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Historica India history of India from stone age to present. place ,person ,story ,folklore ,

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17/09/2025

Secret history full of mystery

भगवान बुद्ध ,राजगीर
17/09/2025

भगवान बुद्ध ,राजगीर

🙏🙏
17/09/2025

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  |  On 17 Sept 1948, the Indian Army launched Operation Polo, ending the Nizam’s rule and integrating the princely stat...
17/09/2025

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On 17 Sept 1948, the Indian Army launched Operation Polo, ending the Nizam’s rule and integrating the princely state of Hyderabad into the Indian Union. This marked the unification of Marathwada, Telangana, and parts of Karnataka — a milestone in India’s journey of national integration. 🇮🇳✨

presents a rare cutting from Post, dated 20 Sept 1948, titled “Nizam Capitulates”, recording Hyderabad’s transfer of power to the Government of India and the dawn of a new era of statehood and progress.

Source: MEA, R&I, 1948, Fn. No. 38-R-I



PMO India
Ministry of Culture, Government of India
Gajendra Singh Shekhawat
Rao Inderjit Singh

16/09/2025



📰 brings you a rare glimpse from the Advertisement Section of Abhudaya, dated 6th June 1937 — featuring a Crossword Puzzle in Hindi with a prize of ₹500 for the winner!

👉 Did you know? Abhudaya, founded in 1907 by Pandit Motilal Nehru and other leaders, was a powerful nationalist periodical published in Hindi. It stood as a strong voice against colonial policies, championing social reform, national awakening, and self-reliance. Through its essays, editorials, and thought-provoking features, it inspired readers to actively engage with the freedom struggle and shaped public opinion in early 20th-century India.

💡 Now, after 87 years, can you crack this puzzle?

Source: PA, Abhudaya, Vol. 31-II/B, 1937



PMO India
Ministry of Culture, Government of India
Gajendra Singh Shekhawat
Rao Inderjit Singh

सिख धर्म के संस्थापक, प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी के ज्योति-ज्योत दिवस पर उन्हें सादर नमन।गुरु नानक देव जी ने यह बत...
16/09/2025

सिख धर्म के संस्थापक, प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी के ज्योति-ज्योत दिवस पर उन्हें सादर नमन।

गुरु नानक देव जी ने यह बताया कि परोपकार ही परमात्मा तक पहुँचने का सच्चा मार्ग है। उन्होंने मानव जाति को प्रेम, भाईचारा और सामाजिक समानता के अमूल्य संदेश दिए थे। करुणा, सेवा और संवेदना से भरा उनका जीवन मानवता को अनंत काल तक ध्रुवतारे के समान मार्गदर्शित करता रहेगा।

ਸਿੱਖ ਧਰਮ ਦੇ ਸੰਸਥਾਪਕ, ਪਹਿਲੇ ਗੁਰੂ ਸ਼੍ਰੀ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਦੇ ਜੋਤੀ ਜੋਤਿ ਦਿਵਸ ‘ਤੇ ਉਹਨਾਂ ਨੂੰ ਸਾਦਰ ਪ੍ਰਣਾਮ।

ਗੁਰੂ ਨਾਨਕ ਦੇਵ ਜੀ ਨੇ ਸਾਨੂੰ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਦੂਜਿਆਂ ਦੀ ਭਲਾਈ ਹੀ ਪਰਮਾਤਮਾ ਤੱਕ ਪਹੁੰਚਣ ਦਾ ਸੱਚਾ ਮਾਰਗ ਹੈ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਮਨੁੱਖਤਾ ਨੂੰ ਪਿਆਰ, ਭਾਈਚਾਰੇ ਅਤੇ ਸਮਾਜਿਕ ਸਮਾਨਤਾ ਦਾ ਅਨਮੋਲ ਸੰਦੇਸ਼ ਦਿੱਤਾ। ਦਇਆ, ਸੇਵਾ ਅਤੇ ਹਮਦਰਦੀ ਨਾਲ ਭਰਪੂਰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਜੀਵਨ, ਮਨੁੱਖਤਾ ਦਾ ਯੁੱਗਾਂ ਤੱਕ ਇੱਕ ਧਰੁਵ ਤਾਰੇ ਵਾਂਗ ਮਾਰਗਦਰਸ਼ਕ ਕਰਦਾ ਰਹੇਗਾ।

172 वर्ष पहले भारत में रेल (Rail) की शुरुआत 16 अप्रैल 1853 को हुई। मुम्बई में वह दिन ऐतिहासिक था। उस दिन वहाँ सार्वजनिक ...
16/09/2025

172 वर्ष पहले भारत में रेल (Rail) की शुरुआत 16 अप्रैल 1853 को हुई। मुम्बई में वह दिन ऐतिहासिक था। उस दिन वहाँ सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया गया था। उस दिन दोपहर तीन बजकर पैंतीस मिनट पर 21 तोपों की सलामी के साथ बोरीबंदर से ठाणे के लिए पहली बार 14 डिब्बों की एक ट्रेन रवाना हुई थी। उस पर सवार थे 400 आमंत्रित यात्री। इस ट्रेन को तीन इंजन खींच रहे थे, जिनके नाम थे ‘सिंध, सुल्तान और साहब’। उस ट्रेन ने 34 किलोमीटर का सफर 1 घंटा 15 मिनट में तय किया था। तब से लेकर आज तक भारतीय रेल देश सेवा में तत्पर है

