
30/05/2025
~ अब कोई पूछ सकता है कि जाति और संसाधन गणना के संयोजन से क्या लाभ होगा? तो यह वंचित समूहों की पहचान, विशेषाधिकारों का विश्लेषण, नीतियों का प्रभावी कार्यान्वयन और सामाजिक एकता को बढ़ावा में सहायक हो सकता है. इससे यह स्पष्ट होगा कि कौन सी जातियां संसाधनों से वंचित हैं, जिससे लक्षित कल्याणकारी योजनाएं बनाई जा सकेंगी। उदाहरण के लिए, बिहार की 2023 की गणना से पता चला कि अति पिछड़ा वर्ग (Economically Backward Class) की आर्थिक स्थिति सबसे कमजोर थी, जिसके आधार पर सरकार ने विशेष योजनाएं शुरू की है । यह समझने में मदद मिलेगी कि कौन सी जातियां संसाधनों पर अधिक नियंत्रण रखती हैं। ~ Achchhelal Prajapati
0 0 Share on Facebook Tweet it Share on Reddit Pin it Share it Email Read Time:14 Minute, 24 Second अच्छेलाल प्रजापति (Achchhelal Prajapati) भारत में जाति सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक संरचन.....