21/01/2024
राम आ रहे है....
राम आ रहे है अपने घर, दूसरे वनवास के पश्चात लगभग 500 वर्ष बाद।
इस बार प्रभु राम एक बड़े संघर्ष, असहनीय पीड़ा, उनपर लगे आक्षेप को छोड़ कर बड़े उद्देश्य के साथ आ रहे है। ऐसा होता दिख रहा है कि कष्ट की बीती हुई 5 शताब्दी पर आने वाला 2 दशक ही भारी पड़ेगा। आने वाले दशक में यह काल खंड नए भारत का नव -जागरण काल कहा जायेगा, राम युग कहा जायेगा जिसके हम सब प्रत्यक्षदर्शी कहलाएंगे।
इस बार की राम यात्रा अत्यधिक महत्वपूर्ण और रोचक रही है क्योंकि इस बार की लड़ाई राम की लड़ाई नही थी, राम के लिए थी। प्रभु इस युग में सारथी थे और प्रत्यंचा थाने खड़े थे ‘ राम भक्त’ हनुमान और उनकी वानर सेना (कार सेवक) जिन्होंने लगातार 500 वर्षों तक आपने प्रभु के लिए संघर्ष किया।
हरण इस बार भी हुआ था, विदेशी आक्रांताओं के द्वार भारत माता का और इस बार तो कई जटायु वीरगति को प्राप्त हुई उनकी रक्षा करते- करते। इस बार भी अहिल्या जैसे पत्थर से हो गए थे लोग ये सुनते- सुनते कि मंदिर कब बनेगा! और राम आकर उनको जीवंत कर रहे है। इस बार भी त्रिजटा जैसे लोग है जो पहले विद्यालय और चिकित्सालय की रट लगाए थे पर अब वे प्रभु की वानर सेना के हितचिंतक है। अब तक धैर्य से सबरी की तरह प्रतीक्षारत लोगों को ये रात्रि चुभ रही है पर इस चुभन में भी एक आनंददायक पीड़ा है। इस बार भी लगभग रामायण के हर एक घटनाओं की पुनरावृत्ति हुई हैं एक नए रूप और नए संदर्भ में।
‘ राम आ रहे हैं’ मस्तिष्क में जब ये ध्वनि तरंगें बनती है तो पूरे काल खंड में घटित घटनाओं को समेटते हुए समुद्र तल से जा टकराकर उनमें उफान ला देती है और आंखें गंगा सागर में रामनाम की डुबकी लगाने लगती हैं और यदि ज्वार आ जाए तो ये खारा जल कपोल को भीगो देता है।
कल का सुबह सभी को भावुक कर देने वाला होगा चाहे सबरी की तरह प्रतीक्षारत नेत्र जो राम की बाट देखते- देखते थक गए थे या अहिल्या की तरह बंद नेत्र जो राम के आने का अब तक स्वप्न देख रहें थे । आने वाली सुबह एक नई ऊर्जा और संदेश लेकर आ रही है जो आने वाली पीढ़ियों और भारत की दिशा और दशा को बदल देगी।