
15/05/2025
उत्तर प्रदेश सरकार ने डेयरी के कारोबार को और बढ़ाने के लिए अपनी नीति में बदलाव किया है। इस नीति का नाम उप्र दुग्धशाला विकास व दुग्ध उत्पादन प्रोत्साहन नीति-2022 है और इसमें दूसरी बार सुधार किया गया है। अब सरकार दूध से जुड़े व्यवसाय शुरू करने या उसे बेहतर करने के लिए पैसे की मदद देगी। अगर कोई नई दुग्धशाला खोले या पशुओं के लिए चारा बनाने की जगह बनाए, तो उसे खर्च का 35 प्रतिशत हिस्सा, यानी ज्यादा से ज्यादा पांच करोड़ रुपये मिल सकते हैं। डेयरी को और अच्छा करने के लिए ढाई करोड़ रुपये तक, दूध की जांच के लिए मशीनें खरीदने के लिए एक करोड़ रुपये तक, और दूध को ठंडा रखने वाली गाड़ियों या टैंकरों के लिए भी एक करोड़ रुपये तक की मदद मिलेगी। अगर कोई चारा बनाने की जगह को और बड़ा करना चाहे, तो दो करोड़ रुपये तक की सहायता मिल सकती है। छोटे व्यवसाय जो दूध से खास चीजें बनाते हैं, उन्हें मशीनें खरीदने के लिए खर्च का आधा हिस्सा, यानी 50 लाख रुपये तक मिल सकता है। यह सब इसलिए है ताकि ज्यादा लोग डेयरी के काम में पैसा लगाएं और यह कारोबार और मजबूत हो।