28/06/2025
माँ दुर्गा के अष्टोतरशतनाम का पाठ
या श्रवण करने से भगवती दुर्गा प्रसन्न हो जाती है। जो साधक माँ दुर्गा के इन १०८ नामो को भजता है, उसके लिए तीनो लोको मे कुछ भी असाध्य नही है। वह धन, धान्य, पुत्र, स्त्री, धर्म आदि चार पुरुषार्थ तथा अन्त मे सनातन मुक्ति को भी प्राप्त कर लेता है।
माँ दुर्गा के १०८ नाम इस प्रकार है :-
1. सती (पति के लिए, अग्नि में खुद को समर्पित करने वाली)
2.साध्वी (आशावादी)
3. भवप्रीता (भगवान् शिव पर प्रीति रखने वाली)
4. भवानी (ब्रह्मांड की निवासिनी)
5. भवमोचनी (संसार बंधनों से मुक्त करने वाली)
6. आर्या (देवी)
7. दुर्गा (अपराजेय)
8. जया (विजयी)
9. आद्या (शुरूआत की वास्तविकता)
10. त्रिनेत्रा (तीन आँखों वाली)
11. शूलधारिणी (शूल धारण करने वाली)
12. पिनाकधारिणी (शिव का त्रिशूल धारण करने वाली)
13. चित्रा (सुरम्य, सुंदर)
14. चण्डघण्टा (प्रचण्ड स्वर से घण्टा नाद करने वाली)
15. महातपा (भारी तपस्या करने वाली)
16. मन: (मनन- शक्ति)
17. बुद्धि (बोधशक्ति)
18. अहंकारा (अहंता का आश्रय)
19. चित्तरूपा (वह जो सोच की अवस्था में है)
20. चिता (मृत्युशय्या)
21. चिति: (चेतना)
22. सर्वमन्त्रमयी (सभी मंत्रों का ज्ञान रखने वाली)
23. सत्ता (सत्-स्वरूपा, जो सब से ऊपर है)
24. सत्यानन्दस्वरूपिणी (अनन्त आनंद का रूप)
25. अनन्ता (जिनके स्वरूप का कहीं अन्त नहीं)
26. भाविनी (सबको उत्पन्न करने वाली)
27. भाव्या (भावना एवं ध्यान करने योग्य)
28. भव्या (कल्याणरूपा)
29. अभव्या (जिससे बढ़कर कुछ भव्य नहीं)
30. सदागति (हमेशा गति में, मोक्ष स्वरुपा)
31. शाम्भवी (शिवप्रिया, शंभू की पत्नी)
32. देवमाता (देवगण की माता)
33. चिन्ता (चिन्ता)
34. रत्नप्रिया (गहने से प्यार करने वाली)
35. सर्वविद्या (ज्ञान का सार)
36. दक्षकन्या (दक्ष की बेटी)
37. दक्षयज्ञविनाशिनी (दक्ष के यज्ञ का नाश करने वाली)
38. अपर्णा (तपस्या के समय पत्ते को भी न खाने वाली)
39. अनेकवर्णा (अनेक रंगों वाली)
40. पाटला (लाल रंग वाली)
41. पाटलावती (गुलाब के फूल, लाल फूल या लाल परिधान धारण करने वाली)
42. पट्टाम्बरपरीधाना (रेशमी वस्त्र पहनने वाली)
43. कलामंजीरारंजिनी (पायल को धारण करके प्रसन्न रहने वाली)
44. अमेयविक्रमा (असीम पराक्रमवाली)
45. क्रूरा (दैत्यों के प्रति कठोर)
46. सुन्दरी (सुंदर रूप वाली)
47. सुरसुन्दरी (अत्यंत सुंदर)
48. वनदुर्गा (जंगलों की देवी)
49. मातंगी (मतंगा की देवी)
50. मतंगमुनिपूजिता (बाबा मतंगा द्वारा पूजनीय)
51. ब्राह्मी (भगवान ब्रह्मा की शक्ति)
