
30/07/2025
🌏 "बिहार का छुपा हुआ रत्न – केसरिया स्तूप!"
🛕 बुद्ध की विरासत की गूंज जहाँ आज भी सुनाई देती है...
बिहार के मोतिहारी से लगभग 40 किमी दूर बसा है केसरिया स्तूप, जो न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में बौद्ध इतिहास की सबसे अनमोल धरोहरों में गिना जाता है। कहा जाता है कि यह वही स्थान है जहाँ भगवान बुद्ध ने अपने अंतिम दिनों में लिच्छवी राजाओं को अपनी पवित्र भिक्षा-पात्र भेंट किया था।
📜 ऐतिहासिक महत्व:
यह स्तूप 5वीं से 7वीं शताब्दी के बीच बनाया गया था।
104 फीट ऊँचाई वाला यह स्तूप, दुनिया का सबसे बड़ा बौद्ध स्तूप माना जाता है।
इसे ASI (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) ने 1998 में दोबारा खोजा और संरक्षित किया।
🧭 घूमने के कारण:
स्तूप की सात परतें और उसमें बनी बुद्ध की मूर्तियाँ अद्भुत वास्तुशिल्प का उदाहरण हैं।
सूर्यास्त के समय इसका दृश्य एकदम अलौकिक लगता है।
यह स्थान शांति, ध्यान और ऐतिहासिक गहराई से भरा हुआ है।
📸 पर्यटन के लिए टिप्स:
📅 घूमने का सही समय: अक्टूबर से मार्च
🚌 कैसे जाएँ: मोतिहारी से टैक्सी/बस द्वारा
🎫 प्रवेश शुल्क: निशुल्क
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🔖 क्या आप जानते हैं?
> यह स्तूप बोधगया से भी ऊँचा है!
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🙏 एक बार जरूर जाइए...
"अगर आप बिहार की आत्मा को महसूस करना चाहते हैं, तो केसरिया स्तूप की यात्रा ज़रूर करें। यह सिर्फ एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि इतिहास की जीवित सांस है।"
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📍 Location: केसरिया, पूर्वी चंपारण, बिहार
#बिहार_का_गौरव