01/06/2025
सारनाथ और गौतम बुद्ध की कहानी (Sarnath Gautam Buddha Story in Hindi):
सारनाथ उत्तर प्रदेश के वाराणसी (बनारस) से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित एक पवित्र स्थान है, जहाँ भगवान गौतम बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश (धर्मचक्र प्रवर्तन) दिया था। यही से बौद्ध धर्म की शुरुआत मानी जाती है।
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🌼 कहानी की शुरुआत:
गौतम बुद्ध, जिनका मूल नाम सिद्धार्थ गौतम था, एक राजकुमार थे। उन्होंने संसार के दुखों को देखकर गृह त्याग कर दिया और सत्य की खोज में निकल पड़े। कई वर्षों तक कठोर तपस्या के बाद बोधगया (बिहार में) में पीपल के वृक्ष के नीचे उन्हें बोधि प्राप्ति हुई और वे “बुद्ध” कहलाए – यानी “जाग्रत पुरुष”।
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🌏 सारनाथ की ओर यात्रा:
बोधि प्राप्ति के बाद, बुद्ध को लगा कि जो ज्ञान उन्होंने पाया है, उसे लोगों तक पहुँचाना चाहिए। उन्होंने अपने पाँच पुराने साथियों (पंचवर्गीय भिक्षु) को खोजा, जो पहले उनके साथ तपस्या करते थे। वे पाँचों सारनाथ में रहते थे।
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🧘♂️ प्रथम उपदेश:
बुद्ध सारनाथ पहुँचे और ऋषिपत्तन मृगदाय (वर्तमान सारनाथ) में पाँच भिक्षुओं को “धर्म का पहला चक्र” चलाया। यह उपदेश चार आर्य सत्यों (Four Noble Truths) और अष्टांगिक मार्ग (Eightfold Path) पर आधारित था।
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🌟 चार आर्य सत्य (Four Noble Truths):
1. दुख है (Dukkha)
2. दुख का कारण है (Samudaya)
3. दुख का निवारण है (Nirodha)
4. दुख निवारण का मार्ग है (Magga – अष्टांगिक मार्ग)
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🛤 अष्टांगिक मार्ग (Eightfold Path):
1. सम्यक दृष्टि (Right View)
2. सम्यक संकल्प (Right Intention)
3. सम्यक वाणी (Right Speech)
4. सम्यक कर्म (Right Action)
5. सम्यक आजीविका (Right Livelihood)
6. सम्यक प्रयास (Right Effort)
7. सम्यक स्मृति (Right Mindfulness)
8. सम्यक समाधि (Right Concentration)
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🌸 सारनाथ का महत्व:
• यहीं से बौद्ध धर्म की शिक्षा का प्रचार शुरू हुआ।
• यहाँ धर्मराजिक स्तूप और धमेख स्तूप जैसे प्राचीन स्मारक मौजूद हैं।
• अशोक सम्राट ने यहाँ बौद्ध धर्म का प्रचार करते हुए अशोक स्तंभ भी स्थापित किया, जिसकी शिखा (चार सिंह) आज भारत का राष्ट्रीय चिन्ह है।
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📜 निष्कर्ष:
सारनाथ वह पवित्र भूमि है जहाँ बुद्ध ने ज्ञान की पहली किरण दुनिया को दी। यह स्थान न केवल बौद्ध धर्म का एक प्रमुख तीर्थस्थल है, बल्कि मानवता, अहिंसा और करुणा का प्रतीक भी है।