16/07/2025
तरीका पुराना
रवैया वही
जब हम मुगलों का इतिहास पढ़ते हैं तो हर पन्ने पर खून खराबा, क्रूरता, प्रलोभन और साजिश नजर आती है। पहले भी हिन्दुओं से कभी क्रूरता, कभी साजिश कभी तलवार की नोक पर धर्मान्तरण कराया जाता था, अब भी इस्लाम की कट्टरपंथी सोच यही सब करती है।अब छांगुर बाबा प्रकरण को देख लीजिए इसमें सभी प्रकार की नीतियों का समन्वय मिल जाएगा, चौंकाने वाली बात यह है कि इसका संबंध आईएसआई से है। धीरे-धीरे छांगुर एक-एक रहस्य से पर्दा उठाता जा रहा है।
छांगुर ने पुलिस को बताया है कि उसने धर्मांतरण के लिए शिजार-ए-तैय्यबा पुस्तक का इस्तेमाल कर बड़े पैमाने पर धर्मांतरण कराने की योजना बनाई थी, वह इन पुस्तकों के बड़े पैमाने पर प्रकाशन के लिए प्रकाशक की सक्रिय रूप से तलाश भी कर रहा था.वो ऐसा इसलिए कर रहा था ताकि ज़्यादा ध्यान आकर्षित किए बिना इन्हें छापा जा सके और इस तरह लोगों के धर्मांतरण को बढ़ावा मिले।खबर है कि छांगुर जिन किताबों को छपवाने की योजना बना रहा था उनमें कथित तौर पर इस पुस्तक में हिंदू धर्म का अपमान और इस्लाम का महिमामंडन करने वाली सामग्री के साथ-साथ कई भ्रामक बातें भी थीं। ऐसे में बीते दो-तीन दशक की घटनाओं पर अगर ध्यान दिया जाए तो स्पष्ट समझ आता है कि हिन्दू धर्म पर इस्लामिक कट्टरवाद का हमला हो चुका है, अब ये सनातन धर्म बचेगा कि नहीं यह इस बात पर निर्भर करता है कि सनातनी अपने जातिय भेदभाव से उपर उठकर कितना इन सब मामलों को गंभीरता से लेते हैं।
जय भवानी
रचना अरोड़ा