Vaishali Junction

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✨ "वैशाली जंक्शन" ✨
हम हैं वैशाली, बिहार से और हमारे इस पेज का मकसद है –
अपने शहर और जिले की हर बड़ी-छोटी खबर, संस्कृति, इतिहास और ताज़ा अपडेट आप तक सबसे पहले पहुँचाना। 🚉 ऐतिहासिक प्रमाणों के मुताबिक ईसा से लगभग छठी सदी पहले वैशाली में ही दुनिया का पहला गणतंत्र यानी ‘गणराज्य’ कायम हुआ था. आज जो लोकतांत्रिक देशों में अपर हाउस और लोअर हाउस की प्रणाली है, जहां सांसद जनता के लिए पॉलिसी बनाते हैं. ये प

्रणाली भी वैशाली गणराज्य में था. वहां उस समय छोटी-छोटी समितियां थी, जो गणराज्य के अंतर्गत आने वाली जनता के लिए नियमों और नीतियों को बनाते थे.

अमेरिका में होने वाले चुनावों के वक़्त हमें प्रेसिडेंशियल डिबेट्स की खबर देखने को मिलती है. ऐसी ही बहसें आज से लगभग 2500 साल पहले वैशाली गणराज्य में अपने नए गणनायक को चुनने के लिए होती थीं. कई इतिहासकारों का ये भी मानना है कि अमेरिका में जब लोकतंत्र का ताना-बाना बुना जा रहा था, तब वहां के पॉलिसी-मेकर्स के दिमाग में वैशाली के गणतंत्र का मॉड्यूल चल रहा था.



वैशाली में गणतंत्र की स्थापना
दरअसल वैशाली नगर वज्जी महाजनपद की राजधानी थी. महाजनपद का मतलब प्राचीन भारत के शक्तिशाली राज्यों में से एक होता था. ये क्षेत्र प्रभावशाली था अपने गणतंत्रिक मूल्यों की वजह से. वैशाली में गणतंत्र की स्थापना लिच्छवियों ने की थी. लिच्छवियों का संबंध एक हिमालयन ट्राइब लिच्छ से था. वैशाली गणराज्य को लिच्छवियों ने खड़ा किया था और ये इसलिए किया गया था, ताकि बाहरी आक्रमणकारियों से बचा जा सके. और अगर कोई बाहर से आक्रमण करे तो गणराज्य को जनता का पूरा समर्थन हासिल हो.

गणराज्य बनने के बाद ठीक ऐसा ही हुआ था. कलांतर में वैशाली एक शक्तिशाली राज्य के रूप में उभरा. इस प्रकार एक नई प्रणाली ईजाद हुई, जिसे हम गणतंत्र कहते हैं. इसे दुनिया के ज्यादातर देशों ने अपनाया है और मॉडर्न ग्लोबल वर्ल्ड का बेस्ट सिस्टम माना गया. आज इंडिया हो या यूरोप का कोई देश या फिर अमेरिका, सब इसी सिस्टम को मानते हैं, जिसकी शुरुआत आज से 2600 साल पहले भारत के वैशाली में हुई थी.



हिमालय की तराई से लेकर गंगा के बीच फैली भूमि पर लिच्‍छवियों के संघ द्वारा गणतंत्र सिस्टम की शुरूआत की गई थी, जिसका नाम 'वैशाली गणराज्य' था. वैशाली को कुछ इतिहासकार गणतंत्र का 'मक्का' भी कहते हैं.

आज के गणराज्य में और वैशाली के गणराज्य में बहुत से फर्क हैं, पर मेन आइडिया वहीं से लिया गया था. वैशाली गणराज्य को नियंत्रित करने के लिए कुछ समितियां बनाई गई थीं, जो हर तरह के कामों पर बारीकी से नजर रखती थीं. ये समितियां समय के हिसाब से गणराज्य की नितियों में तब्दीली लाती थीं, जो काम आज के समय में किसी लोकतांत्रिक देशों में जनता के द्वारा चुने गए सांसद करते हैं.

21/10/2025
21/10/2025

एक विशेष बौद्ध संग्रहालय है जो भगवान बुद्ध के जीवन, उनके उपदेशों और बौद्ध धर्म के समृद्ध इतिहास को प्रदर्शित करता है।

जैसी करनी - वैसा फल - - - - -आज नहींं तो निश्चित कलजमीन पर बैठे IAS सजल चक्रवर्ती झारखंड के मुख्यसचिव रहे हैं । लालू के ...
21/10/2025

जैसी करनी - वैसा फल - - - - -आज नहींं तो निश्चित कल

जमीन पर बैठे IAS सजल चक्रवर्ती झारखंड के मुख्यसचिव रहे हैं । लालू के चारा घोटाले में दोषी सिद्ध हुए चक्रवर्ती के न जाने कितने IAS/IPS पैर छूते रहे होंगे, मगर आज इनकी बेबसी देखकर मन बहुत विचलित हुआ । आजकल इनका वजन 150 kg के आस पास है, ये कई बिमारियों से ग्रसित हैं और ठीक से चल भी नही पाते - - - । रांची कोर्ट की पहली मंज़िल में पेशी थी, एक सीढ़ी घसीट कर उतरे । फिर दूसरी सीढ़ी पहुँचने के लिए खुद को घसीट रहे थे। यह दृश्य जीवन का यथार्थबोध कराने वाला था।
माता-पिता नही रहे,भाई सेना में बड़े अफसर थे,अब वे भी नही रहे। जिसको गोद लिए, उसकी शादी हो गई । अब उसे भी इनसे मतलब नहीं है । अपने घर मे कुछ बन्दर और कुत्ते पाल रखे हैं, ये शानो शौकत,पैसे सब बेकार सिद्ध हुए......अब बस मृत्यु ही शायद इनका कष्ट दूर कर सकती है ।
जरा सोंचिये ! कल तक बड़े बड़े अधिकारी/कर्मचारी जिनकी गाड़ी का दरवाज़ा खोलने के लिए आतुर रहते थे, वही आज दुनिया के सामने जमीन पर असहाय पड़ा था । उसने दो शादी की, मगर दोनों बीबियों ने तलाक दे दिया ।कोर्ट में सबका कोई न कोई आया था,लेकिन वे अकेले थे..
इसकी वजह बिल्कुल स्पष्ट है कि जब वह पद पर रहे होंगे, सिर्फ धन अर्थात रुपैया को ही अपना सब कुछ मान लिए होंगे । किसी की दिल से मदद नहींं की होगी । अगर की होती तो शायद आज कोई न कोई उनके लिये जरूर खड़ा रहता...........। एक बात तय मानिए, भ्रष्टाचार यानी लूट-खसोट की कमाई सर चढ़कर अपना असर दिखाती है । इसलिये जब हम सामर्थ्यवान हों तो हमें दूसरे की मदद जरूर करनी चाहिए, जिससे की लोग बाद में आपको भी याद करें, आपके साथ रहे।
इसलिये जीवन को जीवन्त बनायें । लोगों की मदद करते हुए अपना जीवन जिएं । पाप की कमाई आखिर किसके लिए----? जरा सोंचिए तो सही कि पैसा बहुत कुछ तो है पर , सब कुछ नहींं । इंसानियत सेवा मदद सर्वोपरि परमोधर्म

21/10/2025

लालगंज से कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन वापस अब लड़ाई RJD और BJP में रह गया

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ का नज़ारा!आज नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की जबरदस्त भीड़ देखने को मिल रही है...
19/10/2025

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ का नज़ारा!
आज नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की जबरदस्त भीड़ देखने को मिल रही है। हर प्लेटफॉर्म पर लोग अपने गंतव्य तक पहुँचने के लिए इंतज़ार में खड़े हैं। ट्रेनों की आवाजाही तेज़ है, लेकिन भीड़ के कारण चलना तक मुश्किल हो रहा है।

19/10/2025

धनतेरस पर अपने इंडिया में
सब खुश है
अमीर सोना-चाँदी ख़रीद रहे है और
ग़रीब झाड़ू और बर्तन 😂

18/10/2025

पता नहीं लोग कैसे....🥴
रंग बदल लेते हैं 🙄
मैं तो कल भी काला था .....😋
और आज भी काला हूं .....😁🙈🤣🤣

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