12/10/2025
आदिवासी समाज की वीरांगनाएँ (महिला योद्धाएँ) भारत के इतिहास की वो ज्योति हैं, जिनके साहस और बलिदान को अक्सर भुला दिया गया —
लेकिन उन्होंने जल, जंगल, जमीन और अपनी आज़ादी के लिए अद्भुत संघर्ष किया।
यह रही आदिवासी समाज की प्रसिद्ध वीरांगनाओं और उनकी वीरगाथाएँ 👇
⚔️ 1. रानी दुर्गावती (गोंड जनजाति, मध्य प्रदेश)
रानी दुर्गावती गोंडवाना साम्राज्य की वीर रानी थीं।
उन्होंने मुगल बादशाह अकबर की सेना के खिलाफ अपने छोटे से बल के साथ डटकर युद्ध किया।
1564 में जब पराजय निश्चित लगी, तो उन्होंने आत्मसम्मान की रक्षा के लिए वीरगति पाई।
➡️ वीरगाथा: "धरती की बेटी ने तलवार से जवाब दिया, गुलामी से नहीं।"
🪶 2. झलकारी बाई (दलित-आदिवासी वीरांगना, झांसी)
झलकारी बाई ने रानी लक्ष्मीबाई की सेना में नेतृत्व किया और ब्रिटिश सेना को झांसा देकर रानी को बचाया।
युद्ध में उन्होंने खुद को रानी बताकर अंग्रेजों को भ्रमित किया।
➡️ वीरगाथा: “जिसने धोखे से नहीं, बहादुरी से इतिहास लिखा।”
🌾 3. फिल्लो जनू ओर्मा (संथाल विद्रोह, झारखंड)
संथाल विद्रोह (1855-56) में कई महिलाओं ने नेतृत्व किया, जिनमें फिल्लो जनू प्रमुख थीं।
उन्होंने ब्रिटिश शासकों और जमींदारों के अत्याचार के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंका।
➡️ वीरगाथा: “उनकी पुकार ने जंगलों को क्रांति की गूंज से भर दिया।”
🔥 4. तोराई देवी (झारखंड)
तोराई देवी ने अंग्रेजों से लड़ने के लिए महिलाओं की टोली बनाई।
उन्होंने जल-जंगल-जमीन बचाने के आंदोलन में अपनी जान की बाजी लगाई।
➡️ वीरगाथा: “जिसकी आग आज भी हर आदिवासी दिल में जलती है।”
🌿 5. बुढ़नी देवी (छत्तीसगढ़, बस्तर क्षेत्र)
बुढ़नी देवी बस्तर विद्रोह में सक्रिय योद्धा थीं।
उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ बघेल सिंह के नेतृत्व में हथियार उठाए।
➡️ वीरगाथा: “धरती की गोद में जन्मी, आज़ादी की आग बन गई।”
🏹 6. नीली देवी (उड़ीसा)
कोया और गोंड जनजाति की यह वीरांगना ब्रिटिश अत्याचारों के खिलाफ खड़ी हुई।
अपने तीर-कमान से दुश्मनों को परास्त करने में माहिर थीं।
➡️ वीरगाथा: “उसके तीर सिर्फ हथियार नहीं, आत्मसम्मान की आवाज़ थे।”
🌸 7. शांति देवी (ओडिशा)
आधुनिक समय की आदिवासी वीरांगना — उन्होंने सामाजिक सुधार, शिक्षा और महिला अधिकारों के लिए अपना जीवन समर्पित किया।
➡️ वीरगाथा: “जिसने लड़ाई बंदूक से नहीं, जागरूकता से लड़ी।”
✊ 8. दुर्गाबाई उइके (मध्यप्रदेश)
आदिवासी आंदोलन में महिला नेतृत्व की प्रतीक।
उन्होंने जल, जंगल, जमीन और शिक्षा के अधिकार के लिए बड़ा आंदोलन किया।
➡️ वीरगाथा: “शब्दों से नहीं, कर्मों से लिखा आदिवासी नारी का इतिहास।”
🪓 9. बिसरा मुंडा की बहन – धिरा मुंडाइन
बिरसा मुंडा आंदोलन के दौरान उनकी बहन धिरा मुंडाइन ने भी कई सभाओं का नेतृत्व किया।
➡️ वीरगाथा: “जिसने भाई के साथ क्रांति का बिगुल बजाया।”
🪶 10. रानी कमलापति (गोंड रानी, भोपाल)
भोपाल क्षेत्र की प्रसिद्ध गोंड रानी।
उन्होंने छल से अपने राज्य पर कब्जा करने वालों का डटकर सामना किया और सम्मानपूर्वक मृत्यु चुनी।
➡️ वीरगाथा: “जिसकी कहानी में बलिदान और सम्मान दोनों हैं।”