Prof. Sudhanshu TPS

Prof. Sudhanshu TPS "राष्ट्रवाद का उदय"

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30/05/2025

पप्पू 55 का हो गया हैं फिर भी अभी युवा नेता है, और मुसलमान 33 करोड़ हो गए हैं फिर भी अल्पसंख्यक है

और हम सब हिंदू मूर्ख हैं?

Do you support to Balochistan ??
15/05/2025

Do you support to Balochistan ??

07/05/2025

⚠️ POK में भारी संख्या में पाकिस्तानी जेट्स मंडरा रहे हैं। हमारी एयर फोर्स मुस्तैदी से पेट्रोलिंग कर रही है।

आज की रात बहुत लंबी कटने वाली है LoC पर ।

07/05/2025

उन्होंने धर्म पूछ कर मारा था

हमने धर्म (सिंदूर) बता कर मारा है

सरकारी मदद से तबाह डोली गांव: उदासीन जनप्रतिनिधियों की कहानी  : दुर्गसिंह राजपुरोहितडोली गांव की दुर्दशा आज किसी से छिपी...
10/04/2025

सरकारी मदद से तबाह डोली गांव: उदासीन जनप्रतिनिधियों की कहानी
: दुर्गसिंह राजपुरोहित

डोली गांव की दुर्दशा आज किसी से छिपी नहीं है। राजस्थान के बालोतरा जिले में बसा यह गांव कभी अपनी शांत और सरल जिंदगी के लिए जाना जाता था, लेकिन आज यह रासायनिक पानी, गंदगी, बदबू और मच्छरों के कहर का शिकार बन चुका है। जोधपुर से आने वाला प्रदूषित पानी इस इलाके को नरक में तब्दील कर रहा है। स्कूल, खेत और घर—सब इस जहरीले पानी की चपेट में हैं। लेकिन सबसे दुखद पहलू यह है कि इस संकट के लिए जिम्मेदार सरकारी मदद और उदासीन जनप्रतिनिधियों की चुप्पी ने ग्रामीणों को अकेला छोड़ दिया है। यह सवाल उठता है—क्या हमारे चुने हुए प्रतिनिधियों का कर्तव्य केवल वोट मांगना और वादे करना ही रह गया है?

डोली गांव की समस्या कोई नई नहीं है। सालों से औद्योगिक इकाइयों का दूषित पानी इस क्षेत्र में बहाया जा रहा है। शुरुआत में सरकार ने इसे गंभीरता से लिया—कमेटियां बनीं, जांच हुईं, और बड़े-बड़े दावे किए गए। लेकिन नतीजा? आज तक ग्रामीण राहत का इंतजार कर रहे हैं। स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता इस संकट को और गहरा रही है। विधायक हों या सांसद, इनके कानों पर जूं तक नहीं रेंगती। ग्रामीणों ने प्रदर्शन की चेतावनी दी, धरने दिए, लेकिन उनके प्रतिनिधि या तो मौन हैं या फिर औद्योगिक हितों के आगे नतमस्तक। क्या यह लोकतंत्र का मखौल नहीं है कि जिन्हें जनता की आवाज उठानी चाहिए, वे ही सबसे बड़े गुनहगार बन गए हैं?

यह सच है कि औद्योगिक विकास जरूरी है, लेकिन क्या यह विकास जनता की कीमत पर होना चाहिए? डोली के हालात इतने बदतर हैं कि बच्चे बीमार पड़ रहे हैं, मवेशी मर रहे हैं, और खेती चौपट हो रही है। प्रदूषित पानी से होने वाली बीमारियों ने ग्रामीणों की जिंदगी को और मुश्किल बना दिया है। फिर भी, स्थानीय नेताओं की प्राथमिकता में यह मुद्दा कहीं नहीं दिखता। जब ग्रामीण सड़कों पर उतरते हैं, तब जनप्रतिनिधि दिखावे के लिए पहुंचते हैं, दो-चार बातें बोलकर चले जाते हैं। उनकी यह ढोंग भरी सहानुभूति ग्रामीणों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसी है।

हैरानी की बात यह है कि डोली की समस्या का समाधान इतना जटिल भी नहीं है। प्रदूषित पानी को रोकने के लिए ठोस नीति, औद्योगिक इकाइयों पर सख्ती, और वैकल्पिक जल व्यवस्था बनाई जा सकती है। लेकिन इसके लिए इच्छाशक्ति चाहिए, जो हमारे जनप्रतिनिधियों में नदारद है। वे शायद यह भूल गए हैं कि उनकी कुर्सी जनता के वोटों से बनी है, न कि उद्योगपतियों के धन से। जब ग्रामीण धरने पर बैठते हैं, तो प्रशासन उन्हें समझाने में जुट जाता है, लेकिन असल जिम्मेदारों—यानी जनप्रतिनिधियों—को कोई सवाल नहीं पूछता। यह दोहरा रवैया लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर कर रहा है।

