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BHU में चल रहे मेडिकल मोर्चे से एक सवाल...जो लोग 2016 में पोस्टर लगा रहे थे, क्या सब भूल गए?नीचे पोस्टर में लिखे नाम ध्य...
20/06/2025

BHU में चल रहे मेडिकल मोर्चे से एक सवाल...

जो लोग 2016 में पोस्टर लगा रहे थे, क्या सब भूल गए?
नीचे पोस्टर में लिखे नाम ध्यान से पढ़िए।

10 साल से वही स्क्रिप्ट, वही कहानी, वही टीम — बस इस बार विरोध उसी के इशारे पर हो रहा है जिसके खिलाफ कभी धरना दिया था।

2016 में CT स्कैन ठेके को लेकर जिन विधायक जी और मनोज शाह पर 12 करोड़ के भ्रष्टाचार और दलाली के आरोप लगाए थे — उनकी टीम में जाते ही सब धुल गया?

यही लोग उस समय सर सुंदरलाल अस्पताल के सिटी स्कैन सेंटर में घोटाले के खिलाफ़ आंदोलन कर रहे थे।
जब VC ने निलंबित किया तो माफ़ी मांग ली, और मौका मिलते ही उन्हीं नेता जी की पार्टी जॉइन कर ली।

अब 2025 में वही मोर्चा, वही ढोंग —
बस टेंडर किसी और को दिलाने की नई ड्यूटी निभाई जा रही है।

साफ एजेंडा:
✅ टेंडर अपने लोगों को मिले
✅ पैसा बँटे बिना विरोध नहीं रुके
❌ BHU के छात्रों से कोई मतलब नहीं
❌ मरीज़ों की सेवा सिर्फ़ बहाना

छात्रों से अपील है –
जागिए, पहचानिए असली चेहरे।
भ्रष्टाचार के नाम पर मेडिकल माफिया की लड़ाई में मोहरा मत बनिए।

अब भ्रष्टाचार के खिलाफ़ आंदोलन वही लोग करेंगे जो खुद साझीदार हैं तो कैसे चलेगा भाई।

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदर लाल हॉस्पिटल और ट्रॉमा सेंटर में चल रहे विवाद पर बड़ा खुलासा! 🚨टेंडर घोटाले और माफि...
18/06/2025

काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदर लाल हॉस्पिटल और ट्रॉमा सेंटर में चल रहे विवाद पर बड़ा खुलासा! 🚨

टेंडर घोटाले और माफिया गठजोड़ की परतें खुल रही हैं।
क्या है पूरा मामला?
जानने के लिए पढ़ें BHU डायरीज की ये रिपोर्ट।



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काशी हिंदू विश्वविद्यालय ट्रॉमा सेंटर विवाद: टेंडर घोटाले और माफिया गठजोड़ का परत-दर-परत खुलासाकाशी हिंदू विश्वविद्यालय ...
17/06/2025

काशी हिंदू विश्वविद्यालय ट्रॉमा सेंटर विवाद: टेंडर घोटाले और माफिया गठजोड़ का परत-दर-परत खुलासा

काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के ट्रॉमा सेंटर में उठा हालिया विवाद महज एक झगड़े से शुरू हुआ, लेकिन अब यह मामला विश्वविद्यालय में चल रही गहरी साज़िश, भ्रष्टाचार, और टेंडर घोटाले की कहानी बन चुका है। सतह पर यह प्रशासन बनाम आंदोलन का टकराव लगता है, लेकिन हकीकत इससे कहीं गहरी और संगठित है।

ट्रॉमा सेंटर की अपेक्षाकृत साफ-सुथरी व्यवस्था बनी निशाना?
BHU ट्रॉमा सेंटर पूर्वांचल और बिहार के हज़ारों मरीजों के लिए उम्मीद की किरण है। यहाँ सरकारी दरों पर इलाज, जांच और दवा की व्यवस्था है, और बाहर की दवा लिखने की प्रवृत्ति काफी सीमित है। पारदर्शी और ईमानदार व्यवस्था ने इसे खास बनाया है, लेकिन यही बात उन गुटों को खटक रही है जो इस व्यवस्था से आर्थिक लाभ नहीं ले पा रहे।

24 मई का मामूली झगड़ा बना बड़ा विवाद

24 मई 2025 को एम्स कमेटी का निरीक्षण था। इसी दिन ट्रॉमा सेंटर में डॉ. शशि प्रकाश मिश्रा और कैंटीन संचालक के बीच विवाद हुआ, जिसमें अस्पताल के दो बाउंसर गार्ड का भी नाम सामने आया। कैंटीन संचालक ने हाइ कोर्ट के आदेश से FIR कराई तो वहीं डॉ शशि प्रकाश ने लंका थाने में तहरीर देकर तो मुख्यतः दोनों पक्षों ने FIR दर्ज कराई।

26 मई 2025 से इस मामूली झगड़े को बहाना बनाकर कुछ पूर्व छात्र नेता और स्थानीय तत्वों ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए बखेड़ा शुरू किया।

MRI टेंडर की परतें: असली खेल
कुछ दिनों पहले BHU के मल्टी सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में MRI मशीन लगाने के लिए टेंडर निकला। यह ठेका करोड़ों का था, और इसे एक ऐसी कंपनी को दिया गया, जिसके मालिक एक स्थानीय विधायक से जुड़े हैं। जांच में सामने आया कि इस कंपनी द्वारा दिए गए GST नंबर में गड़बड़ी है—यह नंबर फर्जी पाया गया।

BHU प्रशासन से शिकायत हुई और फिर कोर्ट के आदेश से मुकदमा दर्ज हुआ। इससे टेंडर पाने वाली कंपनी और उससे जुड़े रसूखदार लोग बेचैन हो गए।

जिस व्यक्ति ने सुंदरलाल अस्पताल के MRI टेंडर का फर्जीवाड़ा उजागर किया, उसका ट्रॉमा सेंटर में CT Scan और MRI का टेंडर है। अब टेंडर गड़बड़ी उजागर करने वाले पर जवाबी कार्रवाई की योजना बनी। ट्रॉमा प्रभारी पर दबाव डाला गया कि इस व्यक्ति का टेंडर रद्द कर दें। लेकिन चूंकि उसके टेंडर में कोई तकनीकी खामी नहीं थी, प्रभारी ने टेंडर रद्द करने इनकार कर दिया। बस, यहीं से वो टारगेट बन गए। मेडिकल माफिया, और स्थानीय विधायक के गठजोड़ ने हटाने की रणनीति बनाई। बाउंसर विवाद को मुद्दा बनाया गया, और ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी को बदनाम करने की मुहिम शुरू हुई।

यह मामला अब कोई व्यक्तिगत या विभागीय विवाद नहीं रह गया है। यह सवाल है कौन पारदर्शी और जिम्मेदार मेडिकल व्यवस्था के साथ खड़ा है? और कौन भ्रष्टाचारियों और माफिया गठजोड़ के साथ?

फिलहाल BHU प्रशासन की ओर से कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है, लेकिन इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए छात्र, शिक्षक, और नागरिक समाज को सच जानने की कोशिश करनी चाहिए।

📢 NSUI-BHU का धरना प्रदर्शन शुरू🗓️ 04 जून 2025 | 📍BHU मैत्री कैंटीन मैत्री कैंटीन और एग्रो कैफ़े की हालत खस्ताहाल है, अच...
04/06/2025

📢 NSUI-BHU का धरना प्रदर्शन शुरू
🗓️ 04 जून 2025 | 📍BHU मैत्री कैंटीन

मैत्री कैंटीन और एग्रो कैफ़े की हालत खस्ताहाल है, अच्छे भोजन के लिए BHU के छात्र भटक रहे हैं।

NSUI-BHU की मांग है कि कैंटीन की हालत सुधरे, स्टाफ भर्ती हो, छात्रों को अच्छा भोजन और सुविधा मिले।

✊ कैंटीन चालू करो, छात्र हितों की सुनवाई करो!

UGC की नोटिस के बाद प्रोफेसर MP अहिरवार बने प्राचीन इतिहास विभाग के HOD।लंबे समय से प्रोफेसर अहिरवार इस मुद्दे पर संघर्ष...
02/05/2025

UGC की नोटिस के बाद प्रोफेसर MP अहिरवार बने प्राचीन इतिहास विभाग के HOD।

लंबे समय से प्रोफेसर अहिरवार इस मुद्दे पर संघर्ष कर रहे थे और विभिन्न माध्यमों से न्याय की लड़ाई लड़ रहे थे।

BHU में प्राचीन इतिहास विभागाध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर विवाद मामले में UGC ने यूनिवर्सिटी को दी नोटिसविभाग में बहुजन सम...
02/05/2025

BHU में प्राचीन इतिहास विभागाध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर विवाद मामले में UGC ने यूनिवर्सिटी को दी नोटिस

विभाग में बहुजन समाज से आने वाले प्रो. एमपी अहिरवार को वरिष्ठता में सबसे ऊपर होने के बावजूद विभागाध्यक्ष पद से वंचित कर दिया गया। विश्वविद्यालय ने UGC के नियमों के विरुद्ध ‘सीनियर प्रोफेसर’ नामक अवैध श्रेणी बनाकर नियुक्ति प्रक्रिया को प्रभावित किया।

UGC ने अब BHU को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। नियमानुसार शिक्षकों की केवल तीन श्रेणियां होती हैं—प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर।

UGC ने जांच पूरी होने तक BHU के पीएचडी एडमिशन प्रक्रिया में रोक लगाई।क्या लगता है आप सबको ये सही कदम है ?पिछले कई दिनों ...
28/04/2025

UGC ने जांच पूरी होने तक BHU के पीएचडी एडमिशन प्रक्रिया में रोक लगाई।

क्या लगता है आप सबको ये सही कदम है ?

पिछले कई दिनों से ABVP लगातार विश्वविद्यालय प्रशासन पर धांधली करके सीट बढ़ाने का दबाव बना रही है ताकि इकाई मंत्री का एडमिशन हो जाए।

वैभव मीणा ने JNU छात्र संघ चुनाव में सहसचिव पद पर जीत दर्ज की। वैभव ने BHU से एम.ए. हिंदी की पढ़ाई की है और अभी JNU में ...
28/04/2025

वैभव मीणा ने JNU छात्र संघ चुनाव में सहसचिव पद पर जीत दर्ज की। वैभव ने BHU से एम.ए. हिंदी की पढ़ाई की है और अभी JNU में पीएचडी कर रहे हैं।

यह जीत इसलिए भी बड़ी है क्योंकि ABVP ने पिछले 10 वर्षों में पहली बार सेंट्रल पैनल के किसी पद पर जीत दर्ज की है।

बधाई हो वैभव!

JNU छात्र संघ अध्यक्ष पद पर नीतीश कुमार की ऐतिहासिक जीत पर BHU, VT पर आज 28 अप्रैल 2025 को शाम 6 बजे जश्न में शामिल हों।
28/04/2025

JNU छात्र संघ अध्यक्ष पद पर नीतीश कुमार की ऐतिहासिक जीत पर BHU, VT पर आज 28 अप्रैल 2025 को शाम 6 बजे जश्न में शामिल हों।

हिंदी विभाग में ABVP के इकाई मंत्री को एडमिशन देने के लिए PhD सीट गैरकानूनी तरीके से बढ़ाने की साजिश चल रही है।आज विभिन्...
28/04/2025

हिंदी विभाग में ABVP के इकाई मंत्री को एडमिशन देने के लिए PhD सीट गैरकानूनी तरीके से बढ़ाने की साजिश चल रही है।

आज विभिन्न विभागों के स्टूडेंट्स ने कुलपति को पत्र लिखकर इस भ्रष्टाचार और घोटाले के खिलाफ आवाज उठाई। अगर एक विभाग में सीटें बढ़ सकती हैं तो विश्वविद्यालय के हर विभाग में सीटें बढ़े।

अगर एक कैटेगरी की सीट बढ़ सकती है तो OBC, SC, ST, UR सभी वर्गों के लिए रोस्टर के अनुसार सीटें बढ़े।

सीट घोटाला नहीं चलेगा। .kashi

JNU छात्र संघ चुनाव में लेफ्ट यूनिटी पैनल के प्रत्याशी नीतीश कुमार ने जीत दर्ज की।BHU से पढ़े नीतीश अभी JNU से PhD कर रह...
28/04/2025

JNU छात्र संघ चुनाव में लेफ्ट यूनिटी पैनल के प्रत्याशी नीतीश कुमार ने जीत दर्ज की।

BHU से पढ़े नीतीश अभी JNU से PhD कर रहे हैं और AISA के टिकट पर अध्यक्ष पद का चुनाव जीते हैं।

बधाई नीतीश ✨

रैंक 18 वाले ABVP इकाई मंत्री का एडमिशन जब शाखा के भाईसाहब वशिष्ठ द्विवेदी जी सारा साम दाम दंड भेद लगाकर नहीं करा पाए तो...
26/04/2025

रैंक 18 वाले ABVP इकाई मंत्री का एडमिशन जब शाखा के भाईसाहब वशिष्ठ द्विवेदी जी सारा साम दाम दंड भेद लगाकर नहीं करा पाए तो अब कुलपति के पास सीट बढ़ाने का मसौदा लेकर पहुंचे हैं। यही हिंदी विभाग के अध्यक्ष जी पहले अर्चिता का एडमिशन कैंसिल करके अपने चहेते भाईसाहब का करना चाहते थे।

अरे भाई साहब सारी जिंदगी दलित, आदिवासी, पिछड़े और महिला की सीटें खाई अब अपने लिए बढ़वाने भी लगे।

कुलपति जी अगर एक विभाग में सीट बढ़ाई तो पूरे BHU के 135 विभाग में बढ़ानी पड़ेगी और संविधान के अनुसार अगर EWS की 1 बढ़ेगी तो SC की 2, ST की 1, OBC की 3 और 4 ओपन सीट बढ़ानी पड़ेगी। स्टूडेंट छोड़ेंगे नहीं।

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