17/10/2025
दिवाली की तैयारी!
दिवाली नजदीक आते ही सबसे पहले आजी चिकनी मिट्टी मंगवाती थीं। सुबह जल्दी से उठकर भोजन बनाया जाता। मां भोजन बनाने की तैयारी करवा देती और चाची खाना बनाने लगती।
जब तक चाची खाना बनाती तब तक मां पोतने वाले कमरे से सारा सामान निकाल कर अंगना में रख देती। उस दिन हम बच्चों को बहुत सी अजूबी चीजों के दर्शन होते जिनका उपयोग बंद हो जाने से वो डेहरी के गोड़ा के तरे (नीचे), डेहरी के कोने में रखे होते थे।
हमारे लिए उस दिन बाहर खेलने से ज्यादा अच्छा आंगन में रखी चीजों को उलट पलट कर देखने में लगता था।
मां सामान बाहर निकाल कर कुचरा (अरहर की टहनी से बना झाड़ू) से जाले साफ करती। खपरैल घर में जाले साफ करना कौन सा आसान काम होता था। जाले साफ करते समय तमाम धूल मिट्टी ऊपर गिरती।
आजी गोबर और चिकनी मिट्टी सान कर दीवार में बनी दरार को भरती थी।
जब चाची खाना बना कर बाहर निकलती तब मां और चाची दोनों पुरानी साड़ी पहनती और बाल्टी में चिकनी मिट्टी गाढ़ी घोलकर, सूती कपड़े का पोतना कर घर पोतना शुरू करती।
मां सीढ़ी दीवार पर लगा कर चढ़ जाती थी। चाची नीचे से पोतना बाल्टी में डुबो कर मां को पकड़ाती मां दीवार का ऊपर वाला भाग पोतती और चाची जहां तक हाथ पहुंचता वहां तक अऊंठियाती (पोतती)।
मां तो पोतना घुमा कर ही डिजाइन बना देती थीं लेकिन चाची उंगली से घुमा कर गीली दीवार में डिजाइन बना देती थीं।
जब पूरा कमरा पोत उठता तब नीचे की फर्श गोबर से लीप दिया जाता।
जिस दिन पुताई होती उस दिन हम बच्चों से भोजन परोसना, बड़ों को भोजन देना, सामान उठाने, रखने में मदद करना जैसे काम करवाए जाते थे।
घर के अंदर चिकनी मिट्टी से पुताई होती और गोबर से फर्श लीपा जाता।
घर के बाहर की दीवार अक्सर ईंट का छल्ला जोड़ कर बनती थी और सीमेंट लगा कर प्लास्टर होता था तो उसको चूने में नील डालकर मूंज कूट कर उसकी कूंची बना कर पोत दिया जाता था।
लिपाई पुताई हो जाती तब एक दिन धोबन काकी को बुला कर कपड़े धोने को दे दिए जाते थे।
दुआर मोहार की घास छिल कर साफ कर दिया जाता था।
एक दिन बाजार करके सूजी, चीनी, मसाले, डालडा, गरी छुहारा, सोंठ इत्यादि मंगा लिया जाता।
कोहार काका आकर दिवली, घांटी, कुछ गगरी, मटकी, परई, कोसा, छीना और जो कुछ घर में जरूरत होती लिया जाता।
हम बच्चों के लिए गुरुजाँता, तराजू, परई, आजी ले लेती।
साहू काका से चीनी से बने हाथी घोड़ा वाली मिठाई ले ली जाती।
कुछ यूं मेरे घर पर मेरे बचपन में दिवाली की तैयारी होती थी।
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#दीपावली