“आज” हिंदी दैनिक भारत के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में से एक है, जिसकी स्थापना प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और समाजसेवी शिवप्रसाद गुप्त द्वारा की गई थी। इसका पहला अंक 5 सितंबर 1920 को वाराणसी से प्रकाशित हुआ। यह पत्र उस समय के स्वतंत्रता संग्राम में राष्ट्रवादी विचारों को जन-जन तक पहुंचाने वाला एक प्रभावशाली मंच बना।
इस पत्र के पहले मुख्य संपादक श्रीप्रकाश थे। इसके बाद बाबूराव विष्णु
पराड़कर ने 1924 से 1954 तक मुख्य संपादक के रूप में कार्य किया। पराड़कर जी की लेखनी ने “आज” को केवल समाचार पत्र नहीं, बल्कि समाज सुधार और राष्ट्र निर्माण का उपकरण बना दिया। उन्होंने हिंदी भाषा को पत्रकारिता में सशक्त रूप से स्थापित किया।
1954 से 1959 तक रामकृष्ण रघुनाथ खाडिलकर इसके मुख्य संपादक रहे। इसके पश्चात वरिष्ठ लेखक, पत्रकार और राजनेता कमलापति त्रिपाठी ने संपादकीय जिम्मेदारी संभाली। उनके कार्यकाल में “आज” ने वैचारिक गहराई और जन सरोकारों को और अधिक मजबूती दी।
वर्तमान में “आज” के प्रधान संपादक शार्दुल विक्रम गुप्त हैं। उनके नेतृत्व में यह पत्र आज भी सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता और सामाजिक जागरूकता को केंद्र में रखकर निर्भीक पत्रकारिता कर रहा है।
“आज” केवल एक समाचार पत्र नहीं, बल्कि हिंदी पत्रकारिता की जीवंत परंपरा और भारतीय लोकतंत्र की सशक्त आवाज है।