17/03/2025
#बेजुबान_का_लगाव_और_खालीपन
"एक कुत्ता आपको बिना किसी कारण के प्यार करता है, क्योंकि वह जानते हैं कि प्यार ही सब कुछ होता है"
तू 20 दिन का था, जब मेरे भतीजे के जन्मदिन मे तुम उपहार के रुप में मेरे घर आये थे, यहाँ पर तुम्हारा नामकरण "कैनिस" के नाम से किया गया। तुझसे मेरा बहुत दिनों तक कोई लगाव नहीं था, तुझे भी मै एक आम कुत्ते से जादा कुछ नहीं समझता था।
तुम धीरे धीरे बड़े होते गये और घर के बाहर भी तुम्हारा आना जाना शुरू हो चुका था, मुझसे भी तुम प्यार पाने की चाहत करने लगे और मै भी तुम्हारी भोली शक्ल और प्यार भरी आखों को देखकर कब तक दूर रह सकता था, कब तुमसे जुड़ गया पता ही नहीं चला।
भावनात्मक लगाव बढता चला गया और तुम भी मेरे परिवार के सदस्य बन गये। आहट पा कर भैकना , गेट पर आना तुम्हारे दिनचर्या में शामिल हो गया।
200-300 मीटर की दूरी से ही मेरे गाड़ी के आने का आहट तुमको मिल जाता था, मेरे आने पर तुमको खाने के लिए कुछ न कुछ जरूर चाहिए होता था, जिस दिन मै खाली हाथ आता तुम रुठ जाते और घंटों गुमसुम बैठे रहते, किसी तरह बहुत मनाने पर मानते थे।
तुम्हारे चक्कर में पडोसीयों से कई बार कहासुनी भी हो जाती थी यहाँ तक की FIR पुलिस का दंश भी झेलना पड़ा, फिर भी तुम दिल के करीब ही रहे, होते भी क्यू न, तुम तो हमारे परिवार के लिए खिलौना थे, माता जी, भाई, भाभी, भतिजा भतिजी, बेटा , पत्नी और कुछ खास दोस्तों से भी तुम्हारी बहुत पटती थी,
परिवार का भोजन भले ही देर सबेर बनता पर तुम्हार भोजन टाईम पर ही तुमको मिल जाता।
लाॅकडाऊन का समय थोड़ा परेशानी वाला था फिर भी तुम्हारे साथ समय कैसे बिता पता ही नहीं चला।
तुम्हारी तबियत कभी खराब भी होती तो मन परेशान हो जाता और तुम्हे ठीक होने के लिए जो भी करना पडता मै करता था।
तुम मेरे साथ लगभग 8 वर्षों तक रहे और ऐसा कभी नहीं हुआ की गेट में ताला बंद कर हम सभी एक साथ कहीं गये हों। तुम्हारे लिए कोई न कोई घर पर जरुर रहता, तुम्हारे साथ रहने पर कभी अकेलापन महसूस नहीं होता।
तुम्हारा मुझसे लगाव कुछ ऐसा था की अगर मै किसी कार्य बस 2-4 दिन के लिए बाहर जाता तो तुम परेशान हो जाते और खाना पीना भी बहुत मान मनौव्वल करने के बाद खाते। मै कहीं भी रहता तो कम से कम 2-3 बार विडियो काल पर तुमको जरूर देखता, और तुम भी मुझे देख कर संतुष्ट हो जाया करते।
सभी त्योहारों में तुम हमारे साथ रहते, डरते तो सिर्फ पटाखों से थे, होली तो मस्ती में बित जाता था, रक्षाबंधन पर भतिजी द्वारा राखी जरूर बधवाते थे।
आज तक तुमने किसी पर हमला नहीं किया और ना ही किसी को काटा, तुम्हारे भौकने मात्र से लोग सहम जाया करते, तुम्हारे रहते कभी मुझे डोर बेल की जरूरत नहीं पड़ी, कोई भी गेट पर आता तुम आहट पा कर ही भौकने लगते।
आज दिनांक 17-03-2025 दिन सोमवार को मेरा घर सुना पड़ गया, जैसे कोई काम ही नहीं है हर तरफ खालीपन, सुबह से घर में चुल्हा तक नहीं जला,
क्योंकि आज तुम हमसब के बिच नहीं हो, ब्रह्मम् बेला में सुबह 4:45 पर तुम्हारे सांसों की पूजी समाप्त हो गयी, सभी ने भरपूर प्रयास किया की तुम्हे बचा लिया जाय पर ऐसा हो नहीं सका, 2 बजे रात तक डाक्टर रजनीश के द्वारा तुम्हारा ईलाज चलता रहा, थोड़ा आराम होने पर डाक्टर साहब अपने घर चले गये, तुम बेजुबान थे इसलिए हम सभी सारी रात बैठे रहे, तुम्हारा हावभाव देखकर ही मै जरूरत समझ जाता था, पर तुमने कोई भी हावभाव नहीं दिखाया और चुपके से हम सब के बिच से हमेशा हमेशा के लिए चले गये।शायद यह खालीपन अब कोई भर नहीं पायेगा, आज मुझे कैसा महसुस हो रहा है, उसके लिए मेरे पास कोई शब्द नहीं है, इतना लिखते लिखते मेरी आंखें भर आयीं है अब बस.............
बाबा काल भैरव जी तुमको मुक्ति प्रदान करें।
"कुत्ते हमेशा उन लोगों के प्रति वफ़ादार होते हैं, जो लोग उनके साथ भावनात्मक रूप से जुड़े होते हैं।"
भावभीनी श्रद्धांजली मेरे दोस्त 🙏