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27/03/2025
एक छोटे से कदम से बनी बड़ी मिसाल – दरोगा मानसिंहहमारे समाज में कुछ लोग अपनी संवेदनशीलता और मानवीय गुणों से दूसरों को प्र...
24/03/2025

एक छोटे से कदम से बनी बड़ी मिसाल – दरोगा मानसिंह

हमारे समाज में कुछ लोग अपनी संवेदनशीलता और मानवीय गुणों से दूसरों को प्रेरित करते हैं। एक ऐसी ही मिसाल पेश की दरोगा मानसिंह ने। यह घटना एक रेलवे स्टेशन की है, जब एक बुजुर्ग महिला व्हीलचेयर की कमी के कारण ट्रेन में चढ़ने में असमर्थ थी।

दरोगा मानसिंह ने खुद को उसकी मदद के लिए आगे बढ़ाया और महिला को अपनी बाहों में उठाकर कोच तक पहुंचाया। यह कदम केवल एक दायित्व की भावना से नहीं, बल्कि इंसानियत और संवेदनशीलता से प्रेरित था। दरोगा मानसिंह ने यह सिद्ध कर दिया कि वर्दी का मतलब केवल कानून लागू करना नहीं होता, बल्कि जरूरतमंदों की मदद करना भी इसका हिस्सा है।

आज जब समाज में व्यक्तिगत स्वार्थ बढ़ते जा रहे हैं, ऐसे में इस तरह के कार्य समाज में एक नई जागरूकता और संवेदनशीलता की लहर पैदा करते हैं। हमें भी अपने आस-पास के लोगों की मदद करने के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए, ताकि समाज में सकारात्मक बदलाव आ सके। दरोगा मानसिंह की यह पहल हमें यह समझने में मदद करती है कि मानवता सबसे बड़ी सेवा है।

24/03/2025

"अगर मेरे पास 10 करोड़ होते, तो मैं क्या करता? 🤔💰"

सोचो, अगर एक दिन अकाउंट में 10 करोड़ रुपये आ जाएं, तो क्या करोगे? 😍 मैं तो कुछ ऐसे प्लान करता:
Comment ___ ???

24/03/2025

"एक सिक्का, दो ज़िंदगियाँ"

किसी छोटे से गाँव में रोहन नाम का एक गरीब लड़का रहता था। उसके पास ज्यादा कुछ नहीं था, लेकिन एक चीज़ उसे सबसे अनमोल लगती थी – एक पुराना सिक्का, जो उसके दादाजी ने उसे दिया था। दादाजी ने कहा था, "बेटा, ये सिर्फ एक सिक्का नहीं, बल्कि तुम्हारी तक़दीर बदल सकता है। जब भी मुश्किल लगे, इसे देखना और खुद पर भरोसा रखना।"

रोहन उस सिक्के को अपने सबसे क़ीमती खजाने की तरह संभाल कर रखता था। जब भी वह हिम्मत हारने लगता, वह सिक्के को देखता और उसे याद आता कि मेहनत से सब कुछ संभव है। उसने अपने हालात से लड़ने की ठान ली। वह दिन-रात मेहनत करता, पढ़ाई करता और हर मौके का फायदा उठाता। धीरे-धीरे उसकी मेहनत रंग लाई, और कुछ ही सालों में वह एक सफल बिजनेसमैन बन गया।

एक दिन, उसने सोचा, "क्या सच में यह सिक्का मेरे लिए लकी था, या फिर यह मेरी सोच और मेहनत का नतीजा था?" यह जानने के लिए उसने वही सिक्का गाँव के एक और गरीब लड़के, रवि, को दे दिया और कहा, "यह बहुत खास सिक्का है, इसे संभाल कर रखना।"

रवि भी उतनी ही मुश्किल ज़िंदगी जी रहा था, जितनी कभी रोहन ने जी थी। लेकिन जब उसे वह सिक्का मिला, तो उसने सोचा, "यह तो बस एक आम सिक्का है, इससे मेरी तक़दीर थोड़ी बदलेगी?"

उसने ज्यादा सोचे बिना उस सिक्के को एक दुकान में दे दिया और बदले में रोटी खा ली। वह वैसे ही अपनी पुरानी ज़िंदगी जीता रहा, कभी मेहनत करने की कोशिश नहीं की, कभी खुद पर विश्वास नहीं किया।

कहानी की सीख:

एक ही सिक्का था, लेकिन दो अलग-अलग सोच ने दो अलग-अलग ज़िंदगियाँ बना दीं। तक़दीर किसी सिक्के में नहीं, बल्कि इंसान की सोच और मेहनत में होती है। अगर आप खुद पर भरोसा रखें और मेहनत करें, तो आपकी ज़िंदगी जरूर बदलेगी!

"सफलता का असली रहस्य किसी बाहरी चीज़ में नहीं, बल्कि आपके अंदर ही छिपा होता है!"

This jersy ❤️❤️
19/03/2025

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दुश्मन मिले सबेरे, लेकिन मतलबी यार ना मिले,मेहर गोरी मिले या काली, लेकिन...........  ख़बर आपको भयभीत कर देगी और अंदर तक ...
19/03/2025

दुश्मन मिले सबेरे, लेकिन मतलबी यार ना मिले,
मेहर गोरी मिले या काली, लेकिन...........

ख़बर आपको भयभीत कर देगी और अंदर तक दहला देगी।

मेरठ के सौरभ लंदन में मर्चेंट नेवी में जॉब करते थे, वह अपनी पत्नी का जन्मदिन मनाने मेरठ आए हुए थे,

पत्नी ने सौरभ को बेहोशी की दवा देकर अपने प्रेमी साहिल शुक्ला को घर बुला लिया,

साहिल और सौरभ की पत्नी मुस्कान ने सौरभ की हत्या कर दी, हत्या करने के बाद सौरभ के शव के कई टुकड़े कर ड्रम में डालकर सीमेंट और डस्ट का खोल बनाकर जमा दिया,

इस सबके बाद मुस्कान अपने प्रेमी साहिल के साथ शिमला घूमने चली गई,

अब यह जानकारी सामने आई है तब पुलिस ने कार्यवाही शुरू की और दोनों को गिरफ्तार किया।

सौरभ और मुस्कान ने साल 2016 में प्रेम विवाह किया था।

19/03/2025

गड़े मुर्दे उड़ने से क्या मिलेगा

16/03/2025

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