52. माहेश्वरी (प्रभु शिव की शक्ति)
53. ऐन्द्री (इन्द्र की शक्ति)
54. कौमारी (किशोरी)
55. वैष्णवी (अजेय)
56. चामुण्डा (चंड और मुंड का नाश करने वाली)
57. वाराही (वराह पर सवार होने वाली)
58. लक्ष्मी (सौभाग्य की देवी)
59. पुरुषाकृति (वह जो पुरुष धारण कर ले)
60. विमला (निर्मल भाव वाली)
61. उत्कर्षिणी (श्रेष्ठतम)
62. ज्ञाना (ज्ञान से भरी हुई)
63. क्रिया (हर कार्य में होने वाली)
64. नित्या (अनन्त)
65. बुद्धिदा (ज्ञान देने वाली)
66. बहुला (विभिन्न रूपों वाली)
67. बहुलप्रेमा (सर्व प्रिय)
68. सर्ववाहनवाहना (सभी वाहन पर विराजमान होने वाली)
69. निशुम्भशुम्भहननी (शुम्भ, निशुम्भ का वध करने वाली)
70. महिषासुरमर्दिनि (महिषासुर का वध करने वाली)
71. मधुकैटभहंत्री (मधु व कैटभ का नाश करने वाली)
72. चण्डमुण्ड विनाशिनि (चंड और मुंड का नाश करने वाली)
73. सर्वासुरविनाशा (सभी राक्षसों का नाश करने वाली)
74. सर्वदानवघातिनी (संहार के लिए शक्ति रखने वाली)
75. सर्वशास्त्रमयी (सभी सिद्धांतों में निपुण)
76. सत्या (सत्यस्वरुपा)
77. सर्वास्त्रधारिणी (सभी हथियारों धारण करने वाली)
78. अनेकशस्त्रहस्ता (हाथों में कई हथियार धारण करने वाली)
79. अनेकास्त्रधारिणी (अनेक हथियारों को धारण करने वाली)
80. कुमारी (सुंदर किशोरी)
81. एककन्या (कन्या)
82. कैशोरी (जवान लड़की)
83. युवती (नारी)
84. यति (तपस्वी)
85. अप्रौढा (जो कभी पुराना ना हो)
86. प्रौढा (जो पुराना है)
87. वृद्धमाता (शिथिल)
88. बलप्रदा (शक्ति देने वाली)
89. महोदरी (ब्रह्मांड को संभालने वाली)
90. मुक्तकेशी (खुले बालो वाली)
91. घोररूपा (एक भयंकर दृष्टिकोण वाली)
92. महाबला (अपार शक्ति वाली)
93. अग्निज्वाला (मार्मिक आग की तरह)
94. रौद्रमुखी (विध्वंसक रुद्र की तरह भयंकर चेहरा)
95. कालरात्रि (काले रंग वाली)
96. तपस्विनी (तपस्या में लगे हुए)
97. नारायणी (भगवान नारायण की विनाशकारी शक्ति)
98. भद्रकाली (काली का भयंकर रूप)
99. विष्णुमाया (भगवान विष्णु की माया)
100. जलोदरी (ब्रह्मांड में निवास करने वाली)
101. शिवदूती (भगवान शिव की राजदूत)
102. कराली (हिंसक)
103. अनन्ता (विनाश रहित)
104. परमेश्वरी (प्रथम देवी)
105. कात्यायनी (ऋषि कात्यायन द्वारा पूजनीय)
106. सावित्री (सूर्य की बेटी)
107. प्रत्यक्षा (वास्तविक)
108. ब्रह्मवादिनी (वर्तमान में हर जगह वास करने वाली)
यज्ञाचार्य ज्योतिषाचार्य
पंडित अजय मिश्रा
वाराणसी उतर प्रदेश
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