
21/07/2023
कालसर्प दोष - खतरनाक हो सकती है अनदेखी! सावन में ऐसे पायें काल सर्प योग से छुटकारा
भगवान शिव को देवों का देव माना जाता है। समुद्र मंथन से निकले विष को 'अपने गले में धारण करते हुए उन्होंने जगत को बचाया था। वेद, पुराण और उपनिषद आदि सभी प्राचीन ग्रंथों में शिव को आराध्य देव बताया गया है। भगवान शिव देवों में श्रेष्ठ हैं, सभी कष्टों को हर लेते हैं और अपने भक्तों को सदैव प्रिय रहते हैं।
श्रावण मास में भगवान शिव का पूजन विशेष माना जाता है। इस मास में शिव की पूजा से विशेष फल मिलता है, जिसमें एक लोटा जल, दूध और बिल्व पत्र का उपयोग होता है।
भगवान शिव के कई रूप हैं, जैसे महाकाल, भूतनाथ, नीलकंठ, अमरनाथ, मुकुटेश्वर महादेव और त्रिलोकीनाथ आदि। श्रावण की महिमा सुनने से सिद्धियां भी मिलती हैं। हर साल श्रावण मास में भगवान के दर्शन के लिए श्रद्धालु निकलते हैं और शिवालयों में भक्तों की भीड़ रहती है, और कोई निराश नहीं लौटता।
शिव को देवों में श्रेष्ठ कहा जाता है क्योंकि उन्होंने ब्रह्मा, उत्पति महेश्वर के अंश से हुई है। शिव की पूजा से जीवन के सभी कष्टों का समाधान होता है। इस बार अधिक मास के कारण श्रावण की महिमा बढ़ गई है, और इस मास के सोमवार का विशेष महत्व भी है।
क्या है कालसर्प योग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति के जन्मांग चक्र में राहु और केतु की स्थिति आमने-सामने होने से कालसर्प योग बनता है। इसे कालसर्प दोष भी कहा जाता है।
कालसर्प दोष के संकेत
कुंडली में कालसर्प दोष होने पर कई तरह के संकेत दिखाई देते हैं। कालसर्प दोष से प्रभावित व्यक्ति को नौकरी और व्यापार में परेशानियां होती हैं, सपनों में सांप दिखाई देते हैं, गृह क्लेश रहता है, निर्णय लेने में असमर्थता होती है, कार्य में बाधाएं आती हैं, शत्रुओं का हावी होने की संभावना बढ़ जाती है आदि।
कालसर्प दोष से मुक्ति के उपाय
कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए विशेष उपाय किए जा सकते हैं, जैसे सोमवार को भगवान शिव के शिवलिंग पर गंगाजल से महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करने से भी कालसर्प दोष से निजात मिलती है।
इसके अलावा, चांदी के सर्प का जोड़ा बनाकर सोमवार, शिवरात्रि या नागपंचमी को दूध में रखकर शिवलिंग पर चढ़ाने या अभिषेक करने से भी कालसर्प दोष का निवारण होता है। इसके लिए सर्व गायत्री या महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया जाना चाहिए। यह कार्य विशेषज्ञ ब्राह्मण के मार्गदर्शन में करवाना बेहद उपयुक्त होता है।
यदि किसी की कुंडली में कालसर्प दोष हो और वह समस्याओं से पीड़ित हो रहा हो, तो वह शिवलिंग पर चढ़ाई गई धूप और चांदी के सर्प के जोड़े के साथ यजमान ब्राह्मण को दान देने के अलावा, अपने दिनचर्या में श्री शिव ध्यान और मंत्र जाप को शामिल कर सकते हैं। यह उपाय समस्याओं के निवारण में सहायक साबित होता है।
अगर किसी व्यक्ति को कालसर्प दोष के संकेत मिल रहे हों और वह इसे निवारण करने के उपाय करना चाहता है, तो उसे श्रद्धा और नियमितता के साथ उपायों को अपनाना चाहिए। यदि इसे उचित रूप से किया जाए, तो यह कालसर्प दोष से निजात दिलाने में सफल हो सकता है। आपके आस-पास शास्त्रज्ञ या पंडितों से सलाह लेना भी उचित रहेगा।
ध्यान रहे कि ज्योतिष शास्त्र विशेषज्ञ होने के बावजूद भी, यह किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत परिस्थितियों और जन्म कुंडली के आधार पर अलग-अलग हो सकता है। इसलिए, कालसर्प दोष के उपाय करने से पहले, सभी दिशा-निर्देशों का पालन करना अत्यंत जरूरी है।
नोट: यहां उपाय दिए गए हैं उन्हें करने से पहले कृपया अपने विशिष्ट स्थिति के अनुसार विशेषज्ञ ज्योतिषी या पंडित से परामर्श लें। अशुभ फल से बचने के लिए उचित विधि और विधान से किए गए उपाय ही समाधान दिलाएंगे।