहीं ऊर्जा हमें कार्य करने की प्रेरणा देते हैं। मैं इस कार्यक्रम के लिए महाविद्यालय परिवार को हार्दिक बधाई देती हूं।

प्रो. सारिका दुबे ने अपने वक्तव्य में कहा कि इस प्रकार के आयोजन नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति से जोड़ते हैं। उन्होंने बताया कि हमारी संस्कृति प्रकृति में समाहित है — हम गाय को माता, भूमि और नदियों को देवी मानते हैं। श्रावण मास के दौरान हमारी धरती माँ को "रजस्वला" माना जाता है, इसलिए नदियों में स्नान वर्जित रहता है। उन्होंने श्रावण के सांस्कृतिक और वैज्ञानिक महत्व दोनों को रेखांकित किया। अंत में उन्होंने महाविद्यालय की प्राचार्या एवं आयोजन समिति को सुंदर आयोजन के लिए धन्यवाद दिया और कलाकारों को बधाई एवं छात्राओं को आशीर्वाद प्रदान किया।
प्राचार्या ने सभी को श्रावण मास और "हरितिमा उत्सव" की शुभकामनाएँ देते हुए समस्त अतिथियों एवं कलाकारों की प्रस्तुतियों की सराहना की। उन्होंने समिति के प्रयासों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए उन्हें बधाई दी और आशीर्वचन देते हुए कहा कि **हरा रंग उन्नति और जीवन का प्रतीक है**, आप सभी यूँ ही जीवंत और ऊर्जावान बने रहें। उन्होंने छात्राओं की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और उनके द्वारा लगाए गए स्टाल की भी विशेष प्रशंसा की और उन्हें उज्ज्वल भविष्य के लिए बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं।
कार्यक्रम में समिति के सदस्यों ने पारंपरिक कजरी गीत प्रस्तुत किए, जिससे पूरे माहौल में लोक-संस्कृति की जीवंतता भर गई। छात्राओं ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया — नेहा मिश्रा और शगुन सिंह ने लोक नृत्य प्रस्तुत किए, जबकि आशी गुप्ता
ने कजरी नृत्य से सभी का मन मोह लिया। महाविद्यालय की शिक्षिकाएँ सुनीता सिंह, डॉ. चंदन मौर्य, डॉ. स्नेहा और डॉ. अंजुला डा स्नेहा द्वारा प्रस्तुत लोकगीतों ने कार्यक्रम को विशेष गरिमा प्रदान की। कई छात्राओं ने मेहंदी , श्रृंगार का सामान,घेवर , अनरसे, ठेकुआ ,फरे के पारंपरिक व्यंजनके स्टाल लगाए। जबकि अन्य ने फूड स्टॉल्स के माध्यम से अपनी रचनात्मकता का परिचय दिया।

इस आयोजन की सफलता का श्रेय आयोजन समिति की समर्पित टीम को जाता है, जिसमें प्रो. सीमा सरकार, डॉ. आभा पाल, डॉ. अपूर्वा अवस्थी, श्रीमती ललिता पांडेय एवं सुश्री नेहा पांडेय शामिल थीं। महाविद्यालय के विभिन्न विभागों के प्राध्यापकों और छात्राओं की सक्रिय भागीदारी ने "हरितिमा उत्सव" को भारतीय लोक संस्कृति का एक जीवंत, रंगीन और स्मरणीय उत्सव बना दिया।
अंत में धन्यवाद ज्ञापन समिति की समन्वयक प्रो सीमा सरकार ने किया। कार्यक्रम का संचालन डा. अपूर्वा अवस्थी ने किया।

स्तुति नृत्यम एक ऐसा संस्थान जहां पांच साल के बच्चो  से लेकर पैंसठ साल तक की महिलाओ को पूरी तरह से संस्कृति पर समर्पित आ...
25/07/2025