यह छायाचित्र 1895 में गयाजी (बिहार) की फल्गु के पश्चिमी तट पर स्थित विष्णुपद मंदिर और उसके आसपास एकत्रित श्रद्धालुओं का ...
16/09/2025

यह छायाचित्र 1895 में गयाजी (बिहार) की फल्गु के पश्चिमी तट पर स्थित विष्णुपद मंदिर और उसके आसपास एकत्रित श्रद्धालुओं का दृश्य प्रस्तुत करता है जिसमें नागर शैली का ऊँचा शिखर और भीड़ का अनुष्ठानिक परिवेश स्पष्ट दिखता है। यह दृश्य औपनिवेशिक काल के उत्तरार्ध में संकलित "एल्जिन कलेक्शन (Spring Tours, 1894–98)” जैसे अभिलेखी एल्बमों में निहित गया-प्रसंगों से भी मेल खाता है।

यह स्थल विष्णु के पदचिह्न (धर्मशिला) की परंपरा से संबद्ध है और गयाजी में श्राद्ध-पिंडदान की प्रमुख पीठ के रूप में दीर्घकाल से प्रतिष्ठित है। स्थल-परक प्राचीनता को 9वीं सदी के पाल-कालीन अभिलेखों सहित आरंभिक मध्यकालीन साक्ष्य भी पुष्ट करते हैं जो यहाँ के धार्मिक-संस्थान और दान-परंपराओं का उल्लेख करते हैं।

मंदिर लगभग 30 मीटर ऊँचा है तथा सभा-मंडप को संभालती सुघड़ नक्काशीदार स्तंभों की आठ कतारें इसकी योजना का केन्द्रीय तत्व हैं। गर्भगृह अष्टभुजीय योजना पर पूरबाभिमुख है जबकि शिखर बहु-खंडित पिरामिडीय रूप में शिखर-राशि का प्रभाव उत्पन्न करता है। गर्भगृह में 40 सेमी लंबा विष्णु-पादचिह्न रजत-पत्रित घेरे में प्रतिष्ठित है जो मंदिर की आस्था-परक धुरी को प्रत्यक्ष करता है।

विष्णुपद मंदिर फल्गु नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है और गयाजी-क्षेत्र का तीर्थ-परिक्रमण इसी नदी और उससे जुड़े अक्षयवट जैसे स्थल-चिन्हों पर केंद्रित रहता है।

The Hospital great ancient Indian doctor jeevak  who was the imperial doctor of great king bimbisara of magadha
15/09/2025

The Hospital great ancient Indian doctor jeevak who was the imperial doctor of great king bimbisara of magadha

 #जितिया बिहार की संस्कृति में मातृत्व-बलिदान का जीवंत पर्व है। कंठ सूखा हो जाए, पर उर में संतान की साँसें हरी रहें; यही...
14/09/2025

#जितिया बिहार की संस्कृति में मातृत्व-बलिदान का जीवंत पर्व है। कंठ सूखा हो जाए, पर उर में संतान की साँसें हरी रहें; यही जितिया का शाश्वत संदेश है।

#जितिया_व्रत हमें सिखाता है कि प्रेम का शिखर त्याग है।

 #हिंदीदिवस2025 |  हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। 1949 में इसी दिन संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी ...
14/09/2025

#हिंदीदिवस2025 |

हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है। 1949 में इसी दिन संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में अपनाया था। यह दिन दुनिया की सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक, हिंदी के सांस्कृतिक और भाषाई महत्व पर प्रकाश डालता है और प्रशासन, शिक्षा और दैनिक जीवन में इसके प्रयोग को बढ़ावा देता है।

बंबई सरकार द्वारा जारी, दिनांक 28 सितंबर 1950, और सरकार के सचिव डी.एस. जोशी द्वारा हस्ताक्षरित एक सरकारी परिपत्र की एक विशेष झलक प्रस्तुत करता है। इस परिपत्र में पुष्टि की गई है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 के अनुसार, देवनागरी लिपि में हिंदी को संघ की राजभाषा घोषित किया गया था।

यह अभिलेखीय अभिलेख उस ऐतिहासिक क्षण की एक महत्वपूर्ण याद दिलाता है जब हिंदी को स्वतंत्र भारत में शासन की एक एकीकृत भाषा के रूप में औपचारिक रूप से मान्यता दी गई थी।

Source: NAI, Sardar Patel Papers, 1949, Fn. III-50



PMO India
Ministry of Culture, Government of India
Gajendra Singh Shekhawat
Rao Inderjit Singh

सेलेक्शन बाबा । हनुमान मंदिर सेंट्रल लाइब्रेरी BHU
14/09/2025

सेलेक्शन बाबा । हनुमान मंदिर सेंट्रल लाइब्रेरी BHU

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