13/08/2024
सावन में करें शिव के ब्रह्मांडीय नृत्य का अनुभव
नृत्य के देवता के रूप में नटराज स्वरूप शिव8 अपने महत्वपूर्ण रूपों में से एक हैं। जब मैं स्विट्जरलैंड में सर्न (भौतिकी की प्रसिद्ध प्रयोगशाला) गया, तो वहां प्रवेश द्वार पर नटराज की एक मूर्ति थी। वहां के विज्ञानियों ने यह माना है कि मानव संस्कृति में इससे अधिक नजदीक कुछ नहीं है, जो सृष्टि के नृत्य को दर्शाता है, जिसने. शाश्वत निश्चलता से स्वयं का सृजन किया है। आपने देखा होगा कि नटराज के चित्रण में उनके चारों ओर एक गोला या वृत्त है। गोला हमेशा ब्रह्मांड का प्रतीक होता है, क्योंकि जब कोई वस्तु गतिशील होती है, तो अस्तित्व में होने वाला संबसे स्वाभाविक रूप गोल होता है। ग्रह, चंद्रमा, सूर्य आदि सभी पिंड गोल हैं। नटराज एक ब्रह्मांडीय नर्तक हैं। शिव शब्द का शाब्दिक अर्थ है, 'वह जो नहीं है।' यह कुछ नहीं है, यह रिक्त स्थान है, लेकिन वह नृत्य कर रहा है। चूंकि वह नृत्य कर रहा है,.. इसीलिए सब कुछ हो रहा है। आप नृत्य को समझ नहीं सकते लेकिन आप नृत्य के सौंदर्य को अनुभव कर सकते हैं, या आप नृत्य बन सकते हैं। अगर आप नृत्य की सुंदरता को देखने के जरिये अनुभव करते हैं, तो हम कहते हैं कि आप साधक हैं। अगर आप नृत्य बन जाते हैं, तो आप दिव्य बन जाते हैं, आप योगी बन जाते हैं। सावन का महीना इस ब्रह्मांडीय नृत्य को अनुभव करने के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है।
द्वारा - सद्गुरु, ईशा फाउंडेशन के प्रणेता आध्यात्मिक गुरु