22/05/2025
नेहा सिंह राठौड़ का नया गीत: "साहेब छोड़ दो न बहन-बेटी को धमकाना"—व्यवस्था पर करारा प्रहार
लोकगायिका और सामाजिक मुद्दों पर बेबाक आवाज़ उठाने वाली नेहा सिंह राठौड़ एक बार फिर चर्चा में हैं। उनके नए गीत "साहेब छोड़ दो न बहन-बेटी को धमकाना" ने इंटरनेट पर हलचल मचा दी है। यह गीत सत्ता और प्रशासन के रवैये पर तीखा तंज है, जो खासकर महिलाओं के साथ हो रहे अन्याय और उत्पीड़न को उजागर करता है।
नेहा का यह गीत संवेदनशील सामाजिक मुद्दों को बेजोड़ व्यंग्य और बेबाक अंदाज़ में सामने लाता है। गाने में उन्होंने सीधे तौर पर सवाल उठाया है कि आखिर कब तक बहन-बेटियों को डराया और धमकाया जाता रहेगा? गीत के बोल जनता की आवाज़ बनकर उभरे हैं, जो कानून व्यवस्था, महिला सुरक्षा और सरकारी तंत्र के दोहरे रवैये पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करते हैं।
सोशल मीडिया पर यह गीत तेजी से वायरल हो रहा है। आम लोग, सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार इसे लोकतंत्र की सच्ची अभिव्यक्ति बता रहे हैं। वहीं, सत्ता से जुड़े कुछ लोग इसे 'राजनीतिक रूप से प्रेरित' कह रहे हैं, लेकिन नेहा हमेशा की तरह अपने स्टैंड पर अडिग हैं।
यह पहली बार नहीं है जब नेहा सिंह राठौड़ ने सत्ता के खिलाफ आवाज़ उठाई है। अपने पिछले गीतों में भी वह किसानों, गरीबों और आम जनता की समस्याओं को प्रमुखता से उठाती रही हैं। इस नए गीत ने फिर साबित कर दिया है कि नेहा केवल गायिका नहीं, बल्कि एक जनआंदोलन की स्वर-प्रतिनिधि बन चुकी हैं।
निष्कर्ष:
"साहेब छोड़ दो न बहन-बेटी को धमकाना" सिर्फ एक गीत नहीं, बल्कि समाज की गूंजती हुई आवाज़ है। नेहा सिंह राठौड़ ने एक बार फिर दिखा दिया कि लोकगायन सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि परिवर्तन का माध्यम भी हो सकता है। Neha Singh Rathore