12/08/2025
💔 एकतरफा प्यार, डर और लापरवाही — गुमान से गुनाह तक की कहानी
गुड़िया… सिर्फ़ 19 साल की मासूम लड़की। सपनों से भरी आंखें, पढ़ाई का जुनून और घर वालों का सहारा। लेकिन किसे पता था कि उसकी जिंदगी कुछ लोगों की लापरवाही और एक बीमार सोच की वजह से इतनी जल्दी खत्म हो जाएगी।
गुड़िया की बड़ी बहन सपना, परिवार का सहारा बनने के लिए एक स्कूल में पढ़ाने लगी। वहीं मिला उसे आरोपी कुमोद—40 साल का शिक्षक, जिसने सपना से एकतरफा प्यार करना शुरू कर दिया। सपना ने उसे नज़रअंदाज़ किया, लेकिन कुमोद का जुनून पागलपन में बदल गया। जब उसने देखा कि सपना उसकी परवाह नहीं करती, तो उसने धमकी और डर का खेल शुरू किया।
पहले मीठी बातें, फिर रोज़-रोज़ फोन, स्कूल में पीछा करना, और जब ये सब नहीं चला तो खुलेआम धमकियां। उसने सोशल मीडिया और व्हाट्सऐप पर सपना और उसके परिवार को मारने की धमकियां दीं। तस्वीरें, गोलियां, पिस्तौल — हर तरीके से डराने की कोशिश।
सपना ने स्कूल जाना छोड़ दिया, लेकिन कुमोद का जुनून नहीं टूटा। उसने अब गुड़िया और उसकी मां को भी धमकाना शुरू कर दिया। गुड़िया ने साहस जुटाकर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई, प्रिंट आउट, मैसेज, सबूत… सब दिया। लेकिन पुलिस की उदासीनता और कार्रवाई की कमी ने आरोपी का हौसला और बढ़ा दिया।
और फिर वो दिन आया — सोमवार की सुबह, जब गुड़िया रोज़ की तरह कोचिंग के लिए निकली। रास्ते में कुमोद मिला… हाथ में बंदूक, आंखों में नफरत और बदले की आग। उसने गुड़िया के सिर पर गोली मार दी। 19 साल की मासूम वहीं सड़क पर गिर गई, उसकी जिंदगी खत्म हो गई।
गुड़िया अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन पीछे छोड़ गई है सवाल —
अगर पुलिस ने समय पर कार्रवाई की होती, तो क्या गुड़िया जिंदा होती?
कब तक महिलाएं एकतरफा प्यार और जुनून के नाम पर जान गंवाती रहेंगी?
कब तक शिकायत दर्ज कराने के बाद भी पीड़ितों को सुरक्षा नहीं मिलेगी?
📌 सबक:
किसी भी धमकी को हल्के में मत लें, तुरंत FIR कराएं और उसकी कॉपी सुरक्षित रखें।
परिवार, स्कूल और समाज को ऐसे मामलों में चुप नहीं रहना चाहिए।
पुलिस प्रशासन को पीड़ित की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए, वरना "लापरवाही" भी अपराध बन जाती है।
गुड़िया की कहानी सिर्फ़ एक खबर नहीं, एक चेतावनी है—
"चुप्पी कभी-कभी जान ले लेती है, और लापरवाही कातिल को हिम्मत देती है।"