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हर हर महादेव
19/09/2025

हर हर महादेव

सर्व पितृ अमावस्या पर क्या करेतिलक लगाएं और दक्षिणा देकर विदा करें। इसके बाद शाम को पितरों को भी विदा किया जाता है। इसके...
19/09/2025

सर्व पितृ अमावस्या पर क्या करे

तिलक लगाएं और दक्षिणा देकर विदा करें। इसके बाद शाम को पितरों को भी विदा किया जाता है। इसके लिए थोड़ा भोजन, मीठा, पीपल के पेड़ पर चढ़ाएं। वहां तेल का दीप जलाएं, जिसकी बत्ती चार मुख वाली हों, मन में पितरों का आभार ‌व्यक्त करें और इस तरह पितरों को विदा करें 💕

काशी के पिशाच मोचन कुंड पर श्राद्ध का है विशेष महत्वपितृपक्ष में काशी के पिशाच मोचन कुंड अचानक से श्राद्ध कराने वालों की...
09/09/2025

काशी के पिशाच मोचन कुंड पर श्राद्ध का है विशेष महत्व

पितृपक्ष में काशी के पिशाच मोचन कुंड अचानक से श्राद्ध कराने वालों की भीड़ बढ़ जाती है। हिंदू मान्यता के अनुसार काशी के पिशाच मोचन कुंड में त्रिपिंडी श्राद्ध कराने से भटकती आत्माओं को शांति मिल जाती है। मान्यता है कि यहां पर किए जाने वाले त्रिपिंडी श्राद्ध से दर-दर भटकती आत्मा और पितरों की मुक्ति का मार्ग खुल जाता है और वे वैकुंठ धाम पहुंच जाते हैं।

गरुड़ पुराण के अनुसार, पितृ पक्ष एक महत्वपूर्ण अवधि है जिसमें पूर्वजों की आत्माएं पृथ्वी लोक पर आती हैं और उन्हें प्रसन्...
08/09/2025

गरुड़ पुराण के अनुसार, पितृ पक्ष एक महत्वपूर्ण अवधि है जिसमें पूर्वजों की आत्माएं पृथ्वी लोक पर आती हैं और उन्हें प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है। ये कर्म करने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है, पितृदोष दूर होता है और परिवार को सुख-समृद्धि व मोक्ष मिलता है। इस दौरान कौओं और गायों को भोजन कराना, अन्न दान करना तथा दक्षिण दिशा में जल अर्पित कर दीपक जलाना भी लाभकारी माना जाता है।
पितृ पक्ष का महत्व और उद्देश्य
पूर्वजों का सम्मान:
पितृ पक्ष पूर्वजों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने का एक तरीका है।
पितृलोक में समय:
गरुड़ पुराण के अनुसार, मनुष्य की मृत्यु के बाद आत्मा कुछ समय के लिए पितृलोक में बिताती है, और पितृ पक्ष के दौरान वह पृथ्वी पर आती है।
शांति और मोक्ष:
पूर्वजों को प्रसन्न करने और उनका तर्पण करने से उन्हें शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
गरुड़ पुराण के अनुसार पितृ दोष और उसके निवारण
पितृ दोष का कारण:
यदि किसी व्यक्ति का विधि-विधान से अंतिम संस्कार और श्राद्ध कर्म न किया जाए, तो उसकी आत्मा को शांति नहीं मिलती और परिजनों को पितृ दोष का सामना करना पड़ता है। पितरों का अपमान भी पितृ दोष का कारण बनता है।
पितृ दोष निवारण के उपाय:
श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान: पितृपक्ष में अपने पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करना पितृदोष से मुक्ति का सबसे अच्छा उपाय है।
अन्न दान: प्रत्येक अमावस्या पर ब्राह्मणों, गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न दान या भोजन कराना चाहिए।
जीवों को भोजन: कौए, गाय और कुत्ते जैसे जीवों को रोटी खिलाना भी पितृ दोष को दूर करता है।
जल और दीपक: पितृपक्ष में दक्षिण दिशा में सुबह जल अर्पित करना और शाम को दीपक जलाना लाभकारी होता है।
श्राद्ध और तर्पण
तर्पण और श्राद्ध का महत्व:
पितरों का तर्पण करने से उनकी कृपा साधक पर बरसती है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है।
कौन कर सकता है श्राद्ध:
गरुड़ पुराण के अनुसार, कुल की कोई भी संतान, चाहे वह पुत्र हो या पुत्री, अपने माता-पिता का श्राद्ध कर सकती है।

08/09/2025

भोलेनाथ की भक्ति में सारा संसार कदमों में आता है. हर सोमवार खुशी और सुकून लाता है। पार्वती पतये हर हर महादेव.

पितृ पक्ष में सबसे अच्छा क्या कार्य करना चाहिए जिससे हमारे पितर प्रसन्न हो और हमे सुख समृद्धि का आशीर्वाद दे।कौए और कुत्...
07/09/2025

पितृ पक्ष में सबसे अच्छा क्या कार्य करना चाहिए जिससे हमारे पितर प्रसन्न हो और हमे सुख समृद्धि का आशीर्वाद दे।

कौए और कुत्तों को भोजन कराएं - रात में भोजन करने से पहले, एक थाली में पितरों के लिए भोजन निकालें और इसे कौए या कुत्तों को खिला दें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ इन रूपों में भोजन ग्रहण करते हैं। ऐसा करने से पितृ खुश होते हैं और घर में अन्न की कमी नहीं होती है।

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