स्तुति नृत्यम एक ऐसा संस्थान जहां पांच साल के बच्चो से लेकर पैंसठ साल तक की महिलाओ को पूरी तरह से संस्कृति पर समर्पित आनलाईन नृत्य प्रशिक्षण दिया जाता है ।
आज स्तुति नृत्यम की संस्थापिका श्रीमती गीता सक्सेना जी के संयोजन से रिची रिच रेस्टोरेंट राजाजीपुरम मे भव्य तीज कार्यक्रम आयोजित किया गया ।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि श्रीमती नम्रता पाठक जी ने दीप प्रज्वलन के साथ किया ।
श्रीमती अपर्णा सक्सेना एंव अंजू अग्रवाल जी के खूबसूरत संचालन मे श्रीमती आभा सिन्हा ने कजरी गाकर सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत की एंव श्रीमती निधि सक्सेना, श्रीमती किरन श्रीवास्तव, श्रीमती नीलम ,श्रीमती स्मिता, श्रीमती अंकिता ,श्रीमती विनीता त्रिपाठी ,श्रीमती अंजू यादव ,श्रीमती आशिता श्रीवास्तव ,श्रीमती मनु ने नृत्य की खूबसूरत प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया साथ ही श्रीमती संध्या श्रीवास्तव ने सावन पर अपनी स्वरचित कविता की भी प्रस्तुति दी ।
गीता सक्सेना जी ने श्रीमती अर्चना श्रीवास्तव, एंव श्रीमती आरती सकसेना के सहयोग से सभी अतिथियो श्रीमती विजय लक्ष्मी श्रीवास्तव, श्रीमती रीमा सिन्हा, श्रीमती रागिनी श्रीवास्तव, श्रीमती प्रतिभा बाल्यान, श्रीमती पुनीता भटनागर, श्रीमती नीमा पंत ,श्रीमति प्रियंका शुक्ला को दुपट्टा पहनाकर एंव सावन श्रंगार देकर सम्मानित किया ।
श्रीमती निशी गुप्ता लकी ड्रा से सावन सुंदरी चुनी गई उनका पारम्परिक रूप से सम्मान किया गया ।
पूरा कार्यक्रम नए परिवर्तन के साथ हुआ लीक से विपरीत पहली बार तीज queen जो सभी चुनते हैं इसकी जगह सावन सुंदरी चुनी गई रैम्प वॉक शिव तांडव पर हुआ पूर्ण सनातनी तीजोत्सव हुआ।
कार्यक्रम मे सांस्कृतिक एंव रंगारंग कार्यक्रम के साथ साथ लोगो ने लजीज व्यंजन का भी लुत्फ उठाया ।
गीता जी ने सभी सदस्यो को उपहार चिन्ह भी प्रदान किए।

प्रकृति से प्रेम का संदेश दे गया हरेला सावन उत्सवईशा-मीशा, मान्या, बीना, तमाल, गिरीश सम्मानित लखनऊ, 25 जुलाई। मैदानी साव...
25/07/2025

प्रकृति से प्रेम का संदेश दे गया हरेला सावन उत्सव

ईशा-मीशा, मान्या, बीना, तमाल, गिरीश सम्मानित

लखनऊ, 25 जुलाई। मैदानी सावन और पर्वतीय हरेला उत्सव के इन्द्रधनुषी रंग आज यहां कुर्मांचलनगर के मोहनसिंह बिष्ट सभागार में हरेला बाखई का कार्यक्रम प्रकृति से प्रेम का संदेश दे गया।
इस अवसर पर अतिथियों ने समाजसेवी आनन्द के ब्रजवासी, पत्रकार महेश पाण्डेय, नृत्य क्षेत्र में रतन सिस्टर्स ईशा-मीशा, नाट्य क्षेत्र में कामना बिष्ट,
युवा लेखिका मान्या उपाध्याय, धार्मिक उन्नयन के लिये बीना बिष्ट, कला समीक्षक राजवीर रतन, नाट्य निर्देशन के लिये तमाल बोस और कलाकार
गिरीश जोशी को सम्मानित किया गया।
गणेश वंदना से शुरू हुए हरेला बाखई और उत्कर्ष इवेंट के कार्यक्रम में विभा नौटियाल और साथियों ने शिव वंदना, सावन नृत्य और मोहक की प्रस्तुति दी। ईशा रतन ने कथक में रुद्राष्टकम और शिव ताण्डव स्तुति की दर्शनीय प्रस्तुति दी।
आगे आभार जोशी व गिरीश जोशी के संचालन में चले कार्यक्रम में हितो दीदी हितो हो भोला हरेला.... बोलों पर हेमा अधिकारी के साथ पुष्पा कंवल, यशोदा रावत, अंजू पंत, ज्योति कश्यप, कविता अधिकारी, अलका बोरा, सरस्वती नेगी व बबली मडवाल ने झोड़ा नृत्य पेश किया।
झोड़ा की एक अन्य प्रस्तुति बीना बिष्ट व सखियों की रही। डा.विश्वास वर्मा ने कृष्ण भजन प्रस्तुत किया। ज्योति किरन रतन ने कजरी बरसने लागी बदरिया.... पर नृत्य प्रस्तुत किया। इस अवसर पर कमला जोशी, रिचा जोशी, विक्रम बिष्ट, चन्द्रमणि जोशी, अनुराधा उपाध्याय आदि अनेक कलाकारों ने नेपाली नृत्य के बीच मधुर गीत संगीत की झड़ी लगा दी। यहां शिव आधारित नृत्य नाटिका का प्रदर्शन भी हुआ। नाटिका में शिव रूप हरीश उपाध्याय उतरे।
यहां हरेला क्वीन प्रतियोगिता में शशि जोशी, पुष्पा वैष्णव, मान्या उपाध्याय और कमला जोशी आदि ने प्रतिभाग किया।

24/07/2025

" हर नई सुबह एक मौका है
उठो, सोचो और आगे बढ़ो!"

डा.स्मिता मिश्रा की तीन कृतियों का लोकार्पण     लखनऊ, 21 जुलाई। आईपी फाउंडेशन और विद्योतमा फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान...
22/07/2025

डा.स्मिता मिश्रा की तीन कृतियों का लोकार्पण

लखनऊ, 21 जुलाई। आईपी फाउंडेशन और विद्योतमा फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में डा.स्मिता मिश्रा की तीन पुस्तकों एहसास, ट्रामा बॉन्डिंग और फिर मिलूंगी का लोकार्पण प्रेस क्लब में हुआ। रायबरेली फिरोज गांधी विद्यालय के प्रो.आदर्श मिश्रा शुक्ला कैप्टन सरोज सिंह, लखनऊ विश्वविद्यालय अंग्रेज़ी विभाग की प्रो.शशि मिश्रा, लोकगायिका इन्द्रा श्रीवास्तव, डा.रश्मि शील, डा.करुणा पाण्डे, विनीता मिश्रा, लखनऊ वीमेन्स एसोसिएशन अध्यक्ष प्रतिमा बाजपेई, जयंती शुक्ला, आस्था अस्पताल संस्थापक डा.अभिषेक का सम्मान हुआ। अलका प्रमोद के मंच संचालन में वाणी वंदना सुप्रसिद्ध लोक गायिका आशा श्रीवास्तव ने की। अतिथियों का स्वागत करते हुए निवेदिता श्री ने डा.स्मिता मिश्रा के जीवन के अनछुए पहलुओं से भी परिचित कराया। कार्यक्रम अध्यक्ष पूर्व डीजीपी महेश चन्द्र द्विवेदी एवं मुख्य अतिथि प्रोफेसर शोभा बाजपेयी की उपस्थित में डा.रश्मि शील ने कृति एहसास की 56 कविताओं के विषयों को दर्शकों से परिचित कराया। डा.करुणा पाण्डे ने ट्रामा बॉन्डिंग की समीक्षा करते हुए कहा कि सम्बन्ध अशोक की लाट के समान सामने से भले ही अलग दिशा में दिखे, परन्तु पीछे से सब आपस में एक दूसरे से जुड़े रहते हैं। तीसरी कृति काव्य संग्रह फिर मिलूंगी की कविताओं को पढते विनीता मिश्रा ने कहे की डा स्मिता मिश्रा ने मां ,बेटी ,भाई, बहन सभी संबंधो को कावय मे सरल भाषा मे उतारा है। वरिष्ठ साहित्यकार वी पी शुक्ल ने कहा कि हर कविता जीवन के सत्य से परिचित कराती है। मुख्य अतिथि प्रो.शोभा बाजपेयी ने डा.स्मिता मिश्रा के काव्य संग्रह और उपन्यास के बारे में कहा कि संयुक्त परिवार, महिला, मां, बेटी, भाई जैसे सभी संबंधों को एक साथ लेकर जो लेखन किया है, वह सरल भाषा में सभी को आसानी से समझ आने वाला है। अध्यक्षीय वक्तव्य में पूर्व डीजीपी महेशचन्द्र द्विवेदी ने लेखिका को बधाई देते हुए कहा कि भावनात्मक विचार और अन्याय सहते संबंधों को एक सूत्र में बांधते हुए बहुत सुंदर लेखन किया है। आईपी फाउंडेशन की अध्यक्ष डा.उषा दीक्षित ने सभी को धन्यवाद करते हुए कहा कि तीनों कृतियों का लेखन और फिर उसका लोकार्पण एक सामाजिक कार्य है। इनमें उनके अनुभवों का सार है। एक ऐसी महिला के अनुभव जो विभिन्न सामाजिक कार्यो में संलग्न हैं और देश विदेश में भ्रमण कर हैं, सभी के लिये प्रेरक हो सकते हैं।

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