17/06/2025
क्या जीवित व्यक्ति को गरूड पुराण पढ़ना चाहिए ?
आज इस पोस्ट मे हम गरूड पुराण के बारे मे जानेंगे। जानेंगे की मनुष्य को जीते जी गरूड पुराण पढ़ना चाहिए या नहीं पढ़ना चाहिए। तो चलिए बिना देरी किए पढ़ते हैं आज की पोस्ट-
मित्रों ! अक्सर आपने गरुड़ पुराण के बारे में बहुत सी बातें सुनी होगी, जिसमें कि हमें ज्यादातर समाज में यह सुनने को मिलता है कि किसी भी जीवित मनुष्य को गरुड़ पुराण नहीं पढ़ना चाहिए।
इतना ही नहीं अधिकतर लोगों के मन में यह डर बैठा दिया गया है की अगर कोई जीवित मनुष्य इस पुराण को पड़ता है या अपने पास रखता भी है तो उसके जीवन में हर समय कुछ न कुछ घटनाएं घटती रहती है।
लेकिन दोस्तों! ऐसा बिल्कुल भी नही है ,क्योंकि आज हम गरुड़ पुराण के बारे में आपको ऐसा रहस्य बताने वाले हैं जिसे जानने के बाद आप इस भय से मुक्त हो जाएंगे।
प्रिय पाठकों! गरुड़ पुराण का पाठ किसी परिजन की मृत्यु के पहले कभी भी पढ़ा जा सकता है। गरूड पुराण को हर जिवित मनुष्य पढ़ सकता है। जो व्यक्ति गरूड पुराण पढ़ने की इच्छा रखता है इसे बेखौफ हो कर पढ़ सकता है और घर मे पुराण का पाठ करवा भी जा सकता है।
गरूड पुराण मे स्वर्ग,नर्क, पाप और पुण्य के अलावा भी बहुत कुछ है। गरूड पुराण मे ज्ञान ,विज्ञान ,नीति ,नियम और धर्म की बातें हैं। गरुड़ पुराण को सनातन धर्म में 18 पुराणों में से एक माना जाता है।
दान के अधिष्ठात्री देव भगवान विष्णु हैं। हिंदू धर्म में कुल 18 पुराण हैं उन्हीं में से एक गरुड़ पुराण है जिसमें कुल 18000 श्लोक और 271 अन्य है।
गरूड पुराण मे एक ओर जहां मौत का रहस्य है,तो वहीँ दूसरी ओर जीवन का रहस्य छुपा हुआ है। गरूड पुराण से हमें कई तरह की शिक्षा मिलती है। गरुण पुराण में मृत्यु के पहले और बाद की स्थिति के बारे में बताया गया है।
गरूड पुराण में भगवान विष्णु और उनके वाहन गरुड़ के बीच हुए संवाद का वर्णन किया गया है।दोस्तों,अक्सर ये देखा गया है कि जब किसी के परिवार मे किसी की मृत्यु हो जाती है या कोई मृत्यु शय्या पर होता है ,तो उस घर में गरूड का पाठ कराया जाता है।
और यही सब देखकर लोगों के मन मे डर बैठ जाता है कि ,जीवित मनुष्य गरूड पुराण का पाठ ना कर सकता और ना ही अपने पास रख सकता है। परंतु ऐसा नहीं है क्योंकि गरुड़ पुराण के शुरू में ही इसके पाठ करने से संबंधित महात्म्य के बारे में बताया गया है।
जिसके अनुसार यदि कोई जीवित मनुष्य अपने जीवन में इस पवित्र पुराण का पाठ करता है, तो उसे यश,विद्या,सोंदर्य,लक्ष्मी,विजय और आरोग्य आदि के विषय में ज्ञान की प्राप्ति होती है।
जो मनुष्य इसका नियमित पाठ करता है या सुनता है, तो वह सब कुछ जान जाता है। और उसे अंत में स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
जो मनुष्य एकाग्रचित्त होकर इस गरूड पुराण का पाठ करता है सुनता है या जो लिखता है अथवा जो पुस्तक के रूप मे ही इसको अपने पास रखता है,वह मनुष्य यदि धर्माथी है तो उसे धर्म की प्राप्ति होती है। और यदि वो अर्थ का अभिलाषी है, तो वह अर्थ प्राप्त करता है।
गरुड़ पुराण के अनुसार ,ऐसे लोग जो अपने माता-पिता या संतान को दुखी करते हैं ,वो अगले जन्म में धरती पर जन्म नहीं ले पाते ब्लकि जन्म लेने से पहले गर्भ मे ही उनकी मृत्यु हो जाती है।
ऐसे लोग जो महिलाओं का शोषण करते है या कराते हैं, वे अगले जन्म में भयंकर बीमारियों से पीड़ित होते हैं। और शारीरिक कष्ट मे जीवन बिताते है।
जिस मनुष्य के हाथ में यह महापुराण विद्यमान है उसके हाथ में ही नीतियों का भंडार है जो प्राणी इस पुराण का पाठ करता है इसको सुनता है। वह भोग और मोक्ष दोनों को प्राप्त कर लेता हैगरूड पुराण को केवल एक बार पढ़ने व सुनने से मनुष्य को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष इन चारों पुरुषार्थ ओं की सिद्धि हो जाती हैं।
गरूड पुराण का पाठ करके या सुन कर ,पुत्र चाहने वाला मनुष्य पुत्र प्राप्त करता है तथा कामना का इच्छुक अपनी कामना प्राप्ति में सफलता प्राप्त कर लेता है। बंध्या स्त्री वह स्त्री जिसको संतान सुख ना मिला हो उसको पुत्र सुख प्राप्त होता है।