19/11/2025
My Diary Notes - 255
vegan !
जन्म से ही मैं शाकाहारी हूँ। मांसाहार में सीधा दिखता है कि पशु की हत्या करके उसका मांस खाया जाता है। यह मानवीय गरिमा के विरुद्ध है।
इधर मैं वीगन भी बन गई हूँ अर्थात सिर्फ मांस ही नहीं बल्कि पशु से प्राप्त किसी चीज को नहीं खाना। जैसे दूध, दही, घी, मक्खन, दूध से बानी मिठाई और शहद भी।
वीगन बनाने का कारण यह है कि आजकल दूध के पीछे की जो कहानी है वह क्रूरतम और ह्रदय विदारक है।
यदि पीना हो तो मैं सिर्फ अपनी गाय का दूध पीती हूँ। मेरी गाय और बछड़ा दोनों गौशाला के हाते में स्वतंत्र होकर घूमते रहते हैं और प्रसन्न रहते हैं। मेरी गाय और मेरा बछड़ा जीवन भर मेरे पास ही रहेंगे। उनकी मृत्यु प्राकृतिक मृत्यु ही होगी। कुछ लोग प्यार से कुत्ते या बिल्ली पालते हैं। मैं प्यार से गाय पालती हूँ। - देवी १९. 11. २०२५