डोली गांव की यह कहानी सिर्फ एक गांव की नहीं, बल्कि उन तमाम जगहों की है, जहां जनप्रतिनिधियों की उदासीनता ने लोगों को सरकार से दूर कर दिया है। यह समय है कि हम अपने नेताओं से सवाल करें—आखिर उनकी जवाबदेही किसके प्रति है? अगर वे जनता की सुनवाई नहीं कर सकते, तो उनका पद पर बने रहना बेमानी है। डोली के ग्रामीण आज भी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि शायद कोई उनकी पुकार सुनेगा। लेकिन जब तक जनप्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारी नहीं समझेंगे, तब तक यह उम्मीद एक सपना ही रहेगी।

यह लेख सिर्फ डोली की व्यथा नहीं, बल्कि एक चेतावनी है—अगर हमने समय रहते अपने प्रतिनिधियों को नहीं जगाया, तो आने वाली पीढ़ियां हमें माफ नहीं करेंगी।

फोटो साभार : सोशल मीडिया

पति ड्यूटी गया थागुड़िया BF के साथ गुलछर्रे उड़ा रही थी🚨पति को शक हुआ तो रंगे हाथ पकड़ लिया....मामला झाँसी की हल्ली कॉलो...
10/04/2025

पति ड्यूटी गया था
गुड़िया BF के साथ गुलछर्रे उड़ा रही थी🚨

पति को शक हुआ तो रंगे हाथ पकड़ लिया....

मामला झाँसी की हल्ली कॉलोनी का है जहाँ
पति ने अपनी पत्नी को रंगे हाथ गुलछर्रे उड़ाते
पकड़ लिया, हुआ कुछ ऐसा कि पति रोज़ सुबह ड्यूटी जाता था और पति के जाने के बाद पत्नी अपने प्रेमी को घर पे बुलाकर रंगरेलियां मनाती थी और पति के आने से पहले उसे भगा देती थी लेकिन एक दिन पति को घर पे कुछ ऐसा मिला कि उसे शक हुआ कि उसके पीछे से कोई घर आता है

तो एक दिन अचानक ड्यूटी से जल्दी छुट्टी लेकर वो घर आया, तो घर के अंदर से अजीब सी आह उह की आवाजें उसे सुनाई दीं, तो उसने 112 नंबर पे फोन करके पुलिस बुलाई और दरवाजा खुलवाया तो अंदर का नज़ारा देखकर पुलिस भी हैरान रह गयी..

अंदर से पहले एक लड़का पूरे जोश में बाहर आया और वीडियो बना रहे पति को थप्पड़ जड़ दिया पुलिस के रोकने पे बोला कि मेरा क्या है मुझे तो ये बुलाती है इसलिए आता हूँ

लेकिन इसके वावजूद महिला पूरी अकड़ में
बोली कि "हाँ बुलाती हूँ " जो करना है कर लो
ये मेरे घर का मैटर है पुलिस क्या करेगी...

हालांकि पुलिस उस लड़के को अपने साथ थाने ले गयी पर कानून के हिसाब से उसपर कोई अपराध तबतक नहीं बनता जबतक वो महिला शिकायत न करे...

अब बताओ.. पति बेचारा क्या करे ?

गजब🤣🤣
05/04/2025

गजब🤣🤣

02/04/2025

बहुत बड़ी खबर 🚨

सेक्शन 40 खत्म अब वक़्फ़ किसी भी जमीन को अपना नहीं कह सकता✊

राम राम जी।
01/04/2025

राम राम जी।

25/03/2025

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से भयावाह तस्वीर आई सामने

लुलु मॉल के पास तेज़ रफ्तार SUV की टक्कर से स्कूटी सवार भाई - बहन छिटक कर गिरे दूर

स्कूटी को घसीटता हुआ भागा कार सवार




25/03/2025

बुलडोजर एक्शन पर जिनकी अंतरात्मा रो रही है !
इनकी निवास समुदाय विशेष बहुल इलाकों में बना दो बस ...सारी संविधान अंतरात्मा कानून इनके घुस जाएगी ! बहुत चुल मचा है सुरक्षा में बैठ के अंतरात्मा की आवाज़ सुनने की !

06/10/2023

भक्त नामावली - प्रेमानद महाराज जी

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Gomti Nagar
Vrindavan
226